मंडी। धोखाधडी की नीयत से नकली दस्तावेज बनाकर जालसाजी करने का अभियोग साबित होने पर अदालत ने एक पंचायत सैक्रेटरी को 6 माह के साधारण कारावास और 2000 रूपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है। मुखय न्यायिक दंडाधिकारी अजय मैहता के न्यायलय ने सदर तहसील के अढवाड (मैरामसीत) गांव निवासी हेत राम पुत्र खुलू राम के खिलाफ जालसाजी, धोखाधडी, जाली दस्तावेज के प्रयोग और नकली मुहर बनाने का अभियोग भादंस की धारा 467,468,471 और 472 के तहत साबित होने पर क्रमश: छह-छह माह के साधारण कारावास और पांच-पांच सौ रूपये जुर्माने की सजा सुनाई। आरोपी के जुर्माना राशि निश्चित समय में अदा न करने पर एक-एक माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। ये सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। अभियोजन पक्ष के अनुसार 3 मार्च 2005 को बीडीओ सदर के सी सकलानी की ओर से सदर थाना में एक शिकायत दायर की गई। जिसके मुताबिक उक्त आरोपी ने पंचायत सैक्रेटरी रहते हुए मंडी के बैंक आफ बडौदा और कोटली स्थित स्टेट कोआपरेटिव बैंक से लोन लेने के लिए अपने सेलरी सर्टिफिकेट व अन्य दस्तावेजों पर हस्ताक्षरों में जालसाजी की थी। आरोपी ने उक्त बैंकों से क्रमश: 50 हजार और 63,000 रूपये का ऋण लिया था। आरोपी के ऋण वापिस न लौटाने पर यह मामला उजागर हुआ था। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करके अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए सहायक लोक अभियोजक अजय ठाकुर ने 19 गवाहों के बयान कलमबंद करवाए। जबकि बचाव पक्ष की ओर से भी 5 गवाहों के बयान दर्ज किये गए। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी के खिलाफ संदेह की छाया से दूर उक्त धाराओं के तहत अभियोग साबित हुआ है। ऐसे में अदालत ने उसे कारावास और जुर्माने का फैसला सुनाया।
Thursday, 2 January 2014
जालसाजी के आरोपी पंचायत सैक्रेटरी को 6 माह कारावास
मंडी। धोखाधडी की नीयत से नकली दस्तावेज बनाकर जालसाजी करने का अभियोग साबित होने पर अदालत ने एक पंचायत सैक्रेटरी को 6 माह के साधारण कारावास और 2000 रूपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है। मुखय न्यायिक दंडाधिकारी अजय मैहता के न्यायलय ने सदर तहसील के अढवाड (मैरामसीत) गांव निवासी हेत राम पुत्र खुलू राम के खिलाफ जालसाजी, धोखाधडी, जाली दस्तावेज के प्रयोग और नकली मुहर बनाने का अभियोग भादंस की धारा 467,468,471 और 472 के तहत साबित होने पर क्रमश: छह-छह माह के साधारण कारावास और पांच-पांच सौ रूपये जुर्माने की सजा सुनाई। आरोपी के जुर्माना राशि निश्चित समय में अदा न करने पर एक-एक माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। ये सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। अभियोजन पक्ष के अनुसार 3 मार्च 2005 को बीडीओ सदर के सी सकलानी की ओर से सदर थाना में एक शिकायत दायर की गई। जिसके मुताबिक उक्त आरोपी ने पंचायत सैक्रेटरी रहते हुए मंडी के बैंक आफ बडौदा और कोटली स्थित स्टेट कोआपरेटिव बैंक से लोन लेने के लिए अपने सेलरी सर्टिफिकेट व अन्य दस्तावेजों पर हस्ताक्षरों में जालसाजी की थी। आरोपी ने उक्त बैंकों से क्रमश: 50 हजार और 63,000 रूपये का ऋण लिया था। आरोपी के ऋण वापिस न लौटाने पर यह मामला उजागर हुआ था। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करके अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए सहायक लोक अभियोजक अजय ठाकुर ने 19 गवाहों के बयान कलमबंद करवाए। जबकि बचाव पक्ष की ओर से भी 5 गवाहों के बयान दर्ज किये गए। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी के खिलाफ संदेह की छाया से दूर उक्त धाराओं के तहत अभियोग साबित हुआ है। ऐसे में अदालत ने उसे कारावास और जुर्माने का फैसला सुनाया।
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