Wednesday, 7 October 2015

गुरू गोविंद सिंह ने रिवालसर में की थी 22 राजाओं से मंत्रणा



धार्मिक त्रिवेणी रिवालसर में हिंदू व बौध धर्म के आलावा एक संदर्भ सिख इतिहास से जुड़ा है। सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह हिमाचल प्रवास के दौरान वर्ष 1758 में यहां आए थे। बाइस धाराओं के राजाओं से मिलकर मुगल सम्राट औरंगजेब से टक्कर लेने के बारे में यहां मंत्रणा व युद्ध योजनाएं परवान चढ़ाने पर भी विचार-विमर्श हुआ। गुरु यहां लगभग एक महीना रहे। बताते हैं जब गुरु ने झील की प्रदक्षिणा की तो पद्मसंभव ने प्रकट हो गुरु को कार्य सिद्धि का आशीर्वाद दिया। मंडी के राजा जोगेन्द्र सेन द्वारा सन् 1930 में बनवाया गुरुद्वारा रिवालसर काफी ऊंचाई पर निर्मित है। एक सौ ग्यारह सीढि़यां चढ़कर या फिर संकरी पक्की सड़क से भी वहां पहुंच सकते हैं। गुरुद्वारे में मेहनत से गढ़े सुंदर पत्थरों का खूबसूरती से प्रयोग किया गया है जो अंदरूनी कक्ष को सरलता व कलात्मकता भरी भव्यता प्रदान करते हैं। गुरुद्वारा परिसर काफी खुला है जिसमें लगभग एक हजार श्रद्धालु एक समय में ठहर सकते हैं। यहां हमेशा ठंडी बयार चलती है।
जागरण यात्रा से साभार
...sameermandi.blogspot.com

No comments:

Post a Comment

मंडी में बनाया जाए आधुनिक पुस्तकालयः शहीद भगत सिंह विचार मंच

मंडी। प्रदेश की सांस्कृतिक और बौद्धिक राजधानी मंडी में आधुनिक और बेहतरीन पुस्तकालय के निर्माण की मांग की गई है। इस संदर्भ में शहर की संस्...