मंडी। चेक बाउंस के आरोपी की अपील को खारिज करते हुए अदालत ने सजा के फैसले को बरकरार रखा है। अपीलीय अदालत ने मुखय न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत से आरोपी को सुनाई गई 6 माह के साधारण कारावास और 1,65,000 रूपये हर्जाना राशि अदा करने की सजा का फैसला बरकरार रखा है। जिला एवं सत्र न्यायधीश सी एल कोछड के न्यायलय ने सदर तहसील के गागल गांव निवासी परस राम पुत्र हरी सिंह की अपील को खारिज करते हुए मुखय न्यायिक दंडाधिकारी द्वारा सुनाई गई सजा को बरकरार रखा है। आरोपी परस राम ने सजा के इस फैसले को अपीलीय अदालत में चुनौती दी थी। इस मामले के तथ्यों के मुताबिक हिमाचल ग्रामीण बैंक की गागल शाखा की शिकायत के तहत चलाए गए अभियोग के साबित होने पर सदर तहसील के गागल गांव निवासी परस राम पुत्र हरी सिंह को उक्त सजा का फैसला सुनाया है। बैंक की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता महेश चोपडा के अनुसार आरोपी ने बैंक से वाहन खरीदने के लिए लोन लिया था। लोन को चुकाने के लिए आरोपी ने 25 नवंबर 2011 को एक चैक जारी किया था। बैंक ने जब चेक को भुगतान के लिए लगाया तो आरोपी के खाते में पर्याप्त राशि न होने के कारण यह बाउंस हो गया। जिसके चलते बैंक ने अधिवक्ता के माध्यम से कानूनी नोटिस जारी करके राशि की मांग की थी। लेकिन आरोपी ने न तो राशि ही लौटाई और न ही नोटिस का जवाब दिया। ऐसे में बैंक ने अदालत में निगोशिएबल इंस्ट्रुमेंट अधिनियम की धारा 138 के तहत शिकायत दायर करके आरोपी पर अभियोग चलाया था। अपीलीय अदालत ने अपने फैसले में कहा कि मुखय न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायलय ने अभियोग के दौरान दोनों पक्षों के विवाद को ठीक ढंग से समझते हुए सही निश्कर्ष पर पहुंच कर सजा का फैसला सुनाया है। ऐसे में अदालत ने आरोपी की अपील को खारिज करते हुए सजा के फैसले को सही करार दिया है।
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