मंडी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से रविवार को ग्राम पंचायत देओरी में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर तीन अशोक कुमार ने की। इस अवसर पर उन्होने स्थानीय वासियों को संविधान प्रदत नागरिक अधिकारों व कर्तव्यों के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर उन्होने कहा कि नागरिकों के अधिकारों से वंचित करने पर उच्चतम तथा प्रदेश उच्च न्यायलय को अर्जी भेज कर जनहित याचिका दायर की जा सकती है। इसके अलावा नागरिकों को देश के प्रति अपने कर्तव्यों के बारे में भी जागरूक होना चाहिए। उन्होने कहा कि आसपास के प्राकृतिक पर्यावरण, वन, झील, नदी-नालों व वन्य जीवों की रक्षा की जानी चाहिए। उन्होने महिला अधिकारों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि महिलाओं के भरण पोषण व उनसे किसी प्रकार की हिंसा को रोकने के लिए कानून में प्रावधान किये गए हैं। मुफत कानूनी सहायता के बारे में जानकारी देते हुए उन्होने बताया कि सभी महिलाएं, अनुसूचित जाति व जनजाति, अपंग, आपदा प्रभावित तथा वह सभी लोग जिनकी वार्षिक आय एक लाख रूपये से कम है उन्हें प्राधिकरण की ओर से निशुल्क कानूनी सहायता दी जाती है। जिसके लिए एक सादे कागज पर जिला प्राधिकरण को आवेदन करना होता है। इस अवसर पर अधिवक्ता समीर कश्यप ने मनरेगा और सूचना के अधिकार कानून के बारे में लोगों को अवगत करवाया। स्थानीय पंचायत के प्रधान देवेन्द्र कुमार ने न्यायिक दंडाधिकारी तथा विधिक प्राधिकरण का शिविर आयोजित करने और कानूनी प्रावधानों के बारे में जानकारी देने के लिए धन्यावाद और आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर उपप्रधान टीकमे राम, पंचायत सचिव चंद्रमणी सहित वार्ड सदस्य, महिला मंडल व स्थानीय निवासी मौजूद थे। इधर, ग्राम पंचायत बल्ह टिक्कर में भी रविवार को शिविर का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता करते हुए न्यायिक दंडाधिकारी कोर्ट नंबर चार रोजी दाहिया ने लोगों को मौलिक अधिकारों, न्यायिक प्रक्रिया की कार्यप्रणाली और श्रम कानूनों के बारे में बताया। जबकि अधिवक्ता राजकुमार शर्मा ने घरेलू हिंसा और मोटर वाहन अधिनियम के बारे में लोगों को जानकारी दी।
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