मंडी। एक तरफ उच्च न्यायलय के निर्देशों पर मंडी शहर में प्रशासन मुस्तैदी से अवैध निर्माणों को उखाडने की कार्यवाही में जुटा है। वहीं पर दूसरी ओर जिला की नगवाईं पंचायत में हो रहे अवैध निर्माण को रोकने के लिये मानो गहरी नींद में सोया हुआ है। ग्राम पंचायत नगवाईं के प्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन, राजस्व विभाग व लोक निर्माण विभाग के रवैये पर कडा ऐतराज जताया है। नगवाईं से शिल्ह मशोरा तक पांच किलोमीटर लंबी निर्माणाधीन सडक के रास्ते में हो रहे अवैध निर्माण को रोकने में विभाग नाकाम रहे हैं। हालांकि पंचायत के पदाधिकारियों तथा क्षेत्र के निवासियों ने उपायुक्त, तहसीलदार व लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को इस संबंध में अनेकों शिकायतें दी है। विगत तीन जुलाई को तहसीलदार सदर की देखरेख, लोक निर्माण विभाग और राष्ट्रिय उच्च मार्ग के अधिकारियों की मौजूदगी में मौका पर निशानदेही भी की गई थी। इसके बावजूद यह अवैध निर्माण अभी भी जारी है और 25 जुलाई को उक्त व्यक्ति ने सरकारी भूमि में तीन आर सी सी पिलर खडे कर दिये हैं। उल्लेखनीय है कि निर्माणाधीन सडक पहले ही तीन-चार करम चौडे सरकारी रास्ते पर बन रही है। सडक के साथ ही तीन करम कुहल भी है। जिसका बडा हिस्सा भी इस अवैध निर्माण की चपेट में लिया जा रहा है। जिससे सडक और कुहल के बाधित होने का अंदेशा है। ग्राम पंचायत के प्रधान, वार्ड सदस्य नरेश कुमार, कौशल्या देवी, सरला देवी और संतोष ने बताया कि ऐसा लगता है कि यह निर्माण किसी उच्च राजनीतिक दबाब और अधिकारियों के गठजोड से हो रहा है। पंचायत प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को उपायुक्त मंडी और लोनिवि के मुखय अभियंता को शिकायत दे कर कहा कि निर्माणाधीन सडक के लिए सरकारी खजाने से करीब 35 लाख रूपये की राशि खर्च हो चुकी है और इसके निर्माण के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक योजना तथा अन्य मदों से करीब डेढ करोड रूपये की राशि मंजूर भी हो गई है। इस सडक के बनने से 15 गांवों के हजारों लोगों को लाभ पहुंचेगा। इधर, कार्यकारी उपायुक्त गोपाल चंद ने इस मामले में आवश्यक कार्यवाही के निर्देश हैं। Friday, 26 July 2013
अवैध निर्माण न रोकने पर नगवाईं पंचायत प्रतिनिधियों ने किया ऐतराज
मंडी। एक तरफ उच्च न्यायलय के निर्देशों पर मंडी शहर में प्रशासन मुस्तैदी से अवैध निर्माणों को उखाडने की कार्यवाही में जुटा है। वहीं पर दूसरी ओर जिला की नगवाईं पंचायत में हो रहे अवैध निर्माण को रोकने के लिये मानो गहरी नींद में सोया हुआ है। ग्राम पंचायत नगवाईं के प्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन, राजस्व विभाग व लोक निर्माण विभाग के रवैये पर कडा ऐतराज जताया है। नगवाईं से शिल्ह मशोरा तक पांच किलोमीटर लंबी निर्माणाधीन सडक के रास्ते में हो रहे अवैध निर्माण को रोकने में विभाग नाकाम रहे हैं। हालांकि पंचायत के पदाधिकारियों तथा क्षेत्र के निवासियों ने उपायुक्त, तहसीलदार व लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को इस संबंध में अनेकों शिकायतें दी है। विगत तीन जुलाई को तहसीलदार सदर की देखरेख, लोक निर्माण विभाग और राष्ट्रिय उच्च मार्ग के अधिकारियों की मौजूदगी में मौका पर निशानदेही भी की गई थी। इसके बावजूद यह अवैध निर्माण अभी भी जारी है और 25 जुलाई को उक्त व्यक्ति ने सरकारी भूमि में तीन आर सी सी पिलर खडे कर दिये हैं। उल्लेखनीय है कि निर्माणाधीन सडक पहले ही तीन-चार करम चौडे सरकारी रास्ते पर बन रही है। सडक के साथ ही तीन करम कुहल भी है। जिसका बडा हिस्सा भी इस अवैध निर्माण की चपेट में लिया जा रहा है। जिससे सडक और कुहल के बाधित होने का अंदेशा है। ग्राम पंचायत के प्रधान, वार्ड सदस्य नरेश कुमार, कौशल्या देवी, सरला देवी और संतोष ने बताया कि ऐसा लगता है कि यह निर्माण किसी उच्च राजनीतिक दबाब और अधिकारियों के गठजोड से हो रहा है। पंचायत प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को उपायुक्त मंडी और लोनिवि के मुखय अभियंता को शिकायत दे कर कहा कि निर्माणाधीन सडक के लिए सरकारी खजाने से करीब 35 लाख रूपये की राशि खर्च हो चुकी है और इसके निर्माण के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक योजना तथा अन्य मदों से करीब डेढ करोड रूपये की राशि मंजूर भी हो गई है। इस सडक के बनने से 15 गांवों के हजारों लोगों को लाभ पहुंचेगा। इधर, कार्यकारी उपायुक्त गोपाल चंद ने इस मामले में आवश्यक कार्यवाही के निर्देश हैं।
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