
मंडी। चरस तस्करी के आरोपी के खिलाफ अभियोग साबित होने पर अदालत ने दस साल के कठोर कारावास और एक लाख रूपये जुर्माने की सजा सुनाई है। आरोपी के जुर्माना राशि को समय पर अदा न

करने पर एक साल के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। जिला एवं सत्र न्यायधीश बलदेव सिंह की विशेष अदालत ने उप तहसील बालीचौकी के खलवाहण गांव निवासी अरूण कुमार पुत्र चरण

दास के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है। अभियोजन पक्ष के अनुसार 16 अप्रैल 2010 को बल्ह थाना पुलिस का दल

उप निरिक्षक मोहन लाल की अगुवाई में राष्ट्रीय राजमार्ग-21 पर नागचला के पास नाकाबंदी के लिए तैनात था। इसी बीच मंडी की ओर से आ रही बस मंडी-चंडीगढ को चैकिंग के लिए रोका गया। बस की

सीट नंबर 36 पर बैठे आरोपी ने अपनी टांगों के बीच एक बैग रखा हुआ था। पुलिस दल को देखकर आरोपी घबरा गया। जिस पर पुलिस ने संदेह के आधार पर आरोपी के बैग की तलाशी ली तो इसमें से

एक किलोग्राम चरस बरामद हुई थी। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करके अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए जिला न्यायवादी आर के कौशल ने 9 गवाहों

के माध्यम से आरोपी के खिलाफ अभियोग साबित किया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी के खिलाफ एक किलोग्राम चरस तस्करी का अभियोग संदेह की छाया से दूर साबित हुआ है। जिसके लिए

अधिकतम सजा 20 साल की कठोर कारावास है। लेकिन आरोपी के छात्र होने और पहला अपराध होने के कारण अदालत ने नरम रूख अपनाते हुए उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है।
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