Tuesday, 31 May 2011

बीडीओ गोपालपूर को हर्जाने के आदेश


मंडी। जिला उपभोकता फोरम ने खंड विकास अधिकारी गोपालपूर (सरकाघाट) को हैंडपंप के लिए जमा करवाई गई उपभोकता की 18000 रूपये की राशी बयाज सहित लौटाने के आदेश दिए। इसके अलावा बीडीओ गोपालपूर और कार्यकारी अभियंता की सेवाओं में कमी आंकते हुए उन्हे उपभोकता के पक्ष में एक माह के भीतर 5000 रूपये हर्जाना और 3000 रूपये जुर्माना भी अदा करने के आदेश दिए हैं। जिला उपभोकता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारदवाज और सदसय लाल सिंह ने सवजल धारा योजना के अध्यक्ष उपतहसील बलदवाडा के खनोट गांव निवासी साध राम पुत्र छज्जू राम की शिकायत को उचित मानते हुए बीडीओ गोपालपूर और सिंचाई एवं जन सवासथय विभाग के कार्यकारी अभियंता के खिलाफ उकत फैसला सुनाया। अधिवकता एल सी ठाकुर के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोकता ने सवजल धारा सकीम के तहत समिति गठित करके खनोट गांव में हैंडपंप लगाने के लिए बीडीओ गोपालपूर के पास 18000 रूपये की राशी जमा करवाई थी। सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद भी गांव में हैंडपंप नहीं लग पाया। फोरम में विभाग के कार्यकारी अभियंता का कहना था कि उन्होने बीडीओ गोपालपूर को सूचित किया था कि इस कार्य के लिए न ही फंड था और न ही पंप गांव में लगाया जा सकता है। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि हैंड पंप न लगाए जाने संबंधी सूचना विभाग और बीडीओ गोपालपूर ने उपभोकता को नहीं दी। उकत अधिकारी की सेवाओं में कमी के चलते उपभोकता को अंधेरे में रखा गया। फोरम ने बीडीओ गोपालपूर को उपभोकता की राशी बयाज सहित लौटाने के आदेश दिए। इसके अलावा कार्यकारी अभियंता और बीडीओ को उपभोकता के पक्ष में 60:40 के अनुपात में हर्जाना और शिकायत ïव्यय भी अदा करने के आदेश दिए।

जिला एवं सत्र न्यायधीश के सम्मान में बैठक आयोजित


मंडी। जिला बार एसोसिएशन ने सथानांतरित होकर शिमला जा रहे जिला एवं सत्र न्यायधीश सी बी बारोवालिया के सममान में एक बैठक का आयोजन किया । इस अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायधीश सी बी बारोवालिया ने एसोसिएशन को संबोधित करते हुए कहा कि वह अपने मंडी कार्यकाल को अविसमरणीय मानते हैं। उन्होने कहा कि बार की ओर से उन्हे अपने कार्यकाल के दौरान पूरा-2 सहयोग मिला है। इससे पूर्व बार एसोसिएशन के प्रधान ललित कपूर ने बैठक में जिला एवं सत्र न्यायधीश सहित अन्य अतिथियों का धन्यावाद किया। जिला बार एसोसिएशन के महासचिव समीर कश्यप ने बताया कि वर्ष 1961 में जन्मे सी बी बारोवालिया ने अपनी पढाई के बाद उच्च न्यायलय में बतौर अधिवकता अपनी प्रैकिटस शुरू की थी। वह हि प्र पंचायती राज अधिनियम पर लिखी गई कमेंटरी के सहायक लेखक भी हैं । वर्ष 2003 में वह धर्मशाला न्यायलय में अतिरिकत जिला एवं सत्र न्यायधीश तैनात हुए थे। इसके बाद जिला एवं सत्र न्यायधीश किन्नौर, जिला उपभोकता फोरम कांगडा व चंबा के अध्यक्ष तथा जिला एवं सत्र न्यायधीश ऊना और सोलन रहने के बाद नवंबर 2010 में मंडी में तैनात हुए थे। उनका तबादला प्रदेश उच्च न्यायलय के रजिसटरार के तौर पर किये जाने पर उन्होने सोमवार को अपना चार्ज छोड दिया है। बैठक में बार कौंसिल के सदसय देशराज शर्मा, पूर्व बार एसोसिएशन प्रधान दुनी चंद शर्मा और बार एसोसिएशन के पदाधिकारी व सदसय मौजूद थे।

डिभा बावडी का असतित्व संकट में


मंडी। सदियों से अपने मीठे जल से मंडी शहर की प्यास बुझाने वाली भगवाहन मुहल्ला में सथित डिभा बावडी का असतित्व इन दिनों संकट में है। पिछले करीब एक माह से इस बावडी का जल प्रदूषित हो गया है। इस बावडी में आई खराबी को लेकर भगवाहन मुहल्ला निवासियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को उपायुकत डा. अमनदीप गर्ग को एक ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल में वार्ड पार्षद अलकनंदा हांडा, भगवाहन युवा मंडल के समीर कश्यप, यशकांत, धीरज, कुलदीप, पंकज और सथानिय भगवाहन मुहल्ला निवासी शामिल थे। भगवाहन युवा मंडल के सचिव योगेश मोदगिल ने बताया कि बावडी के पानी का प्रयोग लोग पीने और खाना बनाने में करते थे। लेकिन पानी प्रदूषित होने से सथानिय लोगों को भारी समसया का सामना करना पड रहा है। सथानिय निवासियों का कहना है कि बावडी के आसपास के क्षेत्र में नगर परिषद के सौन्दर्यीकरण के नाम पर निर्माण से हुई छेडछाड के कारण यह पानी प्रदूषित हुआ है। नगर परिषद ने बावडी के लिए बनाई गई पुरातन सीढियों को तोड कर बावडी के आसपास के क्षेत्र को बुरी तरह से खनन करके एक विशालकाय डंगा निर्मित कर दिया है। जिससे बावडी के ऊपर से बहने वाली नाली और साथ ही बनाए गए सिवरेज के टैैंक का पानी बावडी में मिलकर इसे प्रदूषित कर रहा है। प्रतिनिधिमंडल ने अपने ज्ञापन में संकट से गुजर रही ऐतिहासिक डिभा बावडी को बचाने के लिए गुहार लगाई है। इधर, उपायुकत डा अमनदीप गर्ग ने ज्ञापन पर कार्यवाही करते हुए सिंचाई एवं जन सवासथय विभाग के कार्यकारी अभियंता को शीघ्रता से डिभा बावडी का निरिक्षण करने और समसया का पता लगाने के लिए निर्देश जारी किए हैं। उन्होने प्रतिनिधिमंडल को जल्द से जल्द इस समसया के निवारण के लिए आश्वासन दिया है। उन्होने इसके लिए उचित राशि भी मुहैया करवाने का आश्वासन दिया है।

Sunday, 29 May 2011

डिभा बावडी का जल पूरी तरह से प्रदूषित


मंडी। सैंकडों साल पुरानी भगवाहन मुहल्ला की डिभा बावडी का जल अब पूरी तरह से प्रदुषित हो गया है। बावडी के सत्रोत में अब शौचनुमा पदार्थ आना शुरू हो गया है। जिससे बावडी का कुंड पीले रंग के थककेनुमा पदार्थ भर गया है। जो साफ तौर पर इसके शौच होने का प्रमाण दे रहा है। यहीं नहीं बावडी के सत्रोत से पानी की मात्रा भी बढ गई है। इससे पहले कभी भी पानी का सतर कुंड से ऊपर नहीं चढता था। लेकिन जलसतर अब कुंड की सीढियों के ऊपर रखी मुर्ती के ऊपर तक पहुंच चुका है। यह पानी अब बावडी की दीवारों से बाहर निकल रहा है। गौरतलब है कि इस ऐतिहासिक बावडी का पानी प्रदूषित होने का पता उस समय चला था जब वर्षो से इस पानी का सेवन करने वाले लोगों ने अपने पानी के बर्तन में पीलापन और गंदगी पाया था। इसके बाद सथानिय भगवान युवा मंडल के सदसयों ने उपायुकत और नगर परिषद केपास इसकी सूचना दी थी। नगर परिषद ने बावडी पर पोसटर लगा कर इसके पानी का सेवन न करने को कहा था। नगर परिषद ने बाद में पानी में मामुली खराबी होने के बारे में कहा था और बावडी में लगे पोसटरों को उखाड दिया था। जबकि लोग पानी के साफ होने की बात से सहमत न होने के कारण इन दिनों इस बावडी से पानी न लेकर शिवा बावडी से ही पीने और खाना बनाने के लिए पानी ला रहे हैं। इधर, पिछले दो दिनों से पानी के प्रदुषण में गुणात्मक वृधि हुई है। पानी का प्रदुषण अब नंगी आंखों से देखा जा सकता है। रविवार को भगवाहन युवा मंडल के सदसयों समीर कश्यप, तिलक राज, योगेश, यश कांत, दीपक और भारत भूषण ने जब पानी का प्रदूषण बढते देखा तो उन्होने नगर परिषद के उपाध्यक्ष गगन कश्यप को इस बारे में सुचित किया। जिस पर उपाध्यक्ष बावडी पहुंचे तो वे भी पानी के भारी मात्रा में प्रदुषित होने के साक्षी बने। उन्होने कहा कि छुटी होने की वजह से आज फिलहाल कोई कार्रवाही संभव नहीं है। उन्होने आश्वासन दिया कि सोमवार को वह इस मामले में पहल करके आवश्यक कदम उठाएंगे।

Saturday, 28 May 2011

उपभोकता की 2,53,000 रूपये की मुआवजा राशी बयाज सहित अदा करने के आदेश


मंडी। जिला उपभोकता फोरम ने बीमा कंपनी को उपभोकता की 2,53,000 रूपये की मुआवजा राशी बयाज सहित अदा करने के आदेश दिए। इसके अलावा कंपनी की सेवाओं में कमी के चलते उपभोकता को पहुंची मानसिक यंत्रणा के एवज में 3000 रूपये हर्जाना और 2500 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करना होगा। जिला उपभोकता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारदवाज और सदसय लाल सिंह ने जोगिन्द्र नगर तहसील के बालकरूपी निवासी अंकु सूद पुत्र विजय कुमार सूद के पक्ष में फैसला सुनाते हुए रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी को उनके पक्ष में उकत राशी का भुगतान 9 प्रतिशत बयाज दर सहित अदा करने के आदेश दिए। अधिवकता अभिषेक लखनपाल के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोकता ने अपने वाहन को कंपनी के पास बीमाकृत करवाया था। बीमा अवधि के दौरान वाहन एक दुर्घटना में पूरी तरह से क्षतिग्रसत हो गया था। उपभोकता ने दुर्घटना की प्राथमिकी दर्ज करवाकर कंपनी को इस बाबत सूचित किया था। उपभोकता ने तमाम दसतावेज कंपनी को मुहैया करवाकर मुआवजे की मांग की थी। कंपनी के सर्वेयर ने नुकसान का आकलन किया था लेकिन कंपनी ने उपभोकता के कई बार अनुरोध के बावजूद मुआवजा तय नहीं किया। ऐसे में उपभोकता को फोरम की शरण लेनी पडी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि कंपनी ने मुआवजा जारी करने में देरी की है जो सेवाओं में कमी को दर्शाता है। फोरम ने कंपनी की सेवाओं में कमी के चलते उपभोकता को पहुंची मानसिक यंत्रणा के बदले मुआवजा राशी का भुगतान बयाज सहित करने के अलावा हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।

Friday, 27 May 2011

बार कौंसिल के चुनावों की सरगर्मी बढ


मंडी। हिमाचल प्रदेश बार कौंसिल के 18 जून को होने वाले चुनावों की प्रक्रिया शुरू होते ही जिला न्यायलय परिसर में सरगर्मियां बढने लगी हैं। प्रदेश बार कौंसिल के 20 सदसयों के चुनाव के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 24 मई तक 61 उममीदवारों ने नामांकन भरा है। जिला एवं सत्र न्यायलय से बार कौंसिल के सदसय देशराज, हेमन्त कपूर, नरेन्द्र गुलेरिया, संजय मंडयाल, नरेन्द्र कौंडल और देशमित्र ने अपना नामांकन भरा है। वहीं पर सरकाघाट न्यायलय से धर्मपाल शर्मा ने भी अपना नामांकन भरा है। जिला बार एसोसिएशन के महासचिव समीर कश्यप ने बताया कि विगत 25 मई को नामांकन पत्रों की छंटनी रखी गई थी। जबकि 29 मई को नामांकन पत्र वापिस लेने की अंतिम तिथी निश्चित की गई है। उन्होने बताया कि 18 जून को होने वाले चुनावों के परिणाम २6 जून को घोषित होंगे। उन्होने बताया कि प्राथमिकता के आधार पर होने वाला इन चुनावों का मतदान जिला प्रशासन की देखरेख में किया जाएगा। इधर, जिला न्यायलय परिसर में नामांकन भरने के बाद चुनावी सरगर्मियां बढने लगी हैं। इन चुनावों में उतरे जिला भर के उममीदवारों के अलावा उच्च न्यायलय के अधिवकता धर्मवीर शर्मा, प्रेम चौहान, राजीव और नाहन के अधिवकता विश्व राज शर्मा अभी तक मंडी न्यायलय में आकर अपने लिए वोट मांग चुके हैं। चुनावों के लिए अधिवकताओं ने फेस बुक, ई-मेल, मैसेज, फोन कालस और व्यकितगत रूप से मतदाताओं के साथ संपर्क साधना शुरू कर दिया है। जहां कुछ उममीदवार कारों से प्रदेश भर के न्यायलयों में पहुंच रहे हैं। वहीं नाहन के अधिवकता विश्व राज शर्मा अपने मोटर साईकिल पर प्रदेश भर के न्यायलयों के दौरे पर निकले हुए हैं।

Thursday, 26 May 2011

चुरा पोस्त रखने के दो आरोपी बरी


मंडी। चूरा पोसत रखने का आरोप साबित न होने पर अदालत ने दो आरोपियों को बरी करने का फैसला सुनाया है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों पर शंका से दूर अभियोग साबित नहीं कर पाया। फासट टै्रक कोर्ट के पीठासीन अधिकारी जे एन यादव के न्यायलय ने आसाम के कोकराझाड जिले के काचु गांव निवासी जंकला बासुमतरी और नेपाल के रोलपा जिले के रगसी गांव निवासी माईला तामंग पर मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम के तहत अभियोग साबित न होने पर उन्हे बरी करने का फैसला सुनाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार सुंदरनगर पुलिस ने 29 नवंबर 2010 को नरेश चौक पर नाका लगाया हुआ था। इसी दौरान मंडी की ओर से आ रही पंजाब रोडवेज की बस को तलाशी के लिए रोका गया। बस की तलाशी के दौरान सीट नंबर 46 व 47 पर बैठे आरोपियों के पैर के पास रखे एक बैग की शक के आधार पर तलाशी ली गई तो इसमें से 9 किलो 300 ग्राम चूरा पोसत बरामद हुआ था। पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में 13 गवाहों के बयान दर्ज करवाए गए। जबकि बचाव पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे अधिवकता महेन्द्र कुमार पंडित का कहना था कि अभियोजन के सवतंत्र तथा अन्य गवाहों ने विरोधाभासी बयान दिए हैं। अदालत ने अपने फैसले में कह कि अभियोजन पक्ष इस मामले में पर्याप्त साक्ष्य पेश नहीं कर सका है। जिससे आरोपियों पर शंका से दूर अभियोग साबित हो सके। अदालत ने आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए उन्हे बरी करने का फैसला सुनाया।

Wednesday, 25 May 2011

एन ओ सी एक माह में जारी करने के आदेश


मंडी। जिला उपभोकता फोरम ने एक वित कंपनी को उपभोकता का अनापति प्रमाण पत्र (एन ओ सी) एक माह में जारी करने के आदेश दिए। निश्चित समय में एन ओ सी जारी न करने पर कंपनी को 50 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से शिकायत दायर करने की तिथी से राशी अदा करनी होगी। जिला उपभोकता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारदवाज और सदसय लाल सिंह ने सदर उपमंडल के घेरा(भंगरोटू) निवासी देविन्द्र सिंह के पक्ष में फैसला सुनाते हुए बजाज आटो फाइनैंस लिमिटिड को उकत आदेश जारी किये। इसके अलावा कंपनी की सेवाओं में कमी के चलते उपभोकता को पहुंची मानसिक परेशानी के एवज में 3000 रूपये हर्जाना और 2000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिए। अधिवकता वीरेन्द्र कुमार के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोकता ने उकत कंपनी से लोन लेकर एक मोटर साईकिल खरीदा था। उपभोकता ने लोन की सारी राशी कंपनी को लौटा कर एन ओ सी की मांग की थी। लेकिन कंपनी ने एन ओ सी जारी नहीं किया। जिसके चलते उपभोकता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। कंपनी का शिकायत के जवाब में कहना था कि उपभोकता की देनदारी शेष बचती है जिसके कारण एन ओ सी जारी नहीं की गई। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि कंपनी उपभोकता पर कोई देनदारी साबित नहीं कर पाई। जिसके चलते फोरम ने माना कि उपभोकता की एन ओ सी को कंपनी ने गैर कानूनी तरीके से जारी करने से रोक दिया। फोरम ने एन ओ सी जारी न करने को कंपनी की सेवाओं में कमी मानते हुए एक माह में एन ओ सी जारी करने और हर्जाना तथा शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।

Tuesday, 24 May 2011

पत्नी की हत्या का आरोपी बरी


मंडी। पत्नी की हत्या का आरोप साबित न होने पर अदालत ने आरोपी को बरी करने का फैसला सुनाया है। अदालत ने आरोपी पर शंका से दूर अपराध साबित न होने के कारण उसे संदेह का लाभ देते हुए यह फैसला सुनाया। अतिरिकत जिला एवं सत्र न्यायधीश राकेश कैंथला के न्यायलय ने सदर उपमंडल के नेरी गांव निवासी रतन चंद पुत्र पंजकू राम पर भादंसं की धारा 302 के तहत चलाए गए अभियोग में उकत निर्णय दिया। अभियोजन पक्ष के अनुसार गांव के लोगों ने आरोपी के घर के पास एक मृत महिला को देखा तो इसकी सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने मौका पर आकर महिला की शिनाखत आरोपी की पत्नी कांता देवी के रूप में करके उसे हत्या के आरोप में हिरासत में लिया था। अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में 12 गवाहों के बयान दर्ज करवाए गए। इस मामले में बचाव पक्ष की पैरवी अधिवकता नरेन्द्र गुलेरिया ने की। बचाव पक्ष ने अभियोजन के तमाम आरोपों को नकारते हुए यह दलील दी थी कि उकत महिला आरोपी की पत्नी नहीं थी। इसके अलावा घटना का कोई चश्मदीद गवाह नहीं था। महिला का शव घटना के करीब 15 दिनों के बाद बरामद हुआ था। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष ऐसे साक्ष्य अभियोग में सामने नहीं ला सका जिससे आरोपी का इस घटना से संबंध जुडता हो। हालांकि मेडिकल सबूतों में महिला की हत्या होने की पुषिट हुई थी। लेकिन आरोपी को दोषी करार देने के लिए इतना ही काफी नहीं है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपी पर शंका से दूर अपराध साबित नहीं कर सका। जिसके चलते अदालत ने उसे संदेह का लाभ देते हुए बरी करने का फैसला सुनाया।

Monday, 23 May 2011

सांसद डा. राजन सुशान्त ने हिमाचलियत बचाने का आहवान किया


मंडी। लोकसभा सांसद राजन सुशान्त ने समाज के प्रबुध और बुधिजीवी वर्ग को भ्रषटाचार उन्मूलन और हिमाचल को बचाने के लिए उनका आहवान किया। सोमवार को जिला बार एसोसिएशन को संबोधित करते हुए उन्होने कहा कि देश में एक तरफ भ्रषटाचार के तमाम रिकार्ड धवसत हो रहे हैं तो दूसरी ओर हिमाचलीयत संकट में है। सांसद ने कहा कि आजादी के बाद प्रदेश ने कया खोया है और कया पाया है इस पर मंथन करने का समय आ गया है। उन्होने कहा कि देश की सुरक्षा के लिए रेलवे लाईनों का निर्माण करने, चंडीगढ शानन प्रोजेकट, सतलुज प्रोजेकट, व्यास प्रोजेकट व अन्य परियोजनाओं में 7.19 प्रतिशत हिस्सा लेना, नदियों के पानी पर सवामित्व रायल्टी हासिल करना, सभी परियोजनाओं के एरियर का भूगतान लेना, वन संपदा की रायल्टी लेना और राज्य से बाहर रह रहे हिमाचलियों के हितों की रक्षा करना आदि मुदे हिमाचलियत के लिए चुनौती हैं। उन्होने कहा कि अधिवकतागण समाज का बुधिजीवी वर्ग है। भ्रषटाचार और हिमाचल प्रदेश से हो रहे अन्याय के लिए इस वर्ग को अपनी अहम भूमिका निभाने का सही समय आ गया है। उन्होने कहा कि प्रदेश के हितों को संकट में देख कर गैर राजनैतिक संगठन हिमाचल अधिकार मंच की सथापना की गई है। सांसद राजन सुशान्त अधिवकताओं को सोमवार शाम 5 बजे विश्वकर्मा मंदिर में होने वाली बैठक में आमंत्रित करने आए थे। इस दौरान जिला बार एसोसिएशन की ओर से एक बैठक आयोजित की गई। जिला बार एसोसिएशन के महासचिव समीर कश्यप ने बताया कि एसोसिएशन के प्रधान ललित कपूर, वरिषठ अधिवकता मनोहर लाल शर्मा और आरटीआई बयुरो के संयोजक लवन ठाकुर ने भी बैठक को संबोधित किया। जबकि एसोसिएशन के उपाध्यक्ष रूपिन्द्र सिंह ने बार रूम में पधारने पर सांसद राजन सुशान्त और अतिथियों का धन्यावाद किया।

घूस लेने के मामले में दो पटवारी बरी


मंडी। रिश्वत लेने का अभियोग साबित न होने पर अदालत ने दो पटवारियों को बरी करने का फैसला सुनाया है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों पर शंका से दूर अभियोग साबित नहीं कर पाया है। अतिरिकत जिला एवं सत्र न्यायधीश राकेश कैंथला के विशेष न्यायलय ने सदर उपमंडल के कांढी तारापूर निवासी रंजीत सिंह और बीर( तुंगल) निवासी गंगा राम पर भ्रषटाचार निरोधक अधिनियम की धारा 7 और 13 के तहत चलाए गए अभियोग में उन्हे बरी कर दिया। अभियोजन पक्ष के अनुसार समखेतर निवासी अरूण सेठी ने अपनी पत्नी मीना सेठी के नाम पर देवी सिंह से जमीन खरीदी थी। इस खरीद का विक्रय पत्र बनाने के लिए उन्हे कृषि प्रमाण पत्र वांछित था। इसके लिए उन्होने जब पटवारी को संपर्क किया तो उन्होने 10 हजार रूपये रिश्वत की मांग की थी। इस पर अरूण सेठी ने पैसों को उधार लेकर पुलिस के पास शिकायत की थी। पुलिस ने राशी को फिनालफथलीन के पाउडर में मिलाकर इसे आरोपियों को सौंपने के लिए दिया था। जैसे ही आरोपियों ने राशी अपने हाथ में पकडी तो वहां नजदीक ही मौजूद पुलिस ने उन्हे रंगे हाथ गिरफतार कर लिया था। अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में 12 गवाह पेश किए गए। जबकि बचाव पक्ष का इस मामले में कहना था कि राशी को पाउडर में मिलाने के बाद इसे नायब तहसीलदार को सौंपा जाना था। जिसके लिए पुलिस और अरूण सेठी पहले तहसील गए थे। लेकिन नायब तहसीलदार ने राशी आरोपी पटवारी को सौंपने को कहा था। आरोपियों ने यह राशी घूस के तौर पर अरूण सेठी से न ली थी बल्कि इसे उन्होने नायब तहसीलदार का निर्देश मानते हुए प्राप्त किया था। बचाव पक्ष की ओर से अधिवकता जी पी गुलेरिया ने मामले की पैरवी की। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों पर शंका से दूर अभियोग साबित नहीं कर पाया है। जिसके चलते उन्होने आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी करने का फैसला सुनाया।

Saturday, 21 May 2011

न्यायलय में एंटी टेरोरिजम डे मनाया जाएगा


मंडी। जिला एवं सत्र न्यायलय में शुक्रवार को एंटी टैरोरिजम दिवस मनाया जाएगा। इस अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायधीश सी बी बारोवालिया की अध्यक्षता में न्यायलय के बार रूम में सुबह 9.30 बजे शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा। जिला बार एसोसिएशन के महासचिव समीर कश्यप ने बताया कि प्रदेश सरकार के निर्णय के अनुसार प्रदेश उच्च न्यायलय तथा अधिनसथ न्यायलयों में 21 मई को एंटी टैरोरिजम दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। उन्होने बताया कि इस दिवस को मनाने का उदेश्य लोगों तथा विशेषतर युवाओं को आतंक और हिंसा की संसकृति से दूर रखा जाना है। उन्होने बताया कि इस अवसर पर अहिंसा एवं सहनशीलता की परंपरा में विश्वास रखने और आतंकवाद व हिंसा का डटकर विरोध करने की शपथ ली जाएगी। वहीं पर मानव जाति के सभी वर्गोंं के बीच शांती, सामाजिक सदभाव तथा सूझबूझ कायम करने और मानव जीवन को खतरा पहुंचाने वाली और विघटनकारी शकितयों से लडने की भी शपथ ली जाएगी।

न्यायलय में एंटी टेरोरिजम डे मनाया गया


मंडी। जिला एवं सत्र न्यायलय में शुक्रवार को एंटी टैरोरिजम दिवस मनाया गया। इस अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायधीश सी बी बारोवालिया की अध्यक्षता में न्यायलय के बार रूम में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर उन्होने कहा कि इस दिवस को मनाने का उदेश्य लोगों तथा विशेषतर युवाओं को आतंक और हिंसा की संसकृति से दूर रखना है। उन्होने बताया कि प्रदेश सरकार के निर्णय के अनुसार प्रदेश उच्च न्यायलय तथा अधिनसथ न्यायलयों में 21 मई को एंटी टैरोरिजम दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ललित कपूर ने लोगों से आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए समाज के सभी वर्गोंं का आहवान किया। जिला एवं सत्र न्यायधीश की अगुवाई में इस अवसर पर अहिंसा एवं सहनशीलता की परंपरा में विश्वास रखने और आतंकवाद व हिंसा का डटकर विरोध करने की शपथ ली गई। वहीं पर मानव जाति के सभी वर्गोंं के बीच शांती, सामाजिक सदभाव तथा सूझबूझ कायम करने और मानव जीवन को खतरा पहुंचाने वाली और विघटनकारी शकितयों से लडने की भी शपथ ली गई। जिला बार एसोसिएशन के महासचिव समीर कश्यप ने बताया कि इस शपथ समारोह कार्यक्रम में अतिरिकत जिला एवं सत्र न्यायधीश राकेश कैंथला, फासट ट्रैक कोर्ट के पीठासीन अधिकारी जे एन यादव, मुखय न्यायिक दंडाधिकारी डी आर ठाकुर, सभी न्यायिक दंडाधिकारी, जिला बार एसोसिएशन के सदसय और न्यायिक कर्मचारी मौजूद रहे।

चरस तस्करी के आरोपी को 15 साल की कठोर कारावास

मंडी। चरस तसकरी के एक आरोपी को अदालत ने 15 साल के कठोर कारावास और डेढ लाख रूपये जुर्माने का फैसला सुनाया है। आरोपी के जुर्माना राशी निश्चित समय में अदा न करने पर उसे दो साल की अतिरिकत साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। जबकि उसके दवारा काट ली गई सजा को उकत अवधी में से कम कर लिया जाएगा। अतिरिकत जिला एवं सत्र न्यायधीश राकेश कैंथला के न्यायलय ने मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत चलाए गए अभियोग में दोष साबित होने पर हरियाणा के जिला पानीपत के ओबरा खेडी गांव निवासी राजू पूत्र इलम सिंह को उकत सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष के अनुसार सुंदर नगर पुलिस का दल 23 दिसंबर 2009 को नरेश चौक के पास गश्त पर तैनात था। इसी दौरान मनाली की ओर से चंडीगढ जा रही एक पंजाब रोडवेज बस को तलाशी के लिए रोका गया। तलाशी के समय सीट नं 36 पर बैठे आरोपी के घबरा जाने पर पुलिस ने उसकी गोद में रखे बैग की तलाशी ली तो इसमें से 5 किलो 500 ग्राम चरस बरामद हुई थी। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले को साबित करने के लिए उप जिला न्यायवादी एस एस कौंडल ने 14 गवाहों के बयान दर्ज करवाए। अदालत ने आरोपी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य होने के कारण उसे चरस तसकरी को दोषी करार दिया। शनिवार को सजा की अवधी पर सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने आरोपी का पहला अपराध होने के कारण नरम रूख अपनाने की अपील की। जबकि अभियोजन का कहना था कि आरोपी को कडी सजा दी जाए। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि इन अपराधों के समाज पर होने वाले असर को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। ऐसे में अदालत ने उसे उकत कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया।

Thursday, 19 May 2011

उच्चतम न्यायलय के न्यायधीश ने मंडी के वकीलों से मुलाकात की

मंडी। उच्चतम न्यायलय के न्यायधीश सवतंत्र कुमार ने वीरवार को जिला एवं सत्र न्यायलय के अधिवकताओं से मुलाकात की। यहां के बार रूम में अधिवकताओं को संबोधित करते हुए उन्होने कहा कि वकीलों की समाज के निर्माण में अहम भूमिका होती है। उन्होने कहा कि इतिहास गवाह है कि आजादी के आंदोलन से लेकर जब कभी भी सामाजिक बदलाव हुए उसमें अधिवकताओं ने अहम भूमिका रही है। उन्होने कहा कि अधिवकता वर्ग समाज और न्यायप्रणाली के बीच सेतु का काम करता है। उन्होने कहा कि देश के गरीब से गरीब व्यकित तक न्याय पहुंचाने में अधिवकता वर्ग को तत्पर रहना चाहिए। उन्होने कहा कि अधिवकता वर्ग का समाज में विशेष प्रभाव होता है और लोग उनकी बातों पर अमल करते हैं। ऐसे में अधिवकता सामाजिक मुल्यों की रक्षा करते हुए समाज के प्रति अपनी भूमिका को ज्यादा कारगर ढंग से निभा सकते हैं। न्यायधीश के सममान में जिला बार एसोसिएशन की ओर से बार रूम में एक बैठक का आयोजन किया गया। जिला बार एसोसिएशन के महासचिव समीर कश्यप ने बताया कि इस अवसर पर एसोसिएशन के प्रधान ललित कपुर ने न्यायधीश सवतंत्र कुमार को बार रूम में आने और अधिवकताओं से मिलने पर धन्यावाद किया। जिला एवं सत्र न्यायधीश सी बी बारोवालिया ने भी न्यायधीश का जिला एवं सत्र न्यायलय में आने पर उनका सवागत किया। बैठक में जिला उपभोकता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारदवाज, अतिरिकत जिला एवं सत्र न्यायधीश राकेश कैंथला, फासट ट्रैक कोर्ट के पीठासीन अधिकारी जे एन यादव, मुखय न्यायिक दंडाधिकारी डी आर ठाकुर और सभी न्यायिक दंडाधिकारी और जिला बार एसोसिएशन के सदसय मौजूद थे। इसके बाद जिला बार एसोसिएशन की ओर से न्यायधीश सवतंत्र कुमार के सममान में एक लंच भी आयोजित किया गया।

उच्चतम न्यायलय के न्यायधीश का है मंडी से विशेष नाता

समीर कश्यप
मंडी। उच्चतम न्यायलय के न्यायधीश एवं मुमबई उच्च न्यायलय के पूर्व मुखय न्यायधीश सवतंत्र कुमार जब मंडी न्यायलय में पहुंचे तो कई पुरानी यादों में खो गए। न्यायधीश सवतंत्र कुमार का मंडी से एक विशेष नाता रहा है। उनके पिता ओ पी शर्मा यहां पर जिला एवं सत्र न्यायधीश के तौर पर अपनी सेवाएँ दे चुके हैं। अपने पिता के सेवाकाल के दौरान न्यायधीश सवतंत्र कुमार विजय सीनीयर सेकैन्डरी पाठशाला के छात्र रहे हैं। न्यायधीश के मंडी शहर में बहुत से बचपन के दोसत भी हैं। जिनमें से प्रो. रवि, प्रो. डी.एन कपूर और प्रो. कृपाल के नाम शुमार हैं। मंडी में अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होने पिता के नकशे कदम पर चलते हुए कानून की पढाई करके उन्होने साल 1971 में दिल्ली में अपनी प्रैकटिस शुरू की। उच्चतम न्यायलय और कई उच्च न्यायलयों में प्रैकटिस के बाद साल 1983 में उन्होने मंडी में अतिरिकत जिला एवं सत्र न्यायधीश का पद भार संभाला तो उन्हे एक बार फिर अपने बचपन के जवान हो चुके दोसतों और मंडी शहर के साथ समय बिताने का मौका मिला। इसके बाद उन्हे दिल्ली उच्च न्यायलय में अतिरिकत न्यायधीश के रूप में तैनात किया गया। यहां से उन्हे सथाई न्यायधीश के तौर पर पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायलय में तैनात किया गया। साल 2004 में उनका तबादला को दिल्ली हो गया । उन्हे साल 2007 में मुमबई उच्च न्यायलय का मुखय न्यायधीश तैनात किया गया । यहीं से उन्हे साल 2009 में उच्चतम न्यायलय का न्यायधीश नियुकत किया गया। न्यायधीश सवतंत्र कुमार 31 दिसंबर 2012 को सेवानिवृत होंगे। इधर मंडी प्रवास के दौरान भी न्यायधीश अपनी यादों को ताजा करने का मोह नहीं त्याग पाए। वीरवार को जब वह जिला बार एसोसिएशन के बुलावे पर न्यायलय परिसर में पहुंचे। जैसे ही वह अपने वाहन से बाहर निकले तो अधिवकताओं ने उनका गर्मजोशी के साथ सवागत किया। न्यायधीश बहुत ही तत्परता और आत्मियता के साथ अपने समकालीनों, सीनीयरों और युवा अघिवकताओं से मिले। अपनी बातचीत के दौरान वे कई बार अपनी पुरानी यादों में खो गए।

Tuesday, 17 May 2011

भुक्की रखने के 4 आरोपी बरी


मंडी। पौने दो कविंटल पौपी सट्रा (भुककी) सहित पकडे जाने का अभियोग साबित न होने पर अदालत ने चार आरोपियों को बरी कर दिया है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 15(सी) के तहत चलाए गए अभियोग को शंका से दूर साबित नहीं कर पाया। अतिरिकत जिला एवं सत्र न्यायधीश राकेश कैंथला के विशेष न्यायलय ने जिला कुल्लू के भुंतर थाना अतंर्गत साढाबाईं निवासी निर्मल सिंह पुत्र मंगसरू राम, रौणी निवासी गुप्त राम पुत्र गुडडु राम, हरिश चंद्र पुत्र केशव राम और बेकर निवासी वेद राम पुत्र केशव राम को बरी करने का फैसला सुनाया है। अभियोजन पक्ष के अनुसार औट थाना पुलिस का दल 2 मई 2010 को औट टनल के पास गश्त के लिए जा रहा था। इसी दौरान टनल के पास खडी एक जीप से आरोपी बोरियां उतार रहे थे। पुलिस पर नजर पडते ही आरोपियों ने भागने की कोशीश की तो पुलिस ने एक आरोपी को मौका से काबू कर लिया जबकि तीन अन्य आरोपी अंधेरे का फायदा उठाते हुए मौका से फरार हो गए। पुलिस ने जब जीप में रखी बोरियों की तलाशी ली तो इसमें से 176 किलो 475 ग्राम अफीम की पौपी सट्रा ( भुककी) की भारी खेप बरामद हुई थी। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में 18 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। जबकि बचाव पक्ष की ओर से अधिवकता शैलेष शर्मा, आर के शर्मा, राजेश शर्मा और डी सी गुलेरिया ने इस मामले में पैरवी की। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों से बरामदगी और उनकी पहचान साबित नहीं कर पाया। इसके अलावा अभियोजन के गवाहों ने विरोधाभासी बयान दिए हैं। इन तथ्यों को देखते हुए अदालत ने आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी करने का फैसला सुनाया।

Saturday, 14 May 2011

न्यायिक कर्मचारियों ने सरकार को दिया 30 दिन का अल्टीमेटम


मंडी। हि.प्र. न्यायिक कर्मचारी महासंघ ने प्रदेश सरकार को शेटटी कमीशन की सिफारिशें 30 दिन में लागू करने का अल्टीमेटम दिया है। महासंघ ने चेतावनी दी है कि इस अवधी में सिफारिशें लागू न होने पर प्रदेश सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड दिया जाएगा। महासंघ ने आंदोलन की रणनिती तैयार करने के लिए संयुकत एकशन कमेटी का भी गठन कर लिया है। महासंघ की राज्यकारणी की बैठक शनिवार को विश्वकर्मा मंदिर में आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष सुरेश ठाकुर ने की। महासंघ के महासचिव ओ. एल चौहान ने बताया कि बैठक में अधिन्सथ म्न्यायलय के कर्मचारियों को जसटिस शैटटी कमीशन की सिफारिशों को तीस दिनों के भीतर लागू करने का प्रसताव पारित किया गया। महासंघ ने निर्णय लिया है कि अगर प्रदेश सरकार 30 दिनों में कर्मचारियों की यह मांग नहीं मानती है तो महासंघ आदोंलन का रूख अखतियार कर लेगा। इसके अलावा प्रदेश के न्यायिक कर्मचारियों को पंजाब के अनुसार पे सकेल देने की भी मांग की गई। महासंघ ने यह भी प्रसताव पारित किया कि वैल्फ और तामिल कुनिंदों का निर्धारित यात्रा भता 75 रूपये से बढाकर 500 रूपये किया जाए। इसके अलावा प्रदेश भर के न्यायलयों के लिए रिर्काड कीपर, कापिंग एजेंट, एगजामिनर तथा अधीक्षक ग्रेड-2 के कुल 298 पद सृजित किए जाएं। जबकि शिमला, कुल्लू, कांगडा और चंबा में 16 प्रोटोकोल के पद भी सृजित हों। महासंघ ने मांग की है कि फासट ट्रैक कोर्टस के लिए अधिक्षक, नाजिर, अहलमद और चपरासी के 9-9 पद सृजित किए जाएं। राज्य कार्यकारिणी की इस बैठक में प्रदेश के सभी जिलों से आए 280 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

Friday, 13 May 2011

अधिवक्ताओं की समस्या पर बैठक बुलाई

मंडी। खुले आसमान के नीचे बैठने वाले जिला बार एसोसिएशन के अधिवकताओं के बैठने की समसया को लेकर जिला एवं सत्र न्यायधीश सी बी बारोवालिया ने पहल की है। जिला एवं सत्र न्यायधीश ने इस समसया को लेकर शुक्रवार को जिला बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ बैठक तय की है। जिससे अपनी बैठने की समसया से जूझ रहे अधिवकताओं में उनकी परेशानी दूर होने की उममीद जगी है। उल्लेखनीय है कि जिला एवं सत्र न्यायलय परिसर में नए भवन के निर्माण के दौरान पुराने भवन के बरामदे में बैठने वाले अधिवकताओं को शिफट कर दिया गया था। लेकिन जिस जगह अधिवकता शिफट किए गए वहां पर कुछ जगह पर तो टिन के शैड बना दिए गए। लेकिन करीब दो दर्जन अधिवकताओं को शैड नसीब न होने के कारण उन्हे खुले आसमान के नीचे बैठ कर कार्य करना पड रहा है। भारी गर्मी, सर्दी, बरसात और आंधी-तूफान के कारण अधिवकताओं और उनके पास कार्य करवाने आए याचिकाकर्ताओं को भारी कठिनाइयों का सामना करना पडता है। इस समसया के भुगत भोगी अधिवकता वीरेन्द्र, नरेन्द्र, रमा, दीपक, देशराज, मनीष कटोच, देवेन्द्र शर्मा, पुषप राज शर्मा, टी आर पठानिया, अजय ठाकुर, विक्रांत शर्मा, राजकुमार चावला, रतन लाल वर्मा, कुलदीप ठाकुर, दीपक शर्मा, गीतांजली शर्मा, शैलजा शर्मा और राजेश्वर शर्मा ने बताया कि खुले आसमान के नीचे कार्य करके न केवल उनके काम प्रभावित हो रहा है बल्कि इसका उनके सवासथय पर भी बुरा प्रभाव पड रहा है। इधर, जिला बार एसोसिएशन के महासचिव समीर कश्यप ने इस समसया के बारे में शुक्रवार को बैठक होने की पुषिट की है। उन्होने बताया कि जिला एवं सत्र न्यायधीश की पहल कदमी से उन्हे इस समसया का समाधान होने की उममीद बंधी है।

जिला न्यायधीश ने दिया अधिवक्ताओं को आश्वासन


मंडी। जिला न्यायलय परिसर में खुले आसमान के नीचे बैठने को बाध्य अधिवकताओं की समसया को लेकर जिला एवं सत्र न्यायधीश सी बी बारोवालिया ने जिला बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों व सदसयों के साथ बैठक की। बैठक में अधिवकताओं की मांग को जायज ठहराते हुए जिला एवं सत्र न्यायधीश ने इस संदर्भ में सकारात्मक कदम उठाने का आश्वासन दिया है। जिला बार एसोसिएशन के महासचिव समीर कश्यप ने बताया कि न्यायलय परिसर में खुले आसमान के नीचे प्रैकटिस करने को बाध्य अधिवकताओं की मांग को लेकर जिला एवं सत्र न्यायधीश को एक ज्ञापन दिया गया था। जिस पर कार्यवाही करते हुए जिला न्यायधीश ने बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ यह बैठक सुनिशचित की थी। जिला बार एसोसिएशन की ओर से बैठक में उपप्रधान रूपेन्द्र सिंह, महासचिव, कोषाध्यक्ष आकाश शर्मा, लाइब्रेरियन गीतांजली शर्मा, मनीष कटोच, अजय ठाकुर, देश राज शर्मा और वीरेन्द्र कुमार शामिल हुए। अधिवकताओं ने भारी गर्मी और लू के चलते खुले आसमान के नीचे कार्य करते हुए उन्हे पेश आ रही परेशानियों के बारे में जिला एवं सत्र न्यायधीश को अवगत करवाया। अधिवकताओं की समसया से वाकिफ जिला न्यायधीश ने ज्ञापन के मसौदे पर अपनी ओर से सकारात्मक भूमिका निभाने का आश्वासन दिया है। उन्होने विश्वास जताया कि इस बारे में जिला प्रशासन के साथ मिलकर कोई सकारात्मक हल निकाल कर अधिवकताओं को शैड मुहैया करवाए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि जिला न्यायलय परिसर में करीब 25 अधिवकताओं को न्यायलय परिसर में असथाई छत न होने के कारण खुले आसमान के नीचे अपनी मेज कुर्सियां लगाकर प्रैकटिस करनी पड रही है। जिससे अधिवकताओं और याचिकाकर्ताओं को भारी परेशानी का सामना करना पड रहा है।

Wednesday, 11 May 2011

अंधेरे से मिली निजात बालीचौकी के 102 घरों को रोशनी की सौगात, पुराने पोल बदलने का काम शुरू


आजादी के पिछले छह दशक से अंधरों का शिकार रहे बालीचौकी उप तहसीत के 102 परिवारों को आखिर रोशनी की सौगात मिली है। प्रदेश बिजली बोर्ड की ओर से उन सभी परिवारों को बिजली उपलब्ध करवा दी गई है । यहां दशकों पुराने पोल बदनने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। एल्टी लाईन के 50 और एचटी लाईन के 21 पोल बदलने के लिए बजट का प्रावधान किया गया है। बिजली बोर्ड के लारजी सब डिविजन के सहायक अभियंता के अनुसार बिजली के मीटर लगाने के जितने भी आवेदन विभाग को आए थे, सबको बिजली उपलब्ध करवा दी गई है। बता दें कि पंचायती राज मंत्री जयराम ठकाुर के गृह विधानसभा क्षेत्र में सैंकड़ों परिवारों को आवेदन के बावजूद बिजली ने मिलने की खुलासा आरटीआई के तहत सूचना जुटाकर कर कामगार मजदूर संगठन के अध्यक्ष संत राम ने किया था और सरकार के शत प्रतिशत विद्युतिकरण के दावों की पोल खोली थी। पता चला था कि बालीचौकी के अंतर्गत खलवाहण पंचायत के 34 परिवार, देवधार के नौ परिवारों को बिजली को बिजली उपलब्ध नहीं हैऔर विद्युत अनुभाग लारजी के अंतर्गत आने वाले 59 परिवारों को भी बिजली नहीं मिल रही है। यह भी खुलासा हुआ था कि इस क्षेत्र में बिजली आपूर्ति के लिए बिजली की लाइनें लकड़ी के पोलों पर बिछाई गई हैं। लारजी स्थित बिजली बोर्ड़ के सहायक अभियंता श्याम लाल ने बताया कि जहां लोगों को बिजली उपलब्ध नहीं करवाई गई थी उन्हें बिजली उपलब्ध करवाई करवा दी गई है जबकि यहां पोल बदलने का काम जारी है।
एक साल बाद मिला मिट़टी का तेल
खाद्य एवं आपर्ति विभाग आया हरकत में , जांच भी जारी
बालीचौकी की जिन आधा दर्जन पंचायतों को जिस मिट्टी के तेल की एक साल से आपूर्ति नहीं हो पा रही थी, वहां अब मिट्टी के तेल की आपूर्ति कर दी गई । खाद्य एवं आपूर्ति विभाग हरकत में आ गया है। बालीचौकी के उन सभी डिपुओं को मिट्टी का तेल उपलब्ध करवा दिया गया है, जिसके बारे में विभाग को जांच का जिम्मा सौंपा था। बालीचौकी की आधा दर्जन पंचायतों में गरीबों को सस्ती दरों पर मिलने वाले मिट्टी के तेल सालभर से नहीं मिल रहा था। बीते शुक्रवार को मजदूर कामगार संगठन के अध्यक्ष संतराम ने इस बारे में एडीसी हंसराज को ज्ञापन दिया था और हरकत में आते हुए जिला प्रशासन ने जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक सुरेंद्र सिंह पठानिया को जांच करने के आदेश दिए थे। इस मामले में जहां एक तरफ विभाग जहां एक साल से मिट्टी के तेल की आपूर्ति नहीं हुई, इसकी जांच कर रहा है, वहीं दूसरी ओर मिट्टी के तेल की आपूर्ति कर दी गई है। खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक सुरेंद्र पठानिया ने बताया कि बालीचौकी में मिट़्टी के तेल की आपूर्ति कर दी गई है। उधर इस बारे में शिकायत करने वाले कामगार मजदूर संगठन के अध्यक्ष एवं आरटीआई ब्यूरो के सदस्य संत राम का कहना है कि आखिर किस कारण से मिट्टी के तेल की आपूर्ति नहीं की गई, इसकी जल्द जांच कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई हो।

छोटी काशी की धरोहरें संकट में, डिभा बावडी का पानी प्रदूषित हुआ


छोटी काशी के नाम से मशहूर मंडी शहर की सांसकृतिक पहचान के रूप में यहां की बावडियों और नौणों का विशेष महत्व है। करीब 500 साल पुराने इस शहर में लगभग 70 प्राकृतिक जल सत्रोत हैं लेकिन प्रशासनिक उदासीनता,सौन्दर्यीकरण के नाम पर इन जलाशयों के अगोरों में अवैज्ञानिक निर्माण कार्य, अतिक्रमण और उचित रखरखाव न होने से इनकी सथिति बदतर होती जा रही है। शहर की पहचान यह जलाशय पुरातात्कि महत्व के तो हैं ही, नगर वासियों के लिए तीन से तीन हजार लीटर पेयजल की आपूर्ती करने वाले प्रमुख जल सत्रोत के रूप में भी उपयोगी रहे हैं। इन जल सत्रोतों में शिवा बावडी, डिभा बावडी, जौंचु नौण, राजे रा नौण और राणी बाईं आदी शामिल हैं। रियासत काल में बने इन जलाशयों की कलात्मकता और शैलीगत सथापत्य बेहद दर्शनीय है। कयोंकि शहर में करीब 70 जलाशय हैं इसलिए इसे बावडियों की नगरी कहा जाए तो कोई अतिशयोकति नहीं होग
लोगों की सदियों से अपने मीठे जल से प्यास बुझाने वाली भगवाहन मुहल्ला में सथित डिभा बावडी का असतित्व इन दिनोंसंकट में है। पिछले करीब एक सप्ताह से इस बावडी से प्रदूषित जल प्रवाहित हो रहा है। जिससे बीमारियां फैलने की आशंका हो गई है। यह माना जा रहा है कि बावडी के अगोर(आस पास के खाली क्षेत्र) में नगर परिषद के सौन्दर्यीकरण के नाम पर निर्माण से हुई छेडछाड के कारण ही यह जल प्रदूषित हुआ है। नगर परिषद ने बावडी को जाने के लिए बनाई गई पुरातन सीढीयों को तोड कर बावडी के अगोर क्षेत्र का बुरी तरह से खनन करके एक विशालकाय डंगा निर्मित कर दिया है। जिससे अब बावडी के ऊपर से बहने वाली नाली और साथ ही बना दिए गए सीवरेज के टैंक का पानी बावडी में मिल कर इस प्रदुषित कर रहा है। सदियों पहले बनी यह बावडी एक ऐतिहासिक धरोहर है। बावडी के ऊपरी भाग में निर्मित गुंबद और मंडप इसके लंबे समय तक उपयोग में रहने का प्रमाण देते हैं। बावडी के तल तक पहुंचने के लिए सीढियां बनाई गई हैं। इन सीढियों पर लगाए गए पत्थर की यह खासियत है कि इसमें काई नहीं जम पाती। जो अदभुत कला का उदाहरण पेश करती है। यह बावडी तीन तरफ से दीवारों से घिरी हुई है। इन दीवारों में आले बने हुए हैं जिनमें खूबसूरत प्रतिमाएं रखी गई हैं। जबकि पूर्व दिशा में प्रवेश दवार है। जहां बाद में लोहे का एक दरवाजा लगा दिया गया है। प्रवेश दवार की देहली पर गणेश की प्रतिमा है। बावडी के भवन के तीन ओर एक परिक्रमा निर्मित है। नगर परिषद में हाल ही में इस ऐतिहासिक धरोहर के ठीक सामने एक छतनुमा निर्माण कर दिया है जिससे इस बावडी का विहंगम दृश्य ही लोप हो गया है।
ऐसा लगता है कि इस पुरातन शहर में सथित ऐतिहासिक धरोहरों की किसी को चिंता नहीं है। कुछ धरोहरें अपने असतित्व के लिए जूझ रही हैं तो कुछ पर लोगों ने अपने सवार्थ के चलते कबजा कर लिया है। शहर के कई सत्रोत पूरी तरह से अतिक्रमण की चपेट में आ चुके हैं तो कुछ इसकी कगार पर हैं। बावडियों के पास रहने वाले लोगों ने कई जगह इन सत्रोतों पर ही मकान खडे कर दिए हैं। घर के गंदे पानी की निकासी के पाइप इन जलाशयों की ओर मोड दिए हैं। शहर की कुछ बावडियों के तो सिर्फ नाम ही रह गए हैं।
जल को बचाने और उसके असीमित दोहन को रोकने के लिए जल प्रबंधन की निती होनी चाहिए। जिसके अनुसार कार्य किया जा सके। साथ ही जल संरक्षण एकट भी बनाया जाना चाहिए। जब, बडे-2 बांध,नहरें आदी नहीं थी तथा आधुनिक ढंग के नलकूप और नल आदी जल सत्रोत नहीं थे तब बावडियां और नौण आदि ही जल के महत्वपूर्ण सत्रोत थे। भूतल पर सुदृढता से निर्मित बावडियां पेयजल, सनान और सिंचाई आदि के लिए काम में आती थी। वर्तमान समय में ये अतयंत उपेक्षित एवं जर्जर अवसथा में पडी हुई हैं। इनका समुचित उपयोग न होने से इनका जल मलिन होता जा रहा है। झाड-झंखाड उग आए हैं। प्रदुषण से जल की गुणवता प्रभावित हो गई है। बावडी जैसे जल सत्रोतों का समय समय पर होने वाले धार्मिक आयोजनों में भी विशेष महत्व होता है। शादी विवाह और ब'चों के जन्म के बाद बावडी पूजन की रसम की जाती है। जल संकट के भीषण दौर में शहर के प्राचीन जलाशय बहुत बडा सहारा बन सकते हैं। इनसे पाइप लाइन जोड कर पेयजल आपूर्ती की जा सकती है। यही नहीं शहर की सांसकृतिक पहचान बनी इन बावडियों और नौणों की मौलिकता को संरक्षित कर शहर के सौन्दर्य को चार चांद लगाए जा सकते हैं। इसलिए वाटर रिर्सोस के लिए अलग से नोडल एजेंसी बननी चाहिए।
इस वर्ष वल्र्ड हेरिटेज डे के लिए वाटर हेरिटेज को सब थीम बनाया गया है। एक तरफ दुनिया भर में पानी के हैरिटेज सत्रोतों को बचाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं धरोहर नगरी मंडी में पुराने जल सत्रोतों में डिभा बावडी सहित कई सत्रोत अपने असतित्व के लिए जूझ रहे हैं। बुर्जुगों का कहना है कि सथानिय आबोहवा और जल ही वहां के लोगों का निर्धारक तत्व है। उनकी यह सथापना किसी हद तक संसकृति के नृतत्वशासत्रीय अध्ययन से मेल खाती है। इसका तर्क यह है कि अलग अलग भूमि सत्रोतों में विभिन्न प्रकार के तत्वों में से कुछ हमारे अनुकूल नहीं होते। इन सबसे अलावा पाइप लाइन बिछाने वाला यह विकसित दिमागधारी समाज भूल ही गया कि आखिर पाइप लाइन में भी पानी कहां से आएगा। कया उसी व्यास नदी से जिसकी धारा को बांधों में बांध दिया गया है और जिसके बचे हुए जल को दूषित करने में हमने कोई कसर नहीं रखी है। प्रसिध कवि दीनू कश्यप की एक कविता का मर्म कुछ यूं बयां करता है ( ओ आकाश, युध के इस ऊसर मैदान में, तुम वैसे ही नजर आते हो, जैसे घर के छोटे से आंगन से, फर्क तो सिर्फ है इतना, इस मरू प्रदेश में ठंडे पानी की बावडियां नहीं हैं।

विकलांगों के लिए प्रशिक्षण शिविर


मंडी
मंडी में विकलांगों के लिए पहली बार अपनी तरह की अनूठी पहल की जा रही है। विकलांगता केा अभिशाप मान कर अपने नसीब पर रोने की जगह यहां विकलांगों को अपने पांवों पर खड़े होने के गुर सिखाने की पहल मां शक्ति स्वयं सेवी संस्था ने की है। मंडी के पड्डल गुरूद्वारा में दस दिन तक चलते वाले प्रशिक्षण शिविर में जहां अपनी आर्थिकी को मजबूत करने के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी वहीं प्रदेश के हस्तशिल्प के विकास के लिए भी प्रयास होंगे। दस दिन चलने वाले प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ लोक निर्माण एवं राजस्व मंत्री ठाकुर गुलाब सिंह करेंगे। हिमालयन विकलांग संघ की अध्यक्ष हेमलता पठानिया का कहना है कि यह संस्था की एक अच्छी पहल है और ऐसे प्रशिक्षण शिविर प्रदेश के हा जिलों में लगने चाहिए।
मांं शक्ति संगठन के राज्य निदेशक हेमराज का कहना है कि विकलांगों को प्रशिक्षण देने के पीछे संस्था का उद्देश्य विकलांगों को अपने पांवों पर खड़ा करना है। प्रशिक्षण शिविर के दौरान विकलांगों को कुलवी टोपी, जैक्ट, बैग, सॉफ्ट टॉय, सफ आदि बनाने के गुर सिखाए जाएंगे। प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षण हासिल करने वाले विकलंागों को प्रशिक्षण के बाद अपना रोजगार शुरू करने के भी संंसथा की ओर से आर्थिक सहायता प्रदान करवाने में मदद की जाएगी।


न्यायिक कर्मचारियों की बैठक 14 मई को

मंडी। हि.प्र. न्यायिक कर्मचारी महासंघ की राज्य कार्यकारिणी की बैठक 14 मई को मंडी के गांधी भवन में आयोजित की जाएगी। जिसकी अध्यक्षता महासंघ के प्रधान सुरेश ठाकुर करेंगे। महासंघ के राज्य सचिव ओ. एल. चौहान ने बताया कि बैठक में शेटटी कमीशन की सिफारिशों को लागू करवाने के बारे में चर्चा की जाएगी। उन्होने बताया कि साढे दस बजे शुरू होने वाली इस बैठक में प्रदेश भर के कार्यकारिणी सदसय शामिल होंगे।

Saturday, 7 May 2011

कौल सिंह ठाकुर ने सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र में अफीम की खेती की पैरवी की

कौल सिंह ठाकुर ने सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र में अफीम की खेती की पैरवी की

नाहन: हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कौल सिंह ठाकुर ने पार्टी की सरकार बनते ही मौजूदा सरकार के जनविरोधी फैसलों की जांच करवाने के बाद उचित कार्रवाई करने की बात कही है। आज शाम नाहन में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा सरकार से लोगों का मोह भंग हो चुका है। लिहाजा भाजपा की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने मौजूदा सरकार के समक्ष भ्रष्टाचार के कई मामले उजाकर किए लेकिन सरकार ने इन मामलों पर आंखे मूंद रखी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को विकास के मसलों पर सरकार का साथ देने में कोई आपति नहीं है लेकिन सरकार को भी चाहिए कि केंद्र से मिल रही धन राशी पर कम से कम केंद्र सरकार को धन्यवाद प्रस्ताव तो भेजा जाना चाहिए। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि वह पार्टी को केवल सता में वापिस लाने की कोशिष कर रहे हैं साथ ही कहा कि वो मुख्यमंत्री पद के वो दावेदार नहीं है। कौल सिंह ठाकुर ने सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र में अफीम की खेती की पैरवी करते हुए कहा कि कांग्रेस इस मसले को काफी लंबे समय से उठाती रही है। उन्होंने कहा कि साठ के दषक तक क्षेत्र में अफीम की खेती पर प्रतिबंध नहीं था। सिरमौर जिला के गिरिपार क्षेत्र में अफीम की खेती की वकालत कर रहे शिमला संसदीय क्षेत्र से भाजपा के सांसद वीरेंद्र कष्यप के सूर से कांग्रेस ने भी सूर मिला लिए है साथ ही कांग्रेस की सरकार की सत्ता वापसी भाजपा के जनविरोधी फैसलों की जांच के बाद उचित कार्रवाई का एलान भी किया है। इसके अलावा कांग्रेस ने भ्रष्टाचार के मामलों को दबाने के आरोप प्रदेष की भाजपा सरकार पर लगाए है। हिमाचल कांग्रेस के अध्यक्ष कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि गुणवत्ता युक्त अफीम की खेती पर कांग्रेस को कोई ऐतराज नहीं है क्योंकि इससे गिरिपार क्षेत्र के किसानों को आर्थिक संपत्ता मिलेगी। इस बारे वीरेंद्र कष्यप की वकालत के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि अफीम की खेती पर से प्रतिबंध हटाए जाने की मांग कांग्रेस काफी समय से कर रही है। लेकिन अंर्तराष्ट्रीय दबाव की वजह से यह संभव नहीं हो पा रहा है। कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि छोटे से पहाडी राज्य में 18 से अधिक विष्वविद्यालयों को मंजूरी प्रदान की गई है जो व्यवहारिक नहीं है। प्रदेष में कांग्रेस सरकार काबिज होते ही इस कानून का संषोधन किया जाएगा। कांग्रेस के प्रदेषाध्यक्ष ने पांवटा साहिब के तिरहे हत्याकांड में प्रषासन व सरकार की लापरवाही का आरोप भी लगाया है साथ ही इस घटना की हिमाचल प्रदेष हाई कोर्ट के न्यायाधीष से न्यायिक जांच की मांग भी की है। कांग्रेस के प्रदेषाध्यक्ष के इस प्रवास के दौरान सिरमौर कांग्रेस में एकजुटता भी देखने को मिली, जिसमें तमाम विधायकों के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह समर्थक भी नजर आए।

Kerosene supply cut due to lack of demand: RTI



Mandi, May 6
The five gram panchayats of Khani, Thatta, Boong, Jahal Gaad and Khalwahan in Bali Chowki sub-tehsil are facing an acute shortage of kerosene as the State Food and Civil Supplies Corporation has stopped its supply to the area over the months.

According to Sant Ram, an RTI activist, who had sought RTI information on the supply of kerosene to these panchayats, the corporation claimed that there was no demand of kerosene from these panchayats over the months. Hence, they did not supplied kerosene there.

However, Thata gram panchayat passed a resolution recently over the non-supply of kerosene in the panchayat and demanded that kerosene be supply to them.

Sant Ram charged that kerosene meant for these panchayats was being black-marketed by local agents under the nose of the corporation.

“We have met the Mandi ADC today and demanded supplies be restored and guilty be brought to book,” he added.

MLA summoned for running hotel without licence



Mandi, May 6
Chief Judicial Magistrate, Mandi, DR Thakur has summoned Anil Sharma, Mandi Sadar Congress MLA, to appear in the court on June 24 in connection with the running of his hotel without a PFA licence.

He was released on a bail of Rs 5,000 and summoned to appear in the court on June 24.

He was also summoned by Judicial Magistrate Praveen Chauhan to appear in the court in connection with two other cases of food adulteration registered under the Prevention of Adulteration of Food (PAF) Act against his hotel in the town.

In two similar cases of food adulteration booked against him in 2008, Chauhan had summoned him to appear in the court on June 24.

Mandi Food Inspector LD Thakur said they found that Anil Sharma was running his hotel without the mandatory PFA licence.

The food inspector said they had taken the samples of red grape wine and chicken masala and sent these to the composite testing laboratory at Kandaghat in 2008. The report confirmed that red wine was adulterated and misbranded. The chicken masala was also adulterated, he added.

Anil said, “It was a motivated case as I was not informed by the manager about this and have changed the entire management now. The sample of red grape wine was taken from a sealed bottle and not an open bottle and the colour in the masala chicken was more”.

दो चरस तस्करों को 3-3 साल का कठोर कारावास


मंडी। चरस तसकरी का अभियोग साबित होने पर अदालत ने दो आरोपियों को 3-3 साल के कठोर कारावास और तीस-तीस हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना राशी निश्चित समय में अदा न करने पर उन्हे 6-6 माह की अतिरिकत साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। अतिरिकत जिला एवं सत्र न्यायधीश राकेश कैंथला के न्यायलय ने पंजाब के जिला पटियाला के राजपुरा(दुधाधारी गुरूदवारा) निवासी राजू सिंह पुत्र हेम राज और प्रेम सिंह कलौनी पटियाला निवासी संजय कुमार पुत्र बनारसी राम के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत अभियोग साबित होने पर उकत फैसला सुनाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार 9 दिसंबर 2009 को पुलिस का दल ए एस आई खेम चंद की अगुवाई में पंडोह डैम के पास गश्त पर तैनात था। इसी दौरान पंडोह की ओर से पैदल आ रहे दो लोगों ने पुलिस दल को देख कर भागने की कोशीश की। इस पर पुलिस ने आरोपियों को काबू करके उनके हाथ में उठाए बैगों की तलाशी ली तो इनसे एक-एक किलो चरस बरामद हुई थी। पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए उप जिला न्यायवादी एस एस कौंडल ने 8 गवाहों के बयान दर्ज करवाए। सजा की अवधी पर शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष का कहना था कि यह आरोपियों का पहला अपराध है जिसके चलते उनके प्रति नरम रूख अपनाया जाए। जबकि अभियोजन पक्ष ने आरोपियों के अपराध को देखते हुए कडी सजा देने की दलील रखी। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि इन अपराधों से समाज पर पडने वाले प्रभाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अदालत ने आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य होने के कारण उन्हे दोषी करार देते हुए उकत सजा का फैसला सुनाया।

Thursday, 5 May 2011

जिला भर की अदालतों में भारी संख्या में तबादलों से कर्मियों में हडकंप मचा


मंडी। जिला की सभी अदालतों में भारी पैमाने पर तबादले किए गए हैं। इन तबादलों से न्यायिक सेवा के कर्मियों में हडकंप मच गया है। तबादलों की अधिक गाज चर्तुथ श्रेणी कर्मचारियों पर गिरी है। जबकि तृतीय श्रेणी के कर्मियों की ज्यादातर अडजसटमेंट ही की गई है। पता चला है कि जिला की विभिन्न अदालतों में कार्यरत करीब 200 कर्मचारियों में से 81 के तबादले कर दिए गए हैं। जिला एवं सत्र न्यायधीश के कार्यालय से जारी तबादला आदेशों में जिला की विभिन्न अदालतों में कार्यरत 31 तामिल कुनिंदों, 16 चपरासी और 34 कलर्क शामिल हैं। लेकिन इन तबादलों की अधिक मार चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों पर पडी है। जिला के कुल 47 चतुर्थ श्रेणी कर्मियों के तबादले किए गए हैं। तामिल कुनिंदों के 31 में से किसी की अडजसटमेंट नहीं की गई है। उसी तरह चपरासियों के 16 तबादलों में से मात्र 3 अडजसटमेंट की गई है। लेकिन हैरानी की बात है कि तृतीय श्रेणी के 34 तबादलों में से मात्र चार कर्मियों को ही दूसरी जगह जाना होगा बाकि 30 कर्मियों की उन्ही जगहों पर सीट बदल कर अडजसटमेंट कर दी गई है। इससे ऐसा जाहिर होता है कि चतुर्थ श्रेणी के कर्मियों को बली का बकरा बनाया गया है। जबकि प्रभावशाली तृतीय श्रेणी के कर्मियों की तबादले के नाम पर अडजसटमेंट करके उनकी सीटें बदल कर औपचारिकता निभाई गई है। इतना ही नहीं तबादला सूचि में जिन कर्मियों के नाम नहीं हैं वे तबादला किए गए कर्मियों से काफी समय पहले से इन जगहों पर जमे हुए हैं। हालांकि इस बारे में जिला न्यायलय प्रशासन का कहना है कि तबादले तीन साल से ज्यादा समय वाले कर्मियों के किए गए हैं। लेकिन ऐसा लगता कि इन नियमों को केवल चतुर्थ श्रेणी पर लागू किया गया है। इधर, जिला एवं सत्र न्यायलय कार्यालय केअधीक्षक वर्ग-1 ओम प्रकाश कटोच से संपर्क करने पर उन्होने जिला भर के 81 कर्मचारियों के तबादले होने की पुषिट की है। उन्होने बताया कि वरिषठता के नियम के आधार पर ही कर्मियों के तबादले किए गए हैं।

मुख्य न्यायधीश ने उपायुक्त सहित 9 अधिकारियों से जवाब तलब किया


मंडी। प्रदेश उच्च न्यायलय ने सरकाघाट उपमंडल के धर्मपूर क्षेत्र की डरबाड पंचायत के विकास कार्योंं के संबंध में उपायुकत मंडी सहित 9 अधिकारियों से जबाब तलब किया गया है। मुखय न्यायधीश कुरियन जोसेफ ने बुधवार को इस बारे में दायर याचिका पर संज्ञान लेते हुए उकत आदेश जारी किए। जबाब तलब किए जाने वाले अधिकारियों में निदेशक ग्रामीण विकास विभाग, प्रधान सचिन पंचायती राज एवं ग्रामी
ण विकास विभाग, प्रधान सचिन गृह विभाग, जिला पुलिस अधीक्षक मंडी, एस डी एम सरकाघाट, बीडीओ धर्मपुर ,ग्राम पंचायत डरवाड के प्रधान और सचिव भी शामिल हैं। आर टी आई बयुरो के सदसय सथानिय पंचायत निवासी भूपेन्द्र सिंह दवारा दायर की गई याचिका में उच्च न्यायलय ने उकत अधिकारियों को सममन जारी करके 27 मई को इस मामले में अपना-2 जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। भूपेन्द्र सिंह ने अपने अधिवकता दिगविजय सिंह और जितेन्द्र राणा के माध्यम से पंचायत के करीब 70 विकास कार्योंं की 15 शिकायतों पर कोई कार्यवाही न करने पर अधिकारियों के खिलाफ यह याचिका दायर की है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि उपायुकत ने उनके पास गई शिकायतों पर कार्यवाही नहीं की। जबकि परियोजना अधिकारी डीआरडीए ,एसडीएम सरकाघाट और बीडीओ धर्मपुर ने निर्धारित समय पर छानबीन नहीं की और न ही रिर्पोट तैयार की गई। याचिका में जिला पुलिस अधीक्षक पर आरोप लगाया गया है कि उन्होने समयबध ढंग से काम न करते हुए 28 अगसत 2010 को दर्ज हुई प्राथमिकी में अभी तक चालान पेश नहीं किया है। आर टी आई एकटिविसट भूपेन्द्र सिंह ने मार्च 2010 में जब पंचायत से संबंधित सूचनाएं एकत्र की तो इनसे खुलासा हुआ कि पिछले 10 सालों से निर्माणाधीन एक बावडी के निर्माण में फर्जी मिसत्री दिखा कर सरकारी पैसे का गबन किया गया है। इस मामले की एफ आई आर 6 महीने के बाद दर्ज हुई। इसके बाद करीब 15 शिकायतें प्रशासन को दी गई लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई। जिसके चलते मजबूरन आरटीआई कार्यकर्ता को अदालत का दरवाजा खटखटाना पडा।

Wednesday, 4 May 2011

मिलावट के मामले में विधायक को मिली जमानत


मंडी। होटल में मिलावटी शराब और चिकन बेचने के एक मामले में सदर विधानसभा क्षेत्र के विधायक अनिल शर्मा अदालत में पेश हुए। जहां उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया। जबकि मामले की अगली सुनवाई 24 जून को तय की गई है। वहीं अदालत ने उनके खिलाफ मिलावट के दो अन्य मामलों पर भी संज्ञान लिया। इन मामलों में भी उन्हें 24 जून को अदालत में तलब किया गया है। सथानिय विधायक अनिल शर्मा को मंडी शहर में सथित अपने होटल मे फेयर में मिलावटी खादय सामग्री बेचने के मामले में अदालत के समक्ष पेश होना पडा। मुखय न्यायिक दंडाधिकारी डी आर ठाकुर की अदालत ने खादय निरिक्षक एल डी ठाकुर के माध्यम से मिलावटी खादय निरोधक अधिनियम के तहत दायर शिकायत पर संज्ञान लेने के बाद होटल के मालिक विधायक अनिल शर्मा को अदालत में तलब किया था। आदेश की मानना करने के लिए विधायक अनिल शर्मा मुखय न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में पहुंचे। अदालत ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद उन्हे 5000 रूपये की जमानती और व्यकितगत राशियों पर रिहा करने का आदेश दिया। अदालत ने अब इस मामले की सुनवाई 24 जून को निश्चित की है। इधर, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर एक प्रवीण चौहान के न्यायलय ने भी खादय निरिक्षक के माध्यम से दायर दो शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए विधायक अनिल शर्मा को 24 जून को अदालत में तलब किया है। उल्लेखनीय है कि खादय निरिक्षक ने साल 2008 में शिकायत मिलने पर शहर के बीचों बीच सथित विधायक के होटल में छापा मार कर वहां बिक रही सैनोरिटा रेड ग्रेप्स वाइन और मसाला चिकन के नमूने लिए थे। इन नमूनों को परीक्षण के लिए कंडाघाट भेजा गया था। जहां नमूनों की जांच में मिलावट पाई गई थी। नमूनों के परीक्षणों की रिर्पोट मिलने के बाद क्षेत्रीय असपताल के मुखय चिकित्सा अधिकारी की अनुमति ली गई थी। खादय निरिक्षक ने अनुमति मिलने के बाद यह मामले अभियोग चलाने के लिए अदालत में दायर किये हैं।


मुख्य न्यायधीश ने दिए निर्देश


मंडी। प्रदेश के मुखय न्यायधीश कुरियन जोसेफ ने मंडी शहर की समसयाओं के बारे में उपायुकत मंडी को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। अधिवकता आकाश शर्मा दवारा प्रेषित एकयाचिका पर कार्यवाही की पहल करते हुए मुखय न्यायधीश ने उपायुकत को इस बाबत पत्र प्रेषित किया है। मुखय न्यायधीश के रजिसटरार जनरल के माध्यम से भेजे गए इस पत्र की एक प्रति अधिवकता को भी प्रेषित की गई है। उल्लेखनीय है कि अधिवकता ने शहर की यातायात व्यवसथा, इंदिरा मार्केट की दुर्दशा, आवारा पशु, गंदगी और अन्य समसयाओं को लेकर यह जन हित याचिका प्रेषित की थी।

Tuesday, 3 May 2011

उपभोक्ता की राशी ब्याज सहित लौटाने के आदेश


मंडी। जिला उपभोकता फोरम ने उपभोकता से अधिक वसूली 8861 रूपये की राशी लौटाने के आदेश दिए। इसके अलावा उपभोकता के पक्ष में 15,000 रूपये पुरानी कार की एकसचेंज की बोनस राशी भी अदा करने को कहा। जबकि कार कंपनी और विक्रेता की सेवाओं में कमी के कारण उपभोकता को पहुंची मानसिक यंत्रणा की एवज में 10,000 रूपये हर्जाना और 5000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिए। जिला उपभोकता फोरम कुल्लू के अध्यक्ष राजीव भारदवाज और सदसय के पी सैहगल ने कुल्लू के शासत्री नगर निवासी सुभाष शर्मा की शिकायत को उचित मानते हुए कार निर्माता कंपनी हुंडई मोटरस और विक्रेता शिवांस हुंडई को उपभोकता को पक्ष में उकत राशी का भुगतान 9 प्रतिशत बयाज सहित अदा करने का फैसला सुनाया। अधिवकता युगल शर्मा के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोकता ने कंपनी से कप्पा मैगना कार खरीदी थी। कार में अच्छी सीटें, साउंड सिसटम और असैसरी डालने के लिए उपभोकता से अधिक राशी वसूली गई थी। इसके अलावा पुरानी कार एकसचेंज करने के लिए उपभोकता को 15000 रूपये का बोनस भी अदा करने का आश्वासन दिया था। लेकिन उपभोकता की कार को घटिया सामान लगाया गया और बोनस भी नहीं दिया गया। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि मामले के तथ्यों से जाहिर होता है कि कंपनी और विक्रेता ने वैट कम अदा करके सरकारी खजाने को भी नुकसान पहुंचाया है कयोंकि उन्होने एक ही दिन ïवाहनों को अलग-2 दरों पर बेचा है। कंपनी और विक्रेता के इस तरह के अन्य मामले भी हो सकते हैं। जिसके लिए फोरम ने प्रदेश के आबकारी आयुकत को फैसले की प्रति जांच के लिए प्रेषित की है। फोरम ने कंपनी और विक्रेता की संयकत रूप से सेवाओंं में कमी मानते हुए उपभोकता की राशी लौटाने के अलावा बोनस, हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।

Monday, 2 May 2011

बार एसोसिएशन ने मुख्य न्यायधीश कुरियन जोसेफ को ज्ञापन सौंपा


जिला बार एसोशिएशन ने उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश कूरियन जोसफ को मंडी में जिला अदालत में कार्यरत एक न्यायाधीश की कार्यप्रणाली को लेकर शनिवार को शिमला में ज्ञापन सौंपा। बार एसोशिएशन के प्रतिििनधमंडल में बार एसोशिएशन के प्रधान ललित कपूर, उप्रधान रूपेंद्र सिंह,महासचिव समीर कश्यप और पूर्व प्रधान दुनी चंद शर्मा शामिल थे। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के अनुरोध पर अपना पक्ष रखने शिमला पहुंचे मंडी बार एसोशिएशन के पदाधिकारियों एसोशिएशन द्वारा पारित किए गए दो प्रस्तावों तथा समाचार पत्रों की कटिंग्स को मुख्य न्यायाधीश को सौंप कर इस विषय पर कार्रवाई की मांग की । मुख्य न्यायाधीश ने प्रतिनिधिमंडल के वार्ता के दौरान सामने आए बिंदुओं विचार करने के लिए इन्हें उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सुरजीत सिंह को सौंप दिया। जिला बार एसोशिएशन के महासचिव समीर कश्यप ने बताया कि इसके अतिरिक्त जिला बार एसोशिएशन ने खुले आसमान के नीचे कड़ी धूप और बारिश में प्रेक्टिस करने से निजात दिलाने के लिए जिला कोर्ट परिसर मेेंं छत मुहैया करवाने तािा अन्य मांगों से संबंधित ज्ञापन भी मुख्य न्यायाधीश को सौंपा। उल्लेखनीय है कि मंडी जिला कोर्ट में कार्यरत एक न्यायधीश और जिला बार एसोशिएशन के सदस्यों के बीच विवाद चल रहा है और यह विवाद अभी तक सुलझ नहीं पाया है। बार एसोशिएशन दो बार प्रस्ताव पारित कर उच्च न्यायालय को प्रेषित की थी। इसी पर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश ने बार एसोशिएशन मंडी के पदाधिकारियों को वार्ता के लिए बुलाया गया था। बार एसोशिएशन के सदस्यों ने उम्मीद जताई है कि उच्च न्यायालय इस मामले में सकारात्मक निर्णय लेगा।

उपभोक्ता के पक्ष में 6,20,059 रूपये की राशी ब्याज सहित अदा करने के आदेश


मंडी। जिला उपभोकता फोरम ने उपभोकता के पक्ष में 6,20,059 रूपये की राशी बयाज सहित अदा करने के आदेश दिए। इसके अलावा सेवाओं में कमी के चलते उपभोकता को पहुंची मानसिक यंत्रणा की एवज में 10,000 रूपये हर्जाना और 3000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिए। जिला उपभोकता फोरम कुल्लू के अध्यक्ष राजीव भारदवाज और सदसय के पी सैहगल ने बडाग्राम(मनाली) निवासी रामी देवी, हेम राज, दिनेश कुमार ,सुभाष और तेज सिंह की शिकायत को उचित मानते हुए आगरा के फ्रुट कमीशन एजेंट लोचन सिंह को उकत राशी की अदायगी 9 प्रतिशत बयाज दर सहित करने के आदेश दिए। अधिवकता हरीश ठाकुर के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उकत उपभोकता मनी राम नेगी के उतराधिकारी हैं। मनी राम नेगी दो बगीचों नेगी आरचर्ड और सुभाष आरचर्ड के मालिक थे। अगसत 2008 में उकत एजेंट ने मनी राम नेगी के सेब अच्छी कीमत पर बेचने के लिए संपर्क किया। उपभोकताओं के पिता ने कंपनी को करीब 10 लाख रूपये का सेब भेजा। लेकिन एजेंट ने मात्र 4 लाख रूपये ही उपभोकता को भिजवाए। उपभोकता ने कई बार एजेंट से बकाया राशी की मांग की। लेकिन अदायगी न होने पर उन्होने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई। फोरम ने एजेंट को सममन जारी कर तलब किया था। लेकिन एजेंट फोरम के समक्ष उपसिथत नहीं हुआ। जिसके चलते फोरम ने एक तरफा कार्यवाही अमल में लाई। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि सबूतों से यह साबित हुआ है कि उपभोकता ने एजेंट को सेब की पेटियां भेजी थी। जो 10,200 रूपये में बिकी थी। लेकिन उपभोकता को पूरी राशी अदा नहीं की गई। फोरम ने एजेंट की सेवाओं में कमी मानते हुए बकाया राशी बयाज सहित अदा करने के अलावा हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।

मंडी में बनाया जाए आधुनिक पुस्तकालयः शहीद भगत सिंह विचार मंच

मंडी। प्रदेश की सांस्कृतिक और बौद्धिक राजधानी मंडी में आधुनिक और बेहतरीन पुस्तकालय के निर्माण की मांग की गई है। इस संदर्भ में शहर की संस्...