मंडी। यहां के भगवान मुहल्ला स्थित संगीत सदन में जिला स्तरीय संगीत छात्र संगठन का गठन किया गया। जिला महिला सेल की प्रभारी लतेश की अध्यक्षता में संगठन का गठन हुआ और कार्यकारिणी चयनित की गई। जिसमें उमेश भारद्वाज को संगठन का प्रधान, चितरंजन महासचिव, लतेश कश्यप वरिष्ठ उपप्रधान लतेश कश्यप, ईशा कोषाध्यक्ष और समीर कश्यप को प्रेस सचिव चुना गया है। इसके अलावा कार्यकारिणी सदस्य के रूप में नंदिनी, रश्मि, भीम सेन, नरेन्द्र, संजय कुमार, कंवलजीत सिंह, प्रवीण और सुशील को चयनित किया गया है। प्रेस सचिव ने बताया कि यह हास्यास्पद है कि संगीत के छात्रों को इस विषय को पढने का मौका पहली बार बीए प्रथम में मिलता है। जबकि दस जमा दो और दसवीं तक यह विषय स्कूलों में पढाया ही नहीं जाता है। जिससे इस विषय में रूची रखने वाले छात्रों का समुचित विकास नहीं हो रहा है। संगठन ने मांग की है कि दस जमा दो तक की कक्षाओं में भी संगीत को अनिवार्य विषय के रूप में पढाया जाए। हालांकि कई पाठशालाओं में संगीत अध्यापक कार्य भी कर रहे हैं। लेकिन अधिकांश पाठशालाओं में संगीत शिक्षकों के पद रिक्त पडे हुए हैं। जबकि निजी स्कूलों में संगीत शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है। इसी तरज पर संगीत को दस जमा दो तक की कक्षाओं में भी नियमित विषय बना कर पढाया जाए और छात्रों के समुचित विकास के लिए संगीत शिक्षकों की तैनाती की जाए। संगीत छात्रों के समक्ष आने वाली कठिनाइयों के मुददों को लेकर आवाज बुलंद करने के मकसद से संगठन का गठन किया गया है। Tuesday, 28 January 2014
संगीत छात्र संगठन की कार्यकारिणी गठित
मंडी। यहां के भगवान मुहल्ला स्थित संगीत सदन में जिला स्तरीय संगीत छात्र संगठन का गठन किया गया। जिला महिला सेल की प्रभारी लतेश की अध्यक्षता में संगठन का गठन हुआ और कार्यकारिणी चयनित की गई। जिसमें उमेश भारद्वाज को संगठन का प्रधान, चितरंजन महासचिव, लतेश कश्यप वरिष्ठ उपप्रधान लतेश कश्यप, ईशा कोषाध्यक्ष और समीर कश्यप को प्रेस सचिव चुना गया है। इसके अलावा कार्यकारिणी सदस्य के रूप में नंदिनी, रश्मि, भीम सेन, नरेन्द्र, संजय कुमार, कंवलजीत सिंह, प्रवीण और सुशील को चयनित किया गया है। प्रेस सचिव ने बताया कि यह हास्यास्पद है कि संगीत के छात्रों को इस विषय को पढने का मौका पहली बार बीए प्रथम में मिलता है। जबकि दस जमा दो और दसवीं तक यह विषय स्कूलों में पढाया ही नहीं जाता है। जिससे इस विषय में रूची रखने वाले छात्रों का समुचित विकास नहीं हो रहा है। संगठन ने मांग की है कि दस जमा दो तक की कक्षाओं में भी संगीत को अनिवार्य विषय के रूप में पढाया जाए। हालांकि कई पाठशालाओं में संगीत अध्यापक कार्य भी कर रहे हैं। लेकिन अधिकांश पाठशालाओं में संगीत शिक्षकों के पद रिक्त पडे हुए हैं। जबकि निजी स्कूलों में संगीत शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है। इसी तरज पर संगीत को दस जमा दो तक की कक्षाओं में भी नियमित विषय बना कर पढाया जाए और छात्रों के समुचित विकास के लिए संगीत शिक्षकों की तैनाती की जाए। संगीत छात्रों के समक्ष आने वाली कठिनाइयों के मुददों को लेकर आवाज बुलंद करने के मकसद से संगठन का गठन किया गया है।
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