मंडी। चरस और अफीम सहित पकडे जाने के आरोपी को अदालत ने 10 साल के कठोर कारावास और एक लाख तीस हजार रूपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया। वहीं पर मामले के सहआरोपी के खिलाफ अफीम बरामद होने पर उसे तीन साल के कठोर कारावास और बीस हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई है। अतिरिक्त सत्र न्यायधीश पी पी रांटा की विशेष अदालत ने जिला बिलासपुर की उपतहसील नैना देवी के कलारी (नकराना) गांव निवासी प्रदीप कुमार पुत्र महेन्द्र सिंह के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 और 18 के तहत चरस व अफीम बरामद होने का अभियोग साबित होने पर क्रमश: 10 साल और 5 साल के कठोर कारावास और एक लाख तथा तीस हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना उचित समय पर न देने पर उसे क्रमश: एक साल और 6 माह के साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। वहीं पर मामले के सहआरोपी पंजाब के अमृतसर जिला के गुरू बाजार (छतराटा) निवासी रोहित गौतम पुत्र इंद्रजीत गौतम के खिलाफ धारा 18 के तहत अफीम बरामदगी का अभियोग साबित होने पर 3 साल के कठोर कारावास और 20 हजार रूपये जुर्माने और जुर्माना राशि निश्चित समय में अदा न करने पर 5 माह के साधारण कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपियों के खिलाफ संदेह की छाया से दूर अभियोग साबित होने पर उन्हे सजा का फैसला सुनाया गया। अभियोजन पक्ष के अनुसार औट थाना पुलिस का दल 15 अगस्त 2010 को रूटीन ट्रैफिक चैकिंग के लिए लारजी डैम के पास तैनात था। इसी दौरान एक मारूती वैन को चैकिंग के लिए रोका गया तो इसमें बैठे आरोपी पुलिस को देख कर घबरा गए। पुलिस ने संदेह के आधार पर आरोपियों की तलाशी ली तो प्रदीप की टांगों में नीकैप से बंघी हुई एक किलोग्राम 50 ग्राम चरस और 525 ग्राम अफीम बरामद हुई थी। जबकि आरोपी रोहित से 100 ग्राम अफीम मिली थी। पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए सहायक लोक अभियोजक अजय ठाकुर ने 8 गवाहों के बयान कलमबंद करवा कर आरोपियों के खिलाफ अभियोग को साबित किया। सजा की अवधि पर सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि तस्करी के मामलों से समाजिक तानेबाने पर पडने वाले दुष्प्रभाव को देखते हुए आरोपियों के प्रति नरम रूख नहीं अपनाया जा सकता। जिसके चलते अदालत ने आरोपियों से बरामशुदा नारकोटिकस की मात्रा को देखते हुए उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया। Thursday, 9 January 2014
चरस-अफीम बरामदगी पर 10 साल कडी कैद 1,30,000 जुर्माना
मंडी। चरस और अफीम सहित पकडे जाने के आरोपी को अदालत ने 10 साल के कठोर कारावास और एक लाख तीस हजार रूपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया। वहीं पर मामले के सहआरोपी के खिलाफ अफीम बरामद होने पर उसे तीन साल के कठोर कारावास और बीस हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई है। अतिरिक्त सत्र न्यायधीश पी पी रांटा की विशेष अदालत ने जिला बिलासपुर की उपतहसील नैना देवी के कलारी (नकराना) गांव निवासी प्रदीप कुमार पुत्र महेन्द्र सिंह के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 और 18 के तहत चरस व अफीम बरामद होने का अभियोग साबित होने पर क्रमश: 10 साल और 5 साल के कठोर कारावास और एक लाख तथा तीस हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना उचित समय पर न देने पर उसे क्रमश: एक साल और 6 माह के साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। वहीं पर मामले के सहआरोपी पंजाब के अमृतसर जिला के गुरू बाजार (छतराटा) निवासी रोहित गौतम पुत्र इंद्रजीत गौतम के खिलाफ धारा 18 के तहत अफीम बरामदगी का अभियोग साबित होने पर 3 साल के कठोर कारावास और 20 हजार रूपये जुर्माने और जुर्माना राशि निश्चित समय में अदा न करने पर 5 माह के साधारण कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपियों के खिलाफ संदेह की छाया से दूर अभियोग साबित होने पर उन्हे सजा का फैसला सुनाया गया। अभियोजन पक्ष के अनुसार औट थाना पुलिस का दल 15 अगस्त 2010 को रूटीन ट्रैफिक चैकिंग के लिए लारजी डैम के पास तैनात था। इसी दौरान एक मारूती वैन को चैकिंग के लिए रोका गया तो इसमें बैठे आरोपी पुलिस को देख कर घबरा गए। पुलिस ने संदेह के आधार पर आरोपियों की तलाशी ली तो प्रदीप की टांगों में नीकैप से बंघी हुई एक किलोग्राम 50 ग्राम चरस और 525 ग्राम अफीम बरामद हुई थी। जबकि आरोपी रोहित से 100 ग्राम अफीम मिली थी। पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए सहायक लोक अभियोजक अजय ठाकुर ने 8 गवाहों के बयान कलमबंद करवा कर आरोपियों के खिलाफ अभियोग को साबित किया। सजा की अवधि पर सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि तस्करी के मामलों से समाजिक तानेबाने पर पडने वाले दुष्प्रभाव को देखते हुए आरोपियों के प्रति नरम रूख नहीं अपनाया जा सकता। जिसके चलते अदालत ने आरोपियों से बरामशुदा नारकोटिकस की मात्रा को देखते हुए उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया।
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