मंडी। सनोर घाटी की किगस पंचायत में रविवार को आयोजित विधिक साक्षरता शिविर में लोगों को मनरेगा और अन्य कानूनों के बारे में जानकारी दी गई। शिविर की अध्यक्षता मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी
जिया लाल आजाद ने की। इस अवसर पर उन्होने कहा कि इन शिविरों के आयोजन का मकसद लोगों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों की जानकारी देना है। इसके अलावा शिविर में लोगों को उनकी रोजमर्रा
की जिंदगी में काम आने वाले विभिन्न कानूनों की जानकारी दी जाती है। जिससे लोग इन कानूनी प्रावधानों तथा योजनाओं का समुचित लाभ उठा सकें। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने कहा कि एक लाख रूपये
से कम वार्षिक आमदनी वाले लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता का प्रावधान है। इसके अलावा सभी महिलाओं, अनुसूचित जाति व जनजाति, पिछडा वर्ग, अपंग, बच्चों, आपदा प्रभावितों और फैक्टरी मजदूरों
को भी मुफ्त कानूनी सहायता दी जाती है। उन्होने बताया कि सरकार के किसी विभाग के खिलाफ केस करने, बचाव पक्ष और विचाराधीन बंदियों को भी मुफ्त कानूनी सहायता का प्रावधान है। कानूनी सहायता
के तहत केस में वकील की तैनाती सहित पूरा खर्चा दिया जाता है। इसके लिए एक सादे कागज में अपने विवाद का विवरण लिख कर आवश्यक प्रमाण पत्रों के साथ प्राधिकरण को आवेदन करना होता है। इस
अवसर पर स्थानीय पंचायत के रिटेनर लॉयर अधिवक्ता समीर कश्यप ने मनरेगा, घरेलू हिंसा, उपभोक्ता अधिनियम और पंचायतों में शुरू किये जा रहे ग्रामीण विधिक संरक्षण एवं सहायता केन्द्रों के बारे में
जानकारी दी। अधिवक्ता कुलदीप ठाकुर ने मोटर वाहन अधिनिय और निगोशिएबल इंस्ट्रुमेंट एक्ट के बारे में स्थानीय वासियों को अवगत करवाया। ग्राम पंचायत किगस के उप-प्रधान भूपेन्द्र शर्मा ने जानकारी
देने के लिए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी और प्राधिकरण का धन्यावाद किया। शिविर में पैरा लीगल वालंटियर अभिषेक व हेत राम, चमन लाल, मोती राम, योग राज, गोपाल, गोलू राम, बुद्धि सिंह, तरूण
बिष्ट, पुष्प राज और महिला मंडल सहित स्थानीय निवासी मौजूद रहे।
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