Wednesday, 11 May 2011

अंधेरे से मिली निजात बालीचौकी के 102 घरों को रोशनी की सौगात, पुराने पोल बदलने का काम शुरू


आजादी के पिछले छह दशक से अंधरों का शिकार रहे बालीचौकी उप तहसीत के 102 परिवारों को आखिर रोशनी की सौगात मिली है। प्रदेश बिजली बोर्ड की ओर से उन सभी परिवारों को बिजली उपलब्ध करवा दी गई है । यहां दशकों पुराने पोल बदनने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। एल्टी लाईन के 50 और एचटी लाईन के 21 पोल बदलने के लिए बजट का प्रावधान किया गया है। बिजली बोर्ड के लारजी सब डिविजन के सहायक अभियंता के अनुसार बिजली के मीटर लगाने के जितने भी आवेदन विभाग को आए थे, सबको बिजली उपलब्ध करवा दी गई है। बता दें कि पंचायती राज मंत्री जयराम ठकाुर के गृह विधानसभा क्षेत्र में सैंकड़ों परिवारों को आवेदन के बावजूद बिजली ने मिलने की खुलासा आरटीआई के तहत सूचना जुटाकर कर कामगार मजदूर संगठन के अध्यक्ष संत राम ने किया था और सरकार के शत प्रतिशत विद्युतिकरण के दावों की पोल खोली थी। पता चला था कि बालीचौकी के अंतर्गत खलवाहण पंचायत के 34 परिवार, देवधार के नौ परिवारों को बिजली को बिजली उपलब्ध नहीं हैऔर विद्युत अनुभाग लारजी के अंतर्गत आने वाले 59 परिवारों को भी बिजली नहीं मिल रही है। यह भी खुलासा हुआ था कि इस क्षेत्र में बिजली आपूर्ति के लिए बिजली की लाइनें लकड़ी के पोलों पर बिछाई गई हैं। लारजी स्थित बिजली बोर्ड़ के सहायक अभियंता श्याम लाल ने बताया कि जहां लोगों को बिजली उपलब्ध नहीं करवाई गई थी उन्हें बिजली उपलब्ध करवाई करवा दी गई है जबकि यहां पोल बदलने का काम जारी है।
एक साल बाद मिला मिट़टी का तेल
खाद्य एवं आपर्ति विभाग आया हरकत में , जांच भी जारी
बालीचौकी की जिन आधा दर्जन पंचायतों को जिस मिट्टी के तेल की एक साल से आपूर्ति नहीं हो पा रही थी, वहां अब मिट्टी के तेल की आपूर्ति कर दी गई । खाद्य एवं आपूर्ति विभाग हरकत में आ गया है। बालीचौकी के उन सभी डिपुओं को मिट्टी का तेल उपलब्ध करवा दिया गया है, जिसके बारे में विभाग को जांच का जिम्मा सौंपा था। बालीचौकी की आधा दर्जन पंचायतों में गरीबों को सस्ती दरों पर मिलने वाले मिट्टी के तेल सालभर से नहीं मिल रहा था। बीते शुक्रवार को मजदूर कामगार संगठन के अध्यक्ष संतराम ने इस बारे में एडीसी हंसराज को ज्ञापन दिया था और हरकत में आते हुए जिला प्रशासन ने जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक सुरेंद्र सिंह पठानिया को जांच करने के आदेश दिए थे। इस मामले में जहां एक तरफ विभाग जहां एक साल से मिट्टी के तेल की आपूर्ति नहीं हुई, इसकी जांच कर रहा है, वहीं दूसरी ओर मिट्टी के तेल की आपूर्ति कर दी गई है। खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक सुरेंद्र पठानिया ने बताया कि बालीचौकी में मिट़्टी के तेल की आपूर्ति कर दी गई है। उधर इस बारे में शिकायत करने वाले कामगार मजदूर संगठन के अध्यक्ष एवं आरटीआई ब्यूरो के सदस्य संत राम का कहना है कि आखिर किस कारण से मिट्टी के तेल की आपूर्ति नहीं की गई, इसकी जल्द जांच कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई हो।

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