ण विकास विभाग, प्रधान सचिन गृह विभाग, जिला पुलिस अधीक्षक मंडी, एस डी एम सरकाघाट, बीडीओ धर्मपुर ,ग्राम पंचायत डरवाड के प्रधान और सचिव भी शामिल हैं। आर टी आई बयुरो के सदसय सथानिय पंचायत निवासी भूपेन्द्र सिंह दवारा दायर की गई याचिका में उच्च न्यायलय ने उकत अधिकारियों को सममन जारी करके 27 मई को इस मामले में अपना-2 जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। भूपेन्द्र सिंह ने अपने अधिवकता दिगविजय सिंह और जितेन्द्र राणा के माध्यम से पंचायत के करीब 70 विकास कार्योंं की 15 शिकायतों पर कोई कार्यवाही न करने पर अधिकारियों के खिलाफ यह याचिका दायर की है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि उपायुकत ने उनके पास गई शिकायतों पर कार्यवाही नहीं की। जबकि परियोजना अधिकारी डीआरडीए ,एसडीएम सरकाघाट और बीडीओ धर्मपुर ने निर्धारित समय पर छानबीन नहीं की और न ही रिर्पोट तैयार की गई। याचिका में जिला पुलिस अधीक्षक पर आरोप लगाया गया है कि उन्होने समयबध ढंग से काम न करते हुए 28 अगसत 2010 को दर्ज हुई प्राथमिकी में अभी तक चालान पेश नहीं किया है। आर टी आई एकटिविसट भूपेन्द्र सिंह ने मार्च 2010 में जब पंचायत से संबंधित सूचनाएं एकत्र की तो इनसे खुलासा हुआ कि पिछले 10 सालों से निर्माणाधीन एक बावडी के निर्माण में फर्जी मिसत्री दिखा कर सरकारी पैसे का गबन किया गया है। इस मामले की एफ आई आर 6 महीने के बाद दर्ज हुई। इसके बाद करीब 15 शिकायतें प्रशासन को दी गई लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई। जिसके चलते मजबूरन आरटीआई कार्यकर्ता को अदालत का दरवाजा खटखटाना पडा।
Thursday, 5 May 2011
मुख्य न्यायधीश ने उपायुक्त सहित 9 अधिकारियों से जवाब तलब किया
ण विकास विभाग, प्रधान सचिन गृह विभाग, जिला पुलिस अधीक्षक मंडी, एस डी एम सरकाघाट, बीडीओ धर्मपुर ,ग्राम पंचायत डरवाड के प्रधान और सचिव भी शामिल हैं। आर टी आई बयुरो के सदसय सथानिय पंचायत निवासी भूपेन्द्र सिंह दवारा दायर की गई याचिका में उच्च न्यायलय ने उकत अधिकारियों को सममन जारी करके 27 मई को इस मामले में अपना-2 जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। भूपेन्द्र सिंह ने अपने अधिवकता दिगविजय सिंह और जितेन्द्र राणा के माध्यम से पंचायत के करीब 70 विकास कार्योंं की 15 शिकायतों पर कोई कार्यवाही न करने पर अधिकारियों के खिलाफ यह याचिका दायर की है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि उपायुकत ने उनके पास गई शिकायतों पर कार्यवाही नहीं की। जबकि परियोजना अधिकारी डीआरडीए ,एसडीएम सरकाघाट और बीडीओ धर्मपुर ने निर्धारित समय पर छानबीन नहीं की और न ही रिर्पोट तैयार की गई। याचिका में जिला पुलिस अधीक्षक पर आरोप लगाया गया है कि उन्होने समयबध ढंग से काम न करते हुए 28 अगसत 2010 को दर्ज हुई प्राथमिकी में अभी तक चालान पेश नहीं किया है। आर टी आई एकटिविसट भूपेन्द्र सिंह ने मार्च 2010 में जब पंचायत से संबंधित सूचनाएं एकत्र की तो इनसे खुलासा हुआ कि पिछले 10 सालों से निर्माणाधीन एक बावडी के निर्माण में फर्जी मिसत्री दिखा कर सरकारी पैसे का गबन किया गया है। इस मामले की एफ आई आर 6 महीने के बाद दर्ज हुई। इसके बाद करीब 15 शिकायतें प्रशासन को दी गई लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई। जिसके चलते मजबूरन आरटीआई कार्यकर्ता को अदालत का दरवाजा खटखटाना पडा।
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