Friday, 5 August 2016

इस मानसून सत्र में टीसीपी संशोधित बिल लाए सरकारः संघर्ष समिति




मंडी। मकान नियमितीकरण संघर्ष समिति (मंडी) ने अनाधिकृत भवनों को बिना फीस, नक्शे और जैसे हैं जहां हैं के आधार पर नियमित करने की मांग की है। समिति ने प्रदेश सरकार को ज्ञापन प्रेषित करके आगामी विधानसभा के मानसून सत्र में टीसीपी का संशोधित बिल लाने की मांग की है। इसके अलावा समिति ने नियमितीकरण की प्रक्रिया पूरी होने तक सभी अनाधिकृत भवनों को बिजली और पानी के लिए अनापति प्रमाण पत्र जारी करने की मांग की है। मकान नियमितिकरण संघर्ष समिति के संयोजक उत्तम चंद सैनी, अध्यक्ष अमर चंद वर्मा, पदाधिकारी हितेन्द्र शर्मा, हरमीत सिंह बिट्टू, प्रदीप परमार, समीर कश्यप, सिटीजन कौंसिल के अध्यक्ष ओ पी कपूर, समिति सदस्य सरिता हांडा, लवण ठाकुर, रवि सिंह राणा व मनोज वर्मा ने बताया कि संशोधित बिल इस मानसून सत्र में लाने के लिए प्रदेश के मुखय मंत्री और शहरी विकास मंत्री को टीसीपी का संशोधित बिल विधानसभा के आगामी मानसून सत्र में लाने के लिए ज्ञापन प्रेषित किया गया है। उन्होने बताया कि मौजूदा टीसीपी एक्ट में नियमितीकरण के लिए सरकार ने सामान्य दरों की तुलना में 7000 से 15000 प्रतिशत फीस निर्धारित की हैै। जिसके कारण लोग अपने भवनों को नियमित करने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। इन दरों को निरस्त किया जाए और बिना फीस या आंशिक फीस निर्धारित करके, बिना नक्शे के जैसे हैं जहां हैं के आधार पर नियमित किया जाए। यह भारी भरकम फीस अदा करना आम नागरिक की पहुंंच से बहुत दूर है। समिति ने मांग की है कि 30 प्रतिशत सैट बैक की शर्त को हटाकर शत प्रतिशत डैविएशन को जैसा है वैसा ही नियमित किया जाए। समिति का कहना है कि प्रदेश के अलग-2 शहरों के डिवैलपमैंट प्लान में टीसीपी के अलग-2 नियम हैं। शिमला में जहां सैट बैक 2 मीटर है वहीं मंडी में यह 3 मीटर है। नाहन में 4 जमा एक मंजिल का प्रावधान है जबकि मंडी में सिर्फ 3 जमा एक मंजिल ही बनाई जा सकती है। मंडी में पार्किंग फलोर की ऊंचाई 2.3 मीटर है जबकि टीसीपी के साधारण नियमों में यह 3 मीटर है। समिति ने मांग की है कि इन विसंगतियों को दूर करके मंडी को भी अन्य शहरों की तरह छूट दी जाए और सभी शहरों के लिए एकसमान नियम लागू किए जाएं। समिति का कहना है कि हाल ही में शहरी विकास मंत्री ने शिमला नगर निगम में शामिल ढ़ली, टुटू और पटियोग आदि में बने भवनों को बिना फीस, नक्शा और जैसा है जहां है के आधार पर नियमित कर बिजली पानी की सुविधाएं मुहैया करने का आश्वासन दिया है। उसी तर्ज पर मंडी व अन्य क्षेत्रों में भी नियमितिकरण करके लोगों को पानी बिजली की मूलभूत सुविधा मुहैया करवाई जाए।
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