Friday, 5 December 2014

गारबेज कलेक्शन की आपतियों और सुझाव पर कार्यवाही करें नप


मंडी। जिला प्रशासन ने नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी को डोर टू डोर गारबेज कुलेक्शन को लेकर जताई गई शहरवासियों की आपतियों व सुझावों पर कार्यवाही करने के आदेश दिये हैं। जिला राजस्व अधिकारी गौरव चौधरी ने इस बारे में नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी को पत्र जारी करके 15 दिनों में कार्यवाही की रिर्पोट सौंपने के निर्देश दिये हैं। उल्लेखनीय है कि परेशानी का सबब बनती जा रही इस योजना को लेकर मंडी शहरवासी समीर कश्यप, गिरीश ठाकुर, नवीन कुमार, भर्तृहरी, पंकज मोदगिल, वीरेन्द्र भारद्वाज, नंदिश शर्मा, ब्रह्म दत्त, जय राज कश्यप, निर्मला, सुरेश कुमार, भूप सिंह, कुलदीप, धीरज, पुष्प राज कश्यप, जाहिद, दीपाली, केशर सिंह, नेमी कांत, गायत्री दत, चेतन कुमार, विनम्र सेठी, गोपाल शर्मा तथा अन्यों ने उपायुक्त मंडी संदीप कदम को ज्ञापन प्रेषित किया था। शहरवासियों की मांग है कि डोर टू डोर गारबेज कुलेक्शन को निशुल्क करने और बंद कर दिये गए डस्टबीनों को फिर से बहाल किया जाए। स्थानीय वासियों के अनुसार नगर परिषद की ओर से शुरू की गई डोर टू डोर गारबेज कुलेक्शन की स्कीम के कारण लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है। गारबेज कुलेक्शन के नाम पर लोगों से पैसों की उगाही की जा रही है। शहरवासियों का कहना है कि मंडी का प्रत्येक नागरिक हाउस टैक्स के रूप में हजारों रूपये का शुल्क नगर परिषद को अदा करता है। जबकि दुकानदार प्रोफेशनल टैक्स की अदायगी भी कर रहे हैं। वहीं पर बिजली के बिल के रूप में भी शुल्क नगर परिषद के पास नागरिकों की ओर से अदा किया जाता है। शहरवासियों का मानना है कि यह परिषद का उत्तरदायित्व है कि वह शहर की साफ सफाई और कुडा विसर्जन का काम टैक्स की राशि से करे। लेकिन अब डोर टू डोर गारबेज कुलेक्शन के नाम पर जबरन उगाही की जा रही है। जो नागरिकों से उगाहे जाने वाले हाऊस टैक्स से भी बहुत ज्यादा है। इसके अलावा मंडी शहर में हर रोज करीब दस हजार से भी ज्यादा लोग कार्यवश आते हैं। इन लोगों को खरीददारी के बाद अपना कूडा फैंकने के लिए कोई प्रबंध नहीं है। क्योंकि शहर के सभी डस्टबीन हटा दिये गए हैं। लोगों को कूडा फैंकने की कोई जगह न होने के कारण अन्यत्र गंदगी फैल रही है। सारा दिन भर अगर किसी नागरिक को कूडा फैंकना हो तो उसके लिए कोई जगह मुहैया नहीं करवाई गई है। आलम यह है कि जहां पहले नगर परिषद के कर्मी घरों से कूडा ले जाते थे। अब नागरिकों को कूडा फैंकने के लिए ठेकेदारों के आदमियों के पीछे भागना पड रहा है। लोगों को कूडा फैंकने में भारी जदोजहद का सामना अपनी दिनचर्या में करना पड रहा है। इसके अलावा जिन दुकानों में कूडा होता ही नहीं वहां भी ठेकेदार के लोग जबरन वसूली कर रहे हैं। स्थानीय वासियों का कहना है कि ये वसूली बिल्कुल गल्त है। नगर परिषद को अगर यह योजना शुरू करनी है तो इसे निशुल्क शुरू किया जाना चाहिए। इसके अलावा लोगों को दिन भर में कुडा फैंकने की व्यवस्था के तहत बंद कर दिए डस्टबीनों को फिर से आजाद किया जाए। जिससे शहरवासियों को दिन भर अपनी सहुलियत के हिसाब से कूडा विसर्जित करने की सुविधा मुहैया हो सके। अन्यथा शहर में गंदगी का आलम बेतहाशा बढता जाएगा।

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