मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने बीमा कंपनी को उपभोक्ता के पक्ष में 1,76,950 रूपये की मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करने का फैसला सुनाया। कंपनी की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले 5000 रूपये हर्जाना और 2000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिये। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जे एन यादव और सदस्य रमा वर्मा ने सदर तहसील के सिहन (गागल) गांव निवासी देविन्द्रा देवी पत्नी इंद्र देव की शिकायत को उचित मानते हुए नेशनल इंश्योरेंस कंपनी को उक्त मुआवजा राशि 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित अदा करने के आदेश दिये। अधिवक्ता लोकेश कपूर के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने अपने वाहन को कंपनी के पास बीमाकृत करवाया था। बीमा अवधि के दौरान ही वाहन एक सडक दुर्घटना में बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। उपभोक्ता ने दुर्घटना के बारे में रपट दर्ज करवाई थी। इसके बाद उपभोक्ता ने वाहन की मुरममत में खर्च की गई राशि के बिल सहित अन्य दस्तावेज कंपनी को सौंप कर मुआवजा तय करने को कहा था। लेकिन कंपनी ने इस आधार पर मुआवजा खारिज कर दिया कि वाहन के मालिक की बीमा करवाने से पहले ही मृत्यु हो गई थी। ऐसे में उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि बीमा कंपनी यह साबित करने में नाकाम रही कि वाहन मालिक के देहांत के बाद उनके नाम पर प्रीमियम वसूल करके पालिसी का नवीनीकरण कैसे किया गया था। फोरम ने कहा कि कंपनी ने यह तथ्य जानते हुए कि वाहन का मालिक इंद्र देव का देहांत हो गया है लेकिन इसके बावजूद भी उपभोक्ता से प्रीमियम वसूल करके पालिसी का नवीनीकरण किया गया था। ऐसे में बीमा कंपनी का मुआवजा खारिज करना सेवाओं में कमी को दर्शाता है। जिसके चलते फोरम ने बीमा कंपनी को उक्त मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करने के अलावा सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई असुविधा और परेशानी के बदले हर्जाना व शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया। Friday, 31 January 2014
बीमा कंपनी को 1,76,950 रूपये मुआवजा अदा करने के आदेश
मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने बीमा कंपनी को उपभोक्ता के पक्ष में 1,76,950 रूपये की मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करने का फैसला सुनाया। कंपनी की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले 5000 रूपये हर्जाना और 2000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिये। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जे एन यादव और सदस्य रमा वर्मा ने सदर तहसील के सिहन (गागल) गांव निवासी देविन्द्रा देवी पत्नी इंद्र देव की शिकायत को उचित मानते हुए नेशनल इंश्योरेंस कंपनी को उक्त मुआवजा राशि 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित अदा करने के आदेश दिये। अधिवक्ता लोकेश कपूर के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने अपने वाहन को कंपनी के पास बीमाकृत करवाया था। बीमा अवधि के दौरान ही वाहन एक सडक दुर्घटना में बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। उपभोक्ता ने दुर्घटना के बारे में रपट दर्ज करवाई थी। इसके बाद उपभोक्ता ने वाहन की मुरममत में खर्च की गई राशि के बिल सहित अन्य दस्तावेज कंपनी को सौंप कर मुआवजा तय करने को कहा था। लेकिन कंपनी ने इस आधार पर मुआवजा खारिज कर दिया कि वाहन के मालिक की बीमा करवाने से पहले ही मृत्यु हो गई थी। ऐसे में उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि बीमा कंपनी यह साबित करने में नाकाम रही कि वाहन मालिक के देहांत के बाद उनके नाम पर प्रीमियम वसूल करके पालिसी का नवीनीकरण कैसे किया गया था। फोरम ने कहा कि कंपनी ने यह तथ्य जानते हुए कि वाहन का मालिक इंद्र देव का देहांत हो गया है लेकिन इसके बावजूद भी उपभोक्ता से प्रीमियम वसूल करके पालिसी का नवीनीकरण किया गया था। ऐसे में बीमा कंपनी का मुआवजा खारिज करना सेवाओं में कमी को दर्शाता है। जिसके चलते फोरम ने बीमा कंपनी को उक्त मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करने के अलावा सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई असुविधा और परेशानी के बदले हर्जाना व शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।
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