मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने विक्रेता को उपभोक्ता के जुतों की 1150 रूपये मूल्य राशि ब्याज सहित लौटाने का फैसला सुनाया है। इसके अलावा विक्रेता की अनुचित व्यापार कार्यप्रणाली के चलते उपभोक्ता के पक्ष में 5000 रूपये हर्जाना और 3000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिये हैं। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष पुरेन्द्र वैद्य और सदस्यों रमा वर्मा व आकाश शर्मा ने सरकाघाट तहसील के तलांगडा (मसेरन) निवासी अनिल कुमार पुत्र ज्ञान चंद की शिकायत को उचित मानते हुए मंडी की इंदिरा मार्केट स्थित लकी शूज स्टोर के मालिक को उपभोक्ता के जूतों की 1150 रूपये मूल्य राशि 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित अदा करने का फैसला सुनाया है। अधिवक्ता डी के भारद्वाज के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने 22 फरवरी 2014 को विक्रेता से ट्रोटर कंपनी का जूता खरीदा था। लेकिन उपभोक्ता को जूते की अदा की गई 1150 रूपये की मूल्य राशि के बारे में बिल जारी नहीं किया गया। विक्रेता ने उन्हे आश्वस्त किया कि जूते में 6 महीनों तक कोई खराबी नहीं आएगी और अगर ऐसा हुआ तो इसे या बदल दिया जाएगा या इसकी कीमत लौटा दी जाएगी। कुछ ही दिनों में जूता नीचे से फट गया और इसका सोल निकल गया। उपभोक्ता ने विक्रेता को संपर्क करके जूता बदलने के लिए कहा तो विक्रेता ने यह कह कर इंकार कर दिया कि यह जूता उपभोक्ता ने उनसे नहीं खरीदा है। ऐसे में उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि विक्रेता ने हालांकि उपभोक्ता के आरोपों को नकारा है लेकिन उपभोक्ता और चश्मदीद गवाह योगेश गौतम के शपथ पत्रों से जाहिर हुआ है कि उपभोक्ता ने विक्रेता की दूकान से जूते खरीदे थे। इसके अलावा यह भी साबित हुआ है कि विक्रेता बिल जारी ही नहीं करता था क्योंकि उसने बिल बुक रखी ही नहीं थी। उपभोक्ता ने इस बारे में आबकारी एवं काराधान विभाग को शिकायत दी थी। जिस पर कार्यवाही करते हुए विभाग ने विक्रेता को 2000 रूपये का जुर्माना किया था। इन तथ्यों को देखते हुए फोरम ने विक्रेता को उपभोक्ता के जूतों की कीमत ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिये हैं। वहीं पर विक्रेता की सेवाओं में कमी और अनुचित व्यापार कार्यप्रणाली के चलते उपभोक्ता के पक्ष में हर्जाना राशि और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया है।
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