मंडी। तेज रफतारी और लापरवाही से वाहन चलाकर दुर्घटना को अंजाम देने के आरोपी चालक को अदालत ने तीन माह के साधारण कारावास और 1500 रूपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है। मुखय न्यायिक दंडाधिकारी अजय मेहता के न्यायलय ने पधर निवासी कमलेश कुमार पुत्र लभु राम के खिलाफ भादंस की धारा 279, 337 और मोटर वाहन अधिनियम की धारा 181 के तहत अभियोग साबित होने पर उसे क्रमश: तीन-तीन और एक माह के साधारण कारावास और पांच-2 सौ रूपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना राशि निश्चित समय में अदा न करने पर आरोपी को क्रमश: 15-15 और 7 दिनों की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। ये सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। अभियोजन पक्ष के अनुसार 22 फरवरी 2009 को शिकायतकर्ता मोहन लाल ने बल्ह थाना के पास प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। मोहन लाल के अनुसार वह नेरचौक टैक्सी स्टैंड में एक टाटा सुमो में कंडक्टर सीट पर बैठे हुए थे। जबकि सुमो का चालक वाहन के बाहर खडा हुआ था। इसी दौरान डडौर से मंडी की ओर तेज गति में आ रहे टिप्पर ने टाटा सुमो को टक्कर मार दी। जिससे सुमो में बैठे शिकायतकर्ता को चोटें आई थी। मोहन लाल की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज करके अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए सहायक लोक अभियोजक राजरानी ने 11 गवाहों के बयान कलमबंद करवा कर मामले को साबित किया। अदालत ने आरोपी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य होने के कारण उसे तेज गति और लापरवाही से वाहन चलाकर दुर्घटना करके दुसरों की जिंदगी को खतरे में डालने और बिना वैध लाईसैंस के वाहन चलाने का दोषी करार दिया। जिसके चलते अदालत ने आरोपी को उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाय।
Tuesday, 9 July 2013
चालक को तीन माह की कैद1500 रूपये जुर्माने की सजा
मंडी। तेज रफतारी और लापरवाही से वाहन चलाकर दुर्घटना को अंजाम देने के आरोपी चालक को अदालत ने तीन माह के साधारण कारावास और 1500 रूपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है। मुखय न्यायिक दंडाधिकारी अजय मेहता के न्यायलय ने पधर निवासी कमलेश कुमार पुत्र लभु राम के खिलाफ भादंस की धारा 279, 337 और मोटर वाहन अधिनियम की धारा 181 के तहत अभियोग साबित होने पर उसे क्रमश: तीन-तीन और एक माह के साधारण कारावास और पांच-2 सौ रूपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना राशि निश्चित समय में अदा न करने पर आरोपी को क्रमश: 15-15 और 7 दिनों की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। ये सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। अभियोजन पक्ष के अनुसार 22 फरवरी 2009 को शिकायतकर्ता मोहन लाल ने बल्ह थाना के पास प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। मोहन लाल के अनुसार वह नेरचौक टैक्सी स्टैंड में एक टाटा सुमो में कंडक्टर सीट पर बैठे हुए थे। जबकि सुमो का चालक वाहन के बाहर खडा हुआ था। इसी दौरान डडौर से मंडी की ओर तेज गति में आ रहे टिप्पर ने टाटा सुमो को टक्कर मार दी। जिससे सुमो में बैठे शिकायतकर्ता को चोटें आई थी। मोहन लाल की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज करके अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए सहायक लोक अभियोजक राजरानी ने 11 गवाहों के बयान कलमबंद करवा कर मामले को साबित किया। अदालत ने आरोपी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य होने के कारण उसे तेज गति और लापरवाही से वाहन चलाकर दुर्घटना करके दुसरों की जिंदगी को खतरे में डालने और बिना वैध लाईसैंस के वाहन चलाने का दोषी करार दिया। जिसके चलते अदालत ने आरोपी को उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाय।
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