मंडी। शहर में एक मुद्रिका बस सेवा का आरंभ होना क्या व्यास नदी की धारा को लांघते मंडी वासियों का विकल्प बन पाएगा यह तो समय ही बताएगा। लेकिन फिलहाल प्रशासन ने अपने स्तर पर मुद्रिका बस का ऐलान करके लोगों में बढ रही बेचैनी को रोकने की दिशा में कदम उठाया है। हालांकि जो शेडयुल बस चलने का दिया गया है वह बहुत टाइट लग रहा है और व्यवहारिक प्रतीत नहीं हो रहा है। बसों की बढौतरी हो तो शायद स्थिति में नियंत्रण हो सकता है। विक्टोरिया पुल की मुरम्मत के चलते इन दिनों लोगों तथा वाहनों की आवाजाही बंद की गई है। लेकिन लोगों के पास विकल्प न होने के कारण उन्हे व्यास नदी की धारा को पार करके गंतव्य तक पहुंचना पड रहा है। मंडी के विकास के दावे यहां खोखले साबित हुए हैं। जहां कुल्लू शहर में व्यास नदी पर अनेकों पुल बने हैं वहीं पर आजादी के बाद मंडी शहर अपने दोनों किनारों को जोडने के लिए सिर्फ भ्युली पुल ही जोड पाया है। और नहीं तो पैदल चलने लायक पुल भी अपने लिए नहीं जुटा पाया है। यह मंडी के विकास की घिनौनी तस्वीर प्रस्तुत करता है। कहां तो नदी होने के कारण इस शहर को चार चांद लगने चाहिए थे लेकिन आलम यह है कि अभी भी मंडीवासियों को जान जोखिम में डाल नदी लांघ कर गंतव्य तक पहंचने की जदोजहद से गुजरना पड रहा है। ये घटना बहुत चौंकाने वाली है कि मंडी के पास व्यास नदी के उपर पैदल चलने लायक कोई पैदल पुल तक नहीं है और दो पुलों के बीच करीब डेढ किमी की दूरी पास करके जाना पडता हो। प्रशासन को चाहिए कि जल्द से जल्द वैकल्पिक पुल बनाने का प्रयास करें अन्यथा मंडी वासियों को अपने स्तर पर पुल बनाने के लिए आगे आने के लिए लामबंद होने के लिए बाध्य होना पडेगा।
पिक्चर- गुगल से साभार
...sameermandi.blogspot.com
No comments:
Post a Comment