मंडी। सराज विकास खंड में मनरेगा कानून लागू करने में हो रही मनमानी को लेकर जिला कार्यक्रम समन्वयक (मनरेगा) को ज्ञापन सौंप कर कार्यवाही की मांग की गई है। जिला परिषद के खलवाहण वार्ड से निर्वाचित सदस्य संत राम की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने अतिरिक्त उपायुक्त ऋगवेद ठाकुर को इस संदर्भ में ज्ञापन सौंपा है। संत राम के अनुसार सराज विकास खंड में मनरेगा कानून के प्रावधानों के तहत कामगारों को सौ दिनों का रोजगार नहीं दिया जा रहा है। जिससे हजारों मनरेगा मजदूर रोजगार से वंचित हैं। वहीं परमनरेगा मजदूरों का वेतन भुगतान समय पर नहीं किया जा रहा है। आलम यह है कि सैंकडों मनरेगा मजदूरों को कार्य करने के बावजूद भी अनेकों सालों से वेतन का भुगतान नहीं हो पाया है। इस बारे में मनरेगा मजदूर जब पंचायत में जाते हैं तो उन्हे बताया जाता है कि उनके वेतन का भुगतान बैंक में कर दिया गया है। जब मजदूर बैंक में जाकर वेतन के बारे में पता करते हैं तो उन्हे बताया जाता है कि उनके खाते में अभी तक वेतन की राशि नहीं पहुंची है। ऐसे में मजदूरों को अनेकों चक्कर पंचायत व बैकों के लगाने पड रहे हैं। इस कवायद में उनका वेतन में मिलने वाली राशि से कहीं ज्यादा खर्चा हो गया है। उन्होने बताया कि वेतन भुगतान लोगों के लिए जी का जंजाल बनता जा रहा है। जिन मजदूरों के वेतन भुगतान में देरी हुई है उनके वेतन का भुगतान ब्याज सहित किया जाए। संत राम ने बताया कि मनरेगा कामगारों को साप्ताहिक अवकाश भी नहीं दिया जा रहा है। जो सरासर श्रम कानूनों का घोर उल्लंघन है। इसके अलावा क्षेत्र के किसी भी कामगारों को काम के लिए आवेदन करते समय पावती रसीद भी जारी नहीं की जा रही है। जिसके चलते कामगारों को काम देने में मनमानी की जा रही है। उन्होने बताया कि क्षेत्र की कई पंचायतों में मनरेगा मजदूरों को जॉब कार्ड वितरित नहीं किए जा रहे हैं। ग्राम पंचायत थाना शिवा में मनरेगा मजदूरों को नये जॉब कार्ड साल बीत जाने के बाद भी जारी नहीं किए गए हैं। जिला परिषद सदस्य ने बताया कि क्षेत्र की अनेकों पंचायतों में मनरेगा मजदूरों को आठ घंटे काम करने के बाद उन्हें 34 व 40 रूपये दिहाडी दी जा रही है। जो न्युनतम मजदूरी के कानून की सरासर अवहेलना है। ग्राम पंचायत चिउणी व बागा चनोगी में इसी साल मजदूरों के साथ इस तरह के मामले सामने आये हैं। इसके अलावा मनरेगा कानून लागू होने के दस साल बाद भी कार्यस्थलों पर न तो फस्ट एड बॉक्स है और न मनरेगा कानून वाली अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होने मांग की है कि सराज क्षेत्र में हो रही अनियमितताओं के सिलसिले में एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन करके इन तमाम मसलों का हल निकाल कर मनरेगा कानून को इसकी आत्मा के अनुरूप लागू करने की दिशा में कार्य किया जाए। उन्होने यह भी मांग की है कि सराज में इस कानून के क्रियान्वयन को लेकर उपरोक्त समस्याओं का शीघ्रातिशीघ्र निराकरण किया जाए। मनरेगा कानून के प्रावधानों से मनमानी करने वालों पर अंकुश लगाया जाए और इसे अमली जामा पहनाने में बाधक बनने वालों पर उचित कार्यवाही अमल में लाई जाए। प्रतिनिधिमंडल में ग्राम पंचायत बुंग जहल गाड के प्रधान महेन्द्र राणा व थुनाग निवासी गोपाल सिंह सहित स्थानीय लोग मौजूद थे।
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