Saturday, 2 July 2016

करोड़ों की राशि मिली पर पक्की नहीं हुई जिभी-गाड़ागुशैणी सड़क



मंडी। सराज घाटी की जिभी से गाडागुसैणी सडक करीब एक दशक पहले करोडों की राशि मिलने के बावजूद अभी तक पक्की नहीं बन पायी है। हालांकि इस दौरान विभाग ने आठ बार सडक बनाने के लिए निविदाएं जारी की है। सूचना के अधिकार के तहत दखल पर अब विभाग ने हरकत में आते हुए नवीं बार निविदाएं करवा कर शीघ्र कार्य शुरू करने का आश्वासन दिया है। आरटीआई कार्यकर्ता और जिला परिषद के सदस्य संत राम और एडवोकेट सुशील चौहान के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को इस सडक के शीघ्र निर्माण कार्य के लिए लोक निर्माण विभाग के मध्य जोन के मुखय अभियंता को ज्ञापन सौंपा है। संत राम ने बताया कि जिभी से गाडागुसैणी सडक को पक्का और चौडा करने व इसके रखरखाव के बारे में उन्होने लोनिवि के अधिशाषी अभियंता कुल्लू से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी। जिसमें मिली जानकारी से पता चला है कि इस सडक को प्रधानमंत्री सडक योजना के तहत पक्का और चौडा करवाने के लिए साल 2007-08 में 479.81 लाख रूपये की राशि स्वीकृत हुई है। लेकिन विगत करीब एक दशक में सडक को पक्का व चौडा करने, पैरापिट बनाने व इसका रखरखाव करने के लिए जारी की गई राशि अभी तक खर्च नहीं की जा सकी है। सूचना से खुलासा हुआ है कि इस कार्य को पूरा करने के लिए विभाग की ओर से अभी तक आठ बार निविदाएं आमंत्रित की गई थी। लेकिन ठेकेदारों के रेट स्वीकृत राशि से अधिक होने के कारण यह कार्य शुरू नहीं किया जा सका। संत राम ने बताया कि आरटीआई के तहत सूचना मांगन के बाद विभाग हरकत में आया है और विभाग की ओर से नवीं बार निविदाएं आमंत्रित की गई है। विभाग ने इस बार एक ठेकेदार की निविदा को स्वीकार करके निर्माण कार्य की प्रक्रिया शुरू की दी है। उन्होने कहा कि यह सूचना के अधिकार का ही दवाब है कि विभागीय अमला सडक को पक्का और चौडा करने के लिए बाध्य हुआ है। इधर, मुखय अभियंता ने प्रतिनिधिमंडल को सडक का कार्य शीघ्रातिशीघ्र करने का आश्वासन दिया है।
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