मंडी। अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव 2017 में भी करीब 60 अपंजीकृत देवताओं का पंजीकरण नहीं हो पाया है और उनके साथ भेदभाव इस वर्ष भी जारी है। यह देवता इस साल भी मेला कमेटी की ओर से मिलने वाली तमाम सुविधाओं से वंचित हैं। इस भेदभाव को लेकर वीरवार को जिला परिषद सद्सय संत राम की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी विवेक चंदेल के माध्यम से मेला कमेटी के अध्यक्ष उपायुक्त मंडी संदीप कदम को ज्ञापन सौंपा है। संत राम ने बताया कि शिवरात्रि महोत्सव में जिला के विभिन्न क्षेत्रों से करीब 60 ऐसे देवी-देवता भी पधारे हैं जिनको पंजीकृत न होने के कारण मेटा कमेटी की ओर से कोई सुविधा नहीं दी जा रही है। इन देवताओं के साथ हजारों देवलु, बजंतरी व कारदार, गुर इत्यादि शामिल हैं। इन देवताओं में कुछ ऐसे भी देवता हैं जो करीब 30-35 सालों से निरंतर हर साल शिवरात्रि मेले में आ रहे हैं और मेला कमेटी के पास पंजीकृत करने के लिए आग्रह करते हैं। इस संदर्भ में अनेकों देवताओं ने कई बार मेला कमेटी से लेकर प्रदेश सरकार को ज्ञापन भी दिये हैं। लेकिन हर साल इन देवी देवताओं का पंजीकरण नहीं किया जाता है और उन्हें अपने स्तर पर मंडी में रहने ठहरने व खाने की व्यवस्था करनी पडती है। उन्होने कहा कि राज माधव राय व इस देव समागम के प्रति उनकी श्रद्धा के कारण वह सभी मुश्किलों का सामना करते हुए अनेकों सालों से मंडी आ रहे हैं। अति दुर्गम क्षेत्रों से आने वाले इन देवी देवताओं को कमेटी की ओर से न ही मानदेय दिया जाता है और न ही अन्य कोई सुविधा। इनमें से अधिकतम देवता दलितों के हैं लेकिन दलितों के देवता होने के कारण ही इनके साथ भेदभाव करके इन्हे पंजीकृत न करने की साजिश हर साल रची जाती है। इन सभी अपंजीकृत देवी देवताओं को पंजीकृत करके यह भेदभाव खत्म किया जाए और उन्हें भी अन्य देवी देवताओं के समान मानदेय व अन्य सुविधाएं मुहैया करवाई जाएं। उन्होने कहा कि इन देवताओं को पंजीकृत करने के लिए विगत 20 फरवरी को भी अतिरिक्त उपायुक्त हरिकेश मीणा के माध्यम से मुखयमंत्री वीरभद्र सिंह को ज्ञापन प्रेषित किया था। लेकिन मेला कमेटी इन तथ्यों के बारे में पूरी तरह से असंवेदनशील रही और इन देवताओं के पंजीकरण करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है। उन्होने मेला कमेटी से आग्रह किया है कि इन देवी देवताओं को पंजीकृत करने में तत्परता दिखाई जाए अन्यथा देवलुओं को संघर्ष का रूख अपनाना पडेगा। उन्होने बताया कि इस बारे में जल्द कोई निर्णय नहीं लिया गया तो शुक्रवार को इन देवी देवताओं के देवलु काली पट्टी पहन कर मौन विरोध प्रदर्शन करेंगे। प्रतिनिधिमंडल में एडवोकेट समीर कश्यप, हेत राम, टिकम राम, लालू राम चौहान, भोले राम, रेत राम, घांथु राम, टिकम चंद, बलदेव, कर्म सिंह, राजू, लेख राज, प्रेमी देवी, राम सिंह, ध्यान सिंह, रूकमणी देवी, कमला देवी, केहर सिंह, रविन्द्र कुमार, दीपू, नैना देवी, पिंकी, रोशन लाल, टेक चंद शर्मा, कौशल्या देवी, सुरेश कुमार, घनश्याम, मस्त राम, लेखराज, सन्नू, परमानंद और सीता देवी सहित अन्य देवलू शामिल थे।
प्रशासन ने मांगे मानने का दिया आश्वासन
इधर, एडीएम मंडी ने देर शाम को संत राम की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात उपायुक्त एवं अध्यक्ष मेला कमेटी संदीप कदम से करवाई। जिसमें उपायुक्त ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया है कि शिवरात्रि के तुरंत बाद देवताओं के पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू करने के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया जाएगा। उन्होने कहा कि अगली साल से इन देवी देवताओं के देवलुओं को इस स्थिति से नहीं गुजरना पडेगा।
अब नहीं देवी देवताओं का विरोध प्रदर्शन
मेला कमेटी से प्रतिनिधिमंडल की वार्ता पर संतोष जाहिर करते हुए संत राम ने कहा कि अब शुक्रवार को काली पट्टी पहन कर मौन विरोध प्रदर्शन नहीं किया जाएगा। लेकिन अगर भविष्य में मेला कमेटी इन देवी देवताओं के पंजीकरण के लिए कदम नहीं उठाए तो संघर्ष को तेज किया जाएगा।
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