मंडी। राज्य सूचना आयुक्त के न्यायलय ने लोक निर्माण विभाग कुल्लू डिविजन दो के कार्यकारी अभियंता को आवेदक के पक्ष में 1500 रूपये हर्जाना अदा करने का फैसला सुनाया है। आयुक्त ने बीपीएल आवेदक से
जन सूचना अधिकारी के फीस मांगने पर उक्त आदेश दिये हैं। राज्य सूचना आयुक्त भीम सेन के न्यायलय ने मंडी जिला की उपतहसील बालीचौकी के सुधराणी (खलवाहण) निवासी संत राम की आरटीआई अपील को
स्वीकारते हुए लोनिवि कुल्लू के कार्यकारी अभियंता के खिलाफ 1500 रूपये हर्जाना अदा करने का फैसला सुनाया है। आरटीआई कार्यकर्ता संत राम के अनुसार औट-लुहरी राष्ट्रीय राजमार्ग पर सडक की कटिंग के नाम
पर सडक के डंगे को नुकसान पहुंचाने के बारे में उन्होने अधिशाषी अभियंता से सूचना मांगी थी। जिस पर जन सूचना अधिकारी ने आवेदक संत राम को 134 रूपये सूचना की फीस के रूप में जमा करने को कहा
था। जबकि आवेदक बीपीएल परिवार से संबंध रखता है और सूचना अधिकार अधिनियम के तहत बीपीएल परिवार को निशुल्क सूचना मुहैया करवाई जाती है। लेकिन उक्त अधिकारी ने इन कायदे कानूनों को दरकिनार
करके आवेदक से फीस की मांग की। जिसके चलते संत राम ने राज्य सूचना आयुक्त के पास दूसरी अपील दायर की थी। इस अपील की सुनवाई के दौरान राज्य सूचना आयुक्त के दखल के बाद सडक के डंगे को
पहुंचे नुकसान की भरपाई करते हुए लोनिवि ने ठेकेदार के माध्यम से गिराए गए डंगे का दोबारा निर्माण किया। वहीं पर अपील के फैसले में आयुक्त ने कहा कि विभाग की ओर से रिर्काड पर आधारित सूचना मुहैया नहीं करवाई गई। आयुक्त ने प्रथम अपीलीय अथारटी को चेतावनी दी है कि अपील की सुनवाई के दौरान तथ्यों के आधार पर विस्तृत आदेश के तहत फैसला किया जाए। आयुक्त ने विभाग के जन सूचना अधिकारी और सह जन सूचना अधिकारी को चेतावनी दी है कि भविष्य में रिकार्ड पर आधारित सूचना मुहैया करने की सावधानी बरती जाए। इसके अलावा सूचना के बदले नियमों के तहत ही अतिरिक्त फीस वसूल की जाए।
No comments:
Post a Comment