मंडी। उपमंडल विधिक सेवा प्राधिकरण सुंदरनगर की ओर से वीरवार को मध्यस्थता (मिडिएशन) की जागरूकता के लिए न्यायलय परिसर में शिविर का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता अतिरिक्त मुखय न्यायिक दंडाधिकारी सुंदरनगर गौरव शर्मा ने की। इस अवसर पर उन्होने बार एसोसिएशन का आहवान किया कि मिडिएशन के माध्यम से मामलों के जल्द निस्तारण के लिए याचिकाकर्ताओं को प्रेरित करें। उन्होने कहा कि मिडिएशन से मामलों को जल्दी निस्तारण से उनकी ऊर्जा, समय, पैसे की बचत होती है। उन्होने बताया कि मिडिएशन के तहत सुलझाए गए मामलों में दोनों पक्षों की जीत होती है और विवाद हमेशा के लिए समाप्त हो जाता है। इस अवसर पर न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर दो कुलदीप शर्मा ने कहा कि मिडिएशन मामलों के शीघ्र निस्तारण के लिए एक आधुनिक माध्यम है। जिसमें प्रशिक्षित मिडिएटर दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभा कर उनके विवाद को सुलझाने की कोशीश करता है। उन्होने कहा कि इस प्रक्रिया में अधिवक्ता वर्ग की लोगों के हितों का ध्यान में रखते हुए उनके मामलों को सुलझाने की बडी जिममेवारी है। ऐसे में अधिवक्ता ही लोगों को मिडिएशन की उपयोगिता बताने में अपनी सबसे अहम भूमिका निभा सकते है। इस अवसर पर प्रशिक्षित मिडिएटर समीर कश्यप ने मिडिएशन के बारे में प्रकाश डालते हुए कहा कि इस प्रक्रिया से मामले का निस्तारण दोनों पक्ष खुद अपनी शर्तों और नियमों पर करते हैं। जिससे यह फैसला टिकाऊ होता है और धरातल पर भी लागू हो जाता है। उन्होने कहा कि मिडिएशन के माध्यम से मामले सुलझाने में सबसे अहम भूमिका अधिवक्ता निभा सकते हैं क्योंकि लोग अपने अधिवक्ता की राय पर ही सबसे ज्यादा यकीन करते हैं। इस अवसर पर बार एसोसिएशन सुंदरनगर के अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह ठाकुर ने प्राधिकरण का शिविर आयोजित करने के लिए धन्यावाद किया। शिविर में एसोसिएशन के महासचिव बी एस सांखयान, एडवोकेट लाल सिंह राणा, चौधरी, विक्रांत सिंह, विकास शर्मा, उमेश भारद्वाज, मनु सेन, एच सी शर्मा, चंदेल, आशीष सेन और चंदन गुप्ता सहित अन्य अधिवक्ता मौजूद रहे।
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