मंडी। भवन नियमितिकरण की फीस सरकार ने सामान्य दरों की तुलना में 7000 से 15000 प्रतिशत अधिक रखी है। जिसके कारण लोग अपने भवनों को नियमित करने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। मकान नियमितिकरण संघर्ष समिति ने इन दरों को निरस्त करके सामान्य दरों पर भवनों को नियमित करने के लिए वीरवार को उपायुक्त के अतिरिक्त उपायुक्त के माध्यम से एक ज्ञापन प्रदेश के मुखयमंत्री वीरभद्र सिंह को प्रेषित किया है। इस प्रतिनिधिमंडल में समिति के पदाधिकारियों सहित मंडी शहर के आसपास की विभिन्न पंचायतों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। प्रतिनिधिमंडल ने मांग की है कि भवनों को जैसे हैं वैसे ही की तर्ज पर आंशिक फीस लेकर नियमित किया जाए। समिति का कहना है कि सरकार ने टीसीपी के संशोधित अध्यादेश में भवनों के नियमितिकरण पर भारी फीस रखी है। समिति के अनुसार यह फीस या पैनेल्टी सामान्य दरों से 7000 प्रतिशत से लेकर 15000 प्रतिशत तक रखी है। यह भारी भरकम फीस अदा करना आम नागरिक की पहुंंच से बहुत दूर है। समिति के अनुसार आयकर विभाग भी अधिकतम जुर्माना 24 प्रतिशत तक ही लेता है। लेकिन अपनी भूमी पर बनाए गए भवनों की पैनल्टी न्याय संगत नहीं है। समिति ने मांग की है कि बनाए गए भवनों की नियमितिकरण फीस सामान्य दरों से 100 प्रतिशत से लेकर 300 प्रतिशत तक रखी जाए। इसके अलावा 30 प्रतिशत सैट बैक की शर्त को हटाकर शत प्रतिशत डैविएशन को जैसा है वैसा ही की तर्ज पर नियमित किया जाए। नियमितिकरण की अवधि को 45 से बढाकर 6 महीने तक किया जाए। समिति के अनुसार शिमला में सैट बैक 2 मीटर है जबकि मंडी में 3 मीटर है। नाहन में 4 जमा एक मंजिल का प्रावधान है जबकि मंडी में सिर्फ 3 जमा एक मंजिल ही बनाई जा सकती है। मंडी में पार्किंग फलोर की ऊंचाई 2.3 मीटर है जबकि टीसीपी के साधारण नियमों में यह 3 मीटर है। समिति व आसपास की पंचायतों के प्रतिनिधियों ने मांग की है कि इन विसंगतियों को दूर करके मंडी को भी अन्य शहरों की तरह छूट दी जाए। समिति के अनुसार शहरी विकास मंत्री ने शिमला नगर निगम में शामिल ढ़ली, टुटू और पटियोग आदि में बने भवनों को बिना फीस, नक्शा और जैसा है जहां है के आधार पर नियमित कर बिजली पानी की सुविधाएं मुहैया करने का आश्वासन दिया है। उसी तर्ज पर मंडी व अन्य क्षेत्रों में भी नियमितिकरण करके लोगों को पानी बिजली की मूलभूत सुविधा मुहैया करवाई जाए। इस प्रतिनिधिमंडल में समिति के संयोजक उत्तम चंद सैनी, अध्यक्ष अमर चंद वर्मा, चंद्रमणी वर्मा, हितेन्द्र शर्मा, हरमीत सिंह बिट्टू, प्रदीप परमार, समीर कश्यप, मुरारी लाल शर्मा, रवि कांत कपूर, लवण ठाकुर, सरिता हांडा, रमेश वालिया, बलवंत सिंह, मंडी शहर के साथ लगते गांवों तल्याहड, नेला, सिल्हा कीपड, सन्यारढ, पंजेहटी और बाडीगुमाणु के काहन सिंह सेन, शिव पाल परमार, खेम सिंह, गोपाल सिंह, ज्ञान सिंह, कमल सेन, मनीष कटोच, गगन बिहारी, घनश्याम सिंह सेन, बुद्धि सिंह सेन, ध्यान सिंह, यशोद्धन शर्मा, खेम सिंह सेन, सी एम परमार, लेख राज शर्मा (मक्खन), हेम राज, कमल किशोर, मंडी की संस्थाओं सिटी जन कौंसिल, ब्राह्मण सभा, नागरिक अधिकार मंच व अन्य शामिल रहे।
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