मंडी। भवन नियमितीकरण संघर्ष समिति (मंडी) ने टीसीपी अधिनियम में भवनों के नियमितीकरण की दरें घटाने की मांग की है। समिति का कहना है कि भारी भरकम फीसें होने के कारण लोग अपने मकानों को नियमित करने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। जिससे नियमितीकरण का यह प्रयास भी असफल होने के कगार पर है। समिती का मानना है कि नियमितिकरण की इतनी भारी भरकम फीस बिल्डर तो अदा कर सकते हैं पर आम लोगों के लिए यह फीसें अदा करना संभव नहीं है। भवन नियमितिकरण संघर्ष समिति (मंडी) के उत्तम चंद सैनी, अमर चंद वर्मा, हितेन्द्र शर्मा, मुरारी लाल शर्मा, हरमीत सिंह बिट्टू, प्रदीप परमार और समीर कश्यप ने समिति की बैठक के बाद प्रेस को जारी विज्ञप्ति में कहा कि टीसीपी एक्ट में नियमितीकरण की दरें बहुत ज्यादा निर्धारित की गई है। समिति की मांग है कि नक्शों में बदलाव के साथ बनाए गए छोटे घरों व व्यवसायिक संस्थानों की दरें नगर परिषद क्षेत्र में 100 रूपये और नप क्षेत्र से बाहर 50 रूपये प्रति वर्ग मीटर तय की जाए। जबकि बिना योजना अनुमति के बनाए गए भवनों में यह दरें क्रमश: 200 रूपये और 100 रूपये की जाए। समिति का कहना है कि एक्ट में दरें सामान्य शुल्क की दरों से 6000 से 12000 प्रतिशत अधिक तक निर्धारित की गई हैं। इन दरों को अदा करना गरीब तथा मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए संभव नहीं है। सरकार की ओर से प्रस्तावित पालिसी का लाभ सिर्फ बडे बिल्डर और निर्माता ही ले सकेंगे। समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि अधिसूचना होने के बाद अभी तक मंडी जिला के नगर निकायों व टीसीपी क्षेत्र में मात्र करीब दो सौ आवेदन ही टीसीपी विभाग व नगर निकायों के पास आए हैं। जबकि 90 फीसदी से अधिक भवन जिनका नियमितीकरण होना है वह लाखों रूपये की फीस होने के कारण आवेदन नहीं कर रहे हैं। इस अतार्किक फीस के कारण लोग अपने भवनों को नियमित करने से एक बार फिर वंचित हो गए हैं। समिति ने प्रदेश सरकार मांग की है कि टीसीपी एक्ट की मौजूदा दरों को निरस्त करके नियमितीकरण की आंशिक दरें वसूल की जाएं। तभी आम जनता इस एकमुश्त पालिसी का फायदा उठा पाएगी। इसके अलावा नियमितीकरण की अवधी को बढाया जाये ताकि लोगों को अपने दस्तावेज एकत्र करने के लिए समय मिल सके। वहीं पर नियिमितीकरण की प्रक्रिया को सरल किया जाए क्योंकि मौजूदा नियमों के तहत औपचारिकताएं पूरी करने के लिए लोगों को विभिन्न कार्यालयों के चक्कर काटने पड रहे हैं। ऐसे में सिंगल विंडो की प्रक्रिया शुरू की जाए जिससे लोगों को एक ही कार्यालय में नियमितिकरण से संबंधित सभी सुविधाएं मिल सकें।
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