मंडी। हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की लेटलतीफी से हजारों मनरेगा व अन्य मजदूर बोर्ड में पंजीकृत होने से वंचित हैं। हालांकि मजदूरों ने पंजीकरण के लिए आवेदन किये हैं लेकिन बोर्ड के पास कथित रूप से पासबुकें न होने के कारण मजदूरों का पंजीकरण रूका पडा है। जिससे वह बोर्ड से मिलने वाली तमाम स्कीमों के फायदों से वंचित हो रहे हैं। जिला परिषद के खलवाहण वार्ड सदस्य व ग्रामीण कामगार संगठन के अध्यक्ष संत राम ने बताया कि हजारों मनरेगा व अन्य मजदूरों ने श्रम अधिकारी एवं अधिकृत अधिकारी श्रमिक कल्याण बोर्ड मंडी के पास कई महिनों पहले पंजीकरण के लिए आवेदन किए हैं। जिसकी पासबुकें जिला श्रमिक कल्याण बोर्ड के माध्यम से जारी करने के बाद मजदूरों के पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी होती है। नियमों के अनुसार आवेदन के दो माह के भीतर सभी मजदूरों को पंजीकृत करके पासबुकें जारी करने का प्रावधान है। लेकिन पिछले करीब छह माह से बोर्ड के पास पासबुकें नहीं आ रही हैं जिसके कारण मजदूरों का पंजीकरण रूका पडा है। उन्होने बताया कि अनेकों बार जिला श्रमिक कल्याण बोर्ड को इस बारे में अवगत करवा कर पहल करने की मांग की गई है। लेकिन अभी तक मजदूरों की पासबुकें जारी न होने के कारण पंजीकरण लटका हुआ है। इधर, श्रमिक कल्याण बोर्ड के अधिकृत अधिकारी अनुराम शर्मा का इस बारे में कहना है कि हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड शिमला को सूचित करके पासबुकों की मांग की गई है। जैसे ही पासबुकें मिलती हैं सभी मजदूरों को यह वितरित कर दी जाएगी।
...sameermandi.blogspot.com
No comments:
Post a Comment