Saturday, 21 May 2011

चरस तस्करी के आरोपी को 15 साल की कठोर कारावास

मंडी। चरस तसकरी के एक आरोपी को अदालत ने 15 साल के कठोर कारावास और डेढ लाख रूपये जुर्माने का फैसला सुनाया है। आरोपी के जुर्माना राशी निश्चित समय में अदा न करने पर उसे दो साल की अतिरिकत साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। जबकि उसके दवारा काट ली गई सजा को उकत अवधी में से कम कर लिया जाएगा। अतिरिकत जिला एवं सत्र न्यायधीश राकेश कैंथला के न्यायलय ने मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत चलाए गए अभियोग में दोष साबित होने पर हरियाणा के जिला पानीपत के ओबरा खेडी गांव निवासी राजू पूत्र इलम सिंह को उकत सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष के अनुसार सुंदर नगर पुलिस का दल 23 दिसंबर 2009 को नरेश चौक के पास गश्त पर तैनात था। इसी दौरान मनाली की ओर से चंडीगढ जा रही एक पंजाब रोडवेज बस को तलाशी के लिए रोका गया। तलाशी के समय सीट नं 36 पर बैठे आरोपी के घबरा जाने पर पुलिस ने उसकी गोद में रखे बैग की तलाशी ली तो इसमें से 5 किलो 500 ग्राम चरस बरामद हुई थी। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले को साबित करने के लिए उप जिला न्यायवादी एस एस कौंडल ने 14 गवाहों के बयान दर्ज करवाए। अदालत ने आरोपी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य होने के कारण उसे चरस तसकरी को दोषी करार दिया। शनिवार को सजा की अवधी पर सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने आरोपी का पहला अपराध होने के कारण नरम रूख अपनाने की अपील की। जबकि अभियोजन का कहना था कि आरोपी को कडी सजा दी जाए। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि इन अपराधों के समाज पर होने वाले असर को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। ऐसे में अदालत ने उसे उकत कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया।

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