मंडी। जिला परिषद की बैठकों की रिकार्डिंग की जाए और इनका लाइव प्रदर्शन करके इसे पारदर्शी बनाया जाए। जिला परिषद के सदस्य पमिता कुमारी ने कहा कि बैठकों में पूछे गए प्रश्नों पर विभाग की बजाय अध्यक्ष ही सदस्यों को संतुष्ट करने की कोशीस करती हैं। जिससे बैठक का संचालन सही ठंग से नहीं हो पाता और अवस्यवस्था के आलम में जिप सदस्यों के प्रश्न अधूरे ही रह जाते हैं। उन्होने कहा कि देश की संसद और विधानसभा की तर्ज पर पंचायती राज की उच्चतम इकाई की संसद की कार्यवाही की रिकार्डिंग की जानी चाहिए और इसका भी लाईव प्रसारण होना चाहिए। उन्होने बताया कि जिला परिषद के सदस्य बैठक से दस दिन पहले ही पूछे जाने वाले प्रश्नों को संबंधित विभाग को देते हैं। जिनका जवाब विभाग की ओर से बैठक में आए अधिकारी को जिप सदस्य की संतुष्टि के मुताबिक देना होता है। लेकिन विगत कई बैठकों से यह देखने में आया है कि जिप सदस्यों द्वारा पूछे गए सवालों का या तो विभाग की ओर से जवाब तैयार ही नहीं होता और अगर होता भी है तो वह कामचलाऊ ही होता है। उस पर यह आलम है कि जिप अध्यक्षा विभाग की ओर से प्रस्तुत होने वाले जवाबों को विभागिय अधिकारी के माध्यम से न रख करके स्वयं ही सदस्यों को संतुष्ट करने की कोशीश करती हैं। जबकि यह अध्यक्ष का कार्य नहीं है। उन्होने बताया कि कटौला अस्पताल में एक्सरे मशीन के खराब रहने और अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था करने के उनके प्रश्नों को टालने की कोशीश की गई। इतना ही नहीं उन्हें प्रश्न रखने से पूर्व ही अध्यक्ष द्वारा जबरन बैठने के लिए बाध्य किया गया। उन्होने कहा कि यह गैर लोकतांत्रिक है और जिप अध्यक्ष की मर्यादा के खिलाफ है। उन्होने कहा कि जन प्रतिनिधी होने के नाते उन पर जनआकांक्षा को पूरा करने का दायित्व होता है। लेकिन बैठक में लोगों के प्रश्नों को हल करना तो दूर उलटा जिप सदस्यों को अध्यक्ष की मनमानी के कारण शर्मिंदा होना पडता है। उन्होने मांग की है कि जिप की बैठकों का लाईव प्रसारण किया जाए जिससे पारदर्शिता व जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।
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