मंडी। आईआईटी कमांद गोलीकांड के बाद उग्र भीड द्वारा बाउंसरों की हत्या के मामले में हिरासत में लिए गए आठ आरोपियों को अदालत ने चार दिन के रिमांड में भेज दिया है। आरोपी से पुलिस तहकीकात और बरामदगी शेष होने के कारण अदालत ने उक्त आदेश दिये हैं। कमांद गोलीकांड के बाद चार बाउंसरों की हत्या के मामले में अदालत ने गत दिवस एक महिला सहित आठ आरोपियों को हिरासत में लिया था। उन्हे वीरवार को मुंह ढांप कर एक वाहन में जिला अदालत परिसर में लाया गया। उन्हे मुखय न्यायिक दंडाधिकारी जे एल आजाद की लोगों से खचाखच भरी अदालत में पेश किया गया। जहां पर मामले के अन्वेषण अधिकारी डीएसपी मदन धीमान ने सहायक लोक अभियोजक अजय ठाकुर के माध्यम से अर्जी प्रस्तुत करके आरोपियों को पुलिस रिमांड में भेजने का आग्रह किया। पुलिस का कहना था कि आरोपियों से मामले की तहकीकात और बरामदगी शेष है। अदालत ने पुलिस की अर्जी को स्वीकारते हुए तहकीकात शेष होने के कारण उन्हे सोमवार तक पुलिस रिमांड में भेजने का आदेश दिया है। उल्लेखनीय है कि कमांद में मजदूरों पर गोली चलाने के बाद उग्र भीड ने ठेकेदार द्वारा लाए गए बाउंसरों की हत्या कर दी थी। इस मामले में उक्त ठेकेदार को जमानत मिल गई है। जबकि मजदूरों पर गोली चलाने के आरोपी बाउंसरों को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है। पुलिस इन बाउंसरों से भी दूसरी प्राथमिकी के तहत पुलिस रिमांड के दौरान तहकीकात कर रही है। इधर, वीरवार को अदालत में प्रस्तुत किए गए आरोपियों को हत्या के आरोप में गिरफतार करने पर क्षेत्रवासियों में रोष की लहर दौड गई है। स्थानीय वासियों का कहना है कि पुलिस ने हत्या की वारदात से कोई संबंध न होने के बावजूद स्थानीय लोगों को गिरफतार किया है। उनका कहना है कि हत्या के मामले में जिन तीन मजदूरों को गोलियां लगी थी उन्हे भी पुलिस ने गिरफतार कर लिया है। जबकि गोली लगने के बाद घायल मजदूर किसी की हत्या करने की स्थिति में नहीं थे और उन्हे उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया था। इसके अलावा इस मामले में लाठी के सहारे चलने वाले एक बुजुर्ग और महिला की गिरफतारी भी पुलिस तहकीकात पर सवाल उठा रही है।
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