मंडी। कुल्लू और मंडी वासियों ने अनाधिकृत घोषित छोटे भवनों को नियमित करने के लिए मुखयमंत्री वीरभद्र सिंह से मांग की है। इस बारे में जिला कुल्लू मकान नियमितिकरण संघर्ष समिति के अध्यक्ष इंद्र देव शास्त्री की अगुवाई में मंडी व कुल्लू वासियों की ओर से मुखयमंत्री वीरभद्र सिंह को ज्ञापन सौंपे गये। मकान नियमितिकरण संघर्ष समिति मंडी की आपात बैठक में प्रस्ताव पारित कर कुल्लू जिला की समिति के साथ संयुक्त रूप से ज्ञापन सौंपने का निर्णय लिया गया था। बैठक में समिति के संयोजक उत्तम चंद सैनी, अध्यक्ष अमर चंद वर्मा, महासचिव चंद्रमणी वर्मा, सलाहकार हितेन्द्र शर्मा, समीर कश्यप, हरमीत सिंह बिट्टू, प्रदीप परमार, लवण ठाकुर, जे एन शर्मा, बलवंत गुलेरिया, रमेश वालिया, के के महाजन, नरपत राणा, तिलक राज तथा मान सिंह ठाकुर सहित अन्य सदस्य मौजूद थे। संघर्ष समिति के मुताबिक मंडी जैसे पुराने शहर के मकानों को नियमित करने के लिए इससे पहले भी अनेकों बार प्रस्ताव पारित करके प्रदेश सरकार को प्रेषित किए गए हैं। लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही धरातल पर नहीं आ सकी है। जबकि हालात ऐसे हैं कि शहरवासी टीसीपी के कडे कानून के चलते बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हो शरणार्थियों की तरह जीवन बसर करने को मजबूर हैं। समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि प्रदेश सरकार इस समस्या के निदान के लिए सामने नहीं आ रही है और इस गंभीर समस्या के प्रति असंवेदनशील बनी हुई है। जिसके चलते सरकार की ओर से इन भवनों के नियमितिकरण को लेकर अभी तक कोई एकमुश्त नियमितिकरण की पालिसी सामने नहीं आ पाई है। समिति का मानना है कि दिसंबर 2014 में बनाए गए टीसीपी नियमों का फायदा बडे बिल्डरों को हो रहा है जबकि 200 वर्ग मीटर से छोटे भूमि के पलाट मालिकों और छोटे मकानों को इनसे कोई लाभ नहीं है। समिति ने ज्ञापन प्रेषित करके मांग की है कि जल्द से जल्द इसी मानसून सत्र में लोगों को अंतरिम राहत देते हुए भवनों में बिजली-पानी आदि सुविधाओं के लिए अनापति प्रमाण पत्र दिये जाएं और एकमुश्त पालिसी बनाकर छोटे भवनों का नियमितिकरण किया जाए। जिससे एक बडी आबादी मूलभूत सुविधाओं से वंचित न रहे।
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