Thursday, 5 May 2011

जिला भर की अदालतों में भारी संख्या में तबादलों से कर्मियों में हडकंप मचा


मंडी। जिला की सभी अदालतों में भारी पैमाने पर तबादले किए गए हैं। इन तबादलों से न्यायिक सेवा के कर्मियों में हडकंप मच गया है। तबादलों की अधिक गाज चर्तुथ श्रेणी कर्मचारियों पर गिरी है। जबकि तृतीय श्रेणी के कर्मियों की ज्यादातर अडजसटमेंट ही की गई है। पता चला है कि जिला की विभिन्न अदालतों में कार्यरत करीब 200 कर्मचारियों में से 81 के तबादले कर दिए गए हैं। जिला एवं सत्र न्यायधीश के कार्यालय से जारी तबादला आदेशों में जिला की विभिन्न अदालतों में कार्यरत 31 तामिल कुनिंदों, 16 चपरासी और 34 कलर्क शामिल हैं। लेकिन इन तबादलों की अधिक मार चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों पर पडी है। जिला के कुल 47 चतुर्थ श्रेणी कर्मियों के तबादले किए गए हैं। तामिल कुनिंदों के 31 में से किसी की अडजसटमेंट नहीं की गई है। उसी तरह चपरासियों के 16 तबादलों में से मात्र 3 अडजसटमेंट की गई है। लेकिन हैरानी की बात है कि तृतीय श्रेणी के 34 तबादलों में से मात्र चार कर्मियों को ही दूसरी जगह जाना होगा बाकि 30 कर्मियों की उन्ही जगहों पर सीट बदल कर अडजसटमेंट कर दी गई है। इससे ऐसा जाहिर होता है कि चतुर्थ श्रेणी के कर्मियों को बली का बकरा बनाया गया है। जबकि प्रभावशाली तृतीय श्रेणी के कर्मियों की तबादले के नाम पर अडजसटमेंट करके उनकी सीटें बदल कर औपचारिकता निभाई गई है। इतना ही नहीं तबादला सूचि में जिन कर्मियों के नाम नहीं हैं वे तबादला किए गए कर्मियों से काफी समय पहले से इन जगहों पर जमे हुए हैं। हालांकि इस बारे में जिला न्यायलय प्रशासन का कहना है कि तबादले तीन साल से ज्यादा समय वाले कर्मियों के किए गए हैं। लेकिन ऐसा लगता कि इन नियमों को केवल चतुर्थ श्रेणी पर लागू किया गया है। इधर, जिला एवं सत्र न्यायलय कार्यालय केअधीक्षक वर्ग-1 ओम प्रकाश कटोच से संपर्क करने पर उन्होने जिला भर के 81 कर्मचारियों के तबादले होने की पुषिट की है। उन्होने बताया कि वरिषठता के नियम के आधार पर ही कर्मियों के तबादले किए गए हैं।

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