Tuesday, 29 September 2015

ज्वालापुर में चरमराई परिवहन सेवा


मंडी। सनोर घाटी के ज्वालापुर इलाके में परिवहन व्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गई है। पिछले करीब डेढ साल से इस इलाके में बसों के आने जाने के लिए कोई समय सारणी नहीं है। पनारसा-ज्वालापुर सडक इस क्षेत्र की आधा दर्जन पंचायतों को जोडती है। लेकिन परिवहन व्यवस्था की बुरी हालत होने के कारण इन पंचायतों में रहने वाले हजारों लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड रहा है। स्थानीय वासी एडवोकेट आर आर ठाकुर, सपना, ज्योति, सुनीता, नीलम, निशा, सुशमा, अजय, अशोक, सुनील कुमार, विपन कुमार और चमन ने क्षेत्र में समय सारणी के मुताबिक बसें चलाने की जिला प्रशासन से मांग की है। स्थानीय वासियों के अनुसार ज्वालापुर क्षेत्र के लिए हालांकि परिवहन निगम की ओर से दो-तीन बसें लगाई गई हैं। लेकिन ये बसें नियमित रूप से इस रूट पर नहीं चलती हैं। कभी तो बस आती ही नहीं है और कभी अपनी मनमर्जी से चलती हैं। क्षेत्र के छात्र-छात्राएं व स्थानीय लोग रोजाना मंडी, कुल्लू तथा अन्य जगहों को जाते और वहां से लौटते हैं। लेकिन बसों का कोई समय न होने के कारण उन्हे अपने गंतव्य तक पहुंच पाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है। विशेषकर महिलाओं, छात्राओं और बुजुर्गों को समय से बस न मिलने के कारण भारी असुरक्षा और असुविधाएं झेलनी पड रही हैं। उन्होने बताया कि क्षेत्रवासी अनेकों बार परिवहन निगम के अधिकारियों के समझ इस समस्या को उठा चुके हैं। लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्यवाही इस दिशा में नहीं हो पाई है। स्थानीय वासियों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि लोगों की समस्याओं को देखते हुए जल्द से जल्द आवश्यक कार्यवाही अमल में लाई जाए। उन्होने कहा कि बद से बदतर हो चुकी परिवहन व्यवस्था को जल्द सुधारने के प्रयास नहीं किए गए तो लोगों को संघर्ष और आंदोलन का रूख अखतियार करने के लिए बाध्य होना पडेगा।
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Thursday, 24 September 2015

45 सालों में पक्की नहीं हो पाई 6 किमी लंबी टकोली-भमसोई सडक


मंडी। द्रंग विधानसभा क्षेत्र में सनोर घाटी की लगभग आधा दर्जन पंचायतों को जोडने वाली करीब छह किमी लंबी टकोली-भमसोई सडक पिछले 45 सालों में पक्की नहीं हो पाई है। सडक को पक्की करने की मांग को लेकर क्षेत्र के लोगों ने मंगलवार को लोक निर्माण विभाग के उप मंडल अधिकारी को ज्ञापन दिया। इधर, अधिकारी ने ग्रामीणों को सडक के कुछ हिस्से को पकका करने का कार्य एक सप्ताह में शुरू करने का आश्वासन दिया है। सनोर घाटी की टकोली, कोटाधार, पाली, फर्श और नगवाईं पंचायत को जोडने वाली टकोली-भमसोई सडक इन दिनों खस्ता हाल है। इस सडक का निर्माण बागवानों-किसानों व स्थानीय वासियों को राहत देने के लिए साल 1970 में हुआ था। लेकिन क्षेत्रवासियों की सुविधाओं के प्रति बेरूखी दिखाते हुए इसे इतने समय बाद भी पक्का नहीं किया जा सका है। आलम यह है कि सडक गड्ढों से भरी हुई है और बरसात के समय तो इससे गुजरना असंभव हो जाता है। जी का जंजाल बनी इस सडक से स्थानीय वासियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पडता है। यह क्षेत्र बागवानी और किसानी के लिए मशहूर है। लेकिन सडक न होने के कारण लोगों को अपनी पैदावार उठाकर सब्जी मंडी पहुंचानी पडती है। स्थानीयवासियों ने करीब अढाई लाख रूपया इकठा करके सडक को ठीक भी करवाया था। वहीं पर अनेकों बार सडक को पक्का करने के लिए विभाग से आग्रह किया गया है। लेकिन इसके बावजूद कोई कार्यवाही न होने के कारण मंगलवार को करीब दो सौ स्थानीय वासियों का प्रतिनिधिमंडल इस बाबत लोनिवि के पनारसा एसडीओ से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने उपमंडल अधिकारी को ज्ञापन प्रस्तुत कर सडक को पक्का करने का काम शुरू करने का आग्रह किया है। प्रतिनिधिमंडल में पाली पंचायत के पूर्व प्रधान नेहर चंद, फर्श पंचायत के ठाकुर दास, द्रंग कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुंदर ठाकुर, टकोली पंचायत के पुर्व उपप्रधान नारायण ठाकुर, कांग्रेस नेत्री सरजू देवी, भाग चंद नंबरदार, शेष राम, दुनी चंद, खेम सिंह, ईश्वर दास, मोहन लाल गार्ड, पंच खेम सिंह, हरि सिंह, तारा चंद, राकेश कुमार, गिरधारी, धनदेव, रामप्रकाश गुड्डु, सोहन लाल भंडारी, राजेश कुमार, दिनेश कुमार, मोहर सिंह, देविन्द्र, चंद्रमणी, इंद्र सिंह, खीमा, मोहर सिंह और हेम सिंह सहित स्थानीय पंचायतों के लोग मौजूद थे। इधर, लोनिवि के एसडीओ पनारसा अनिल सूद से संपर्क करने पर उन्होने प्रतिनिधिमंडल के सडक पक्की करने की मांग को लेकर उनसे मिलने की पुष्टि की है। उन्होने बताया कि अगर अगले सप्ताह मौसम ठीक रहा तो सडक पक्का करने का काम शुरू कर दिया जाएगा। उन्होने बताया कि करीब एक किलोमीटर सडक को पक्का कर दिया गया है। जबकि मौजूदा बजट को देखते हुए आगे की करीब पांच सौ मीटर सडक को पक्का किया जाएगा। जिसके लिए मौका पर कार्य शुरू कर दिया गया है।
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मंडी में बनाया जाए आधुनिक पुस्तकालयः शहीद भगत सिंह विचार मंच

मंडी। प्रदेश की सांस्कृतिक और बौद्धिक राजधानी मंडी में आधुनिक और बेहतरीन पुस्तकालय के निर्माण की मांग की गई है। इस संदर्भ में शहर की संस्...