मंडी। हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने वन विभाग के सेवानिवृत अधीक्षक की पदोन्नति के लिए दायर याचिका को स्वीकार करते हुए विभाग को इस बारे में विचार करने के निर्देश दिये हैं। इसके अलावा एक अन्य याचिका के फैसले में परिवहन निगम के सेवानिवृत मेकैनिक से रिकवरी करने के आदेशों को निरस्त कर दिया है। प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष वी के शर्मा और सदस्य प्रेम कुमार की बेंच ने मंडी सर्किट के दौरान हुई सुनवाई में वन विभाग से सेवानिवृत हुए नवरंग राम ठाकुर की याचिका को स्वीकारते हुए वन विभाग को उन्हें अधीक्षक ग्रेड-एक के पद पर उनके कनिष्ठों के उपर पदोन्नति देने हेतु विचार करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा ट्रिब्यूनल ने याचिककर्ता को पदोन्नति पर बढने वाली पेंशन तथा अन्य सभी सेवासंबंधी लाभ भी देने के आदेश दिये हैं। ट्रिब्यूनल ने याचिककर्ता का मामला नब्बे के दशक का होने के कारण विभाग को इसे 6 माह में निपटाने के आदेश दिये हैं। ऐसा न करने पर विभाग को 6 प्रतिशत ब्याज सहित बकाया राशि का भुगतान करना होगा। इधर, एक अन्य याचिका के फैसले में ट्रिब्यूनल ने हिमाचल पथ परिवहन निगम से सेवानिवृत मेकैनिक इंदर देव की याचिका को स्वीकारते हुए विभाग के वसूली आदेशों को निरस्त कर दिया है। ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले में कहा कि विभाग की ओर से जारी आदेशों के तहत उक्त मैकेनिक से की जा रही वसूली कानून के तहत अनुमती प्राप्त नहीं है। ऐसे में ट्रिब्यूनल ने वसूली आदेशों को निरस्त करने का फैसला सुनाया है। इसके अलावा ट्रिब्यूनल ने निगम को याचिकाकर्ता की रोकी गई ग्रेच्युटी राशि भी अदा करने के आदेश दिये हैं। याचिकाकर्ताओं की ओर से ट्रिब्यूनल में इन मामलों की पैरवी अधिवक्ता एस पी चटर्जी ने की।
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