Sunday, 11 October 2015

मजदूरों का जनजागरण अभियान ला रहा रंग, 437 मनरेगा मजदूर पंजीकृत


मंडी। बालीचौकी क्षेत्र की पंचायतों में मनरेगा मजदूरों को जागरूक व संगठित करने के लिए ग्रामीण कामगार संगठन का जन जागरण अभियान रंग ला रहा है। अभियान को लोगों का भरपूर समर्थन मिल रहा है। अभियान की सफलता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि अभी तक क्षेत्र के 623 मनरेगा मजदूरों ने श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकरण के लिए आवेदन किया है। जिनमें से 437 मनरेगा मजदूरों का बोर्ड में पंजीकरण हो चुका है। ग्रामीण कामगार संगठन के अध्यक्ष संत राम ने बताया अभियान के तहत पंजीकृत हो गए मजदूरों को उनकी पास बुकें वितरित की गई हंै। जबकि इस मुहिम के बाद क्षेत्र के पंजीकृत मजदूरों मोहर सिंह, अमर सिंह, शिव राम, थली राम, भूपेन्द्र, रूप लाल, कौल राम, टेक सिंह, हेत राम, इंद्र सिंह, प्रितम सिंह, सरण दास, ठाकुर दास और जीवन कुमार को श्रम कल्याण बोर्ड ने प्रावधानों के तहत सोलर लैंप स्वीकृत किये हैं। वहीं पर पंजीकृत मजदूरों के बच्चों को हजारों रूपये की आर्थीक मदद वितरित की जा चुकी है। उन्होने बताया कि संगठन की पहल पर सैंकडों पंजीकृत मजदूरों ने साइकिल, वाशिंग मशीन, इंडक्शन चुल्हा, सोलर लैंप, बच्चों की छात्रवृति व अन्य योजनाओं के लिए आवेदन किया है। ग्रामीण कामगार संगठन के अध्यक्ष संत राम ने बताया कि यह जन जागरण अभियान सितंबर माह में शुरू किया था और अभी भी लगातार चल रहा है। इस जन जागरण अभियान के तहत मनरेगा मजदूरों को मनरेगा कानून व श्रमिक कल्याण बोर्ड की ओर से चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में अवगत करवाया जा रहा है। उन्होने बताया कि विगत सात सालों से ग्रामीण कामगार संगठन मनरेगा कानून को धरातल पर लागू करने के उदेश्य से कार्य कर रहा है। जिसके चलते बालीचौकी क्षेत्र में इस कानून को कुछ हद तक लागू करवाने में सफलता भी मिली है। उन्होने बताया कि वर्ष 2009 में जिला मुखयालय में ऐतिहासिक सेरी मंच की चानणी में 72 घंटों की भूख हडताल के बाद मनरेगा कानून को क्षेत्र में गंभीरता से लागू करने की दिशा में कदम उठने शुरू हुए थे। संगठन के संघर्षों की बदौलत जहां क्षेत्र में मनरेगा की पहली लोक अदालतों का आयोजन किया गया वहीं पर खलवाहण पंचायत को मनरेगा के तहत सबसे अधिक राशि व्यय करने के खिताब से कई बार नवाकाा जा चुका है। इसके अलावा मनरेगा के तहत बेरोजगारी भते दिलवाने में भी संगठन की अग्रिम भूमिका रही है। उन्होने बताया कि अभी भी बालीचौकी क्षेत्र की अनेकों पंचायतों में लोगों को न तो समय पर काम मिल रहा है और न ही उनके वेतन का भुगतान हो रहा है। इसके अलावा मनरेगा मजदूरों को कार्य मांगने पर रसीद भी मुहैया नहीं की जा रही है। कार्यस्थलों में मनरेगा मजदूरों के लिए कोई सुविधा नहीं है और न ही उन्हे साप्ताहिक अवकाश दिया जा रहा है जो श्रम कानूनों का सरासर उल्लंघन है। उन्होने बताया कि श्रमिक कल्याण बोर्ड की ओर से मनरेगा मजदूरों के लिए शुरू की गई योजनाओं की जानकारी अभी भी मजदूरों तक नहीं पहुंच पाई है। इस जन जागरण अभियान का उदेश्य मनरेगा कानून के बारे में कामगारों की चेतना को विकास करना और उन्हे संगठित करके जनआंदोलनों के लिए प्रेरित करना है। संगठन के बालीचौकी संयोजक मजदूर नेता लीलानंद, रूप लाल, हेतराम, जी आर भारती, डाबे राम और थलि राम ने बताया कि जनजागरण अभियान के दौरान ग्राम पंचायत खलवाहण, थाटा, थाचाधार, खौली, बालीचौकी, खणी, घाट, पंजाईं व शिवा ठाणा आदि में यह जनजागरण अभियान पूरा कर लिया गया है। जबकि क्षेत्र की अन्य पंचायतों में यह जोरशोर से जारी है। जिससे मनरेगा मजदूर बोर्ड में पंजीकृत होकर इन योजनाओं का समुचित लाभ उठा सकें।
...sameermandi.blogspot.com

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