मंडी। हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने शिक्षा विभाग को सेवानिवृत मुखय अध्यापिका के सेवा संबंधी लाभ तीन माह में देने का फैसला सुनाया है। ट्रिब्युनल ने प्रदेश उच्च न्यायलय के फैसले के अनुरूप यह लाभ देने के आदेश दिये हैं। हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष वी के शर्मा ने खंड प्राथमिक पाठशाला साईगलू से सेवानिवृत मुखय अध्यापिका गायत्री देवी पत्नी सुशील कपूर की याचिका को स्वीकारते हुए प्रदेश सरकार के प्रधान सचिव को उनके सेवा संबंधी लाभ तीन माह में देने का फैसला सुनाया है। अधिवक्ता एस पी परमार के माध्यम से ट्रिब्यूनल में दायर याचिका के अनुसार याचिकाकर्ता ने अपने सेवाकाल में 17 सितंबर 1969 से 3 नवंबर 1970 तक बिना अवरोध के बतौर एड हॉक जेबीटी टीचर के रूप में कार्य किया था। ऐसे में इस अवधि को पेंशन और ग्रेज्युटी के लिए प्रदेश उच्च न्यायलय की ओर से दी गई व्यवस्था के तहत मान्यता दी जानी चाहिए तथा इस सेवाकाल के संशोधित पेंशन व सेवा संबंधी बकाया लाभ दिये जाने के निर्देशों का आग्रह किया था। जबकि डिप्टी एडवोकेट जनरल का इस मामले में कहना था कि अगर रिकार्ड से प्रमाणित हो जाता है कि याचिकाकर्ता उक्त फैसले के तहत आते हैं तो उनके केस पर विचार किया जा सकता है। प्रशानिक ट्रिब्युनल ने प्रदेश सरकार को निर्देश जारी किये हैं कि अगर याचिकाकर्ता का मामला उच्च न्यायलय के उक्त फैसले के तहत कवर होता है तो वेरिफिकेशन के बाद उन्हें तीन माह में सभी सेवा संबंधी लाभ देने का फैसला सुनाया है।
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