मंडी। निर्माण कार्य की राशि का दुरूपयोग करने पर जिला पंचायत अधिकारी ने ग्राम पंचायत सेहली के प्रधान भूरी सिंह को तुरंत निलंबित करने के आदेश जारी किये हैं। उन्होने प्रधान को पंचायत से संबंधित अभिलेख, धनराशि, चल या अचल संपति तुरंत पंचायत सचिव या सहायक को सौंपने के निर्देश दिये हैं। जिला पंचायत अधिकारी रमण कुमार शर्मा ने पंचायती राज अधिनियम के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए
प्रधान भूरी सिंह को जारी कारण बताओ नोटिस का तर्कसंगत और संतोषप्रद उतर न दे पाने पर इस पद से निलंबित करने का आदेश दिया है। विभिन्न प्रारंभिक जांच रिर्पोटों में आरोप सामने आने पर पंचायत प्रधान को यह नोटिस जारी किया गया था। संबंधित प्रधान की ओर से प्रस्तुत नोटिस का जवाब समीक्षा करने पर तर्कसंगत नहीं पाया गया। रिर्पोट के आरोपों के अनुसार दो कार्यों को करवाने के लिए 54164 और 32972
रूपये की राशि का दुरूपयोग करने में तकनीकी सहायक और पंचायत प्रधान का उतरदायित्व पाया गया है। रिर्पोट के आरोप तीन के तहत तथ्यों से जाहिर हुआ है कि प्रधान ने कार्य स्थल से पत्थर निकाले जाने के बाद स्टॉक में हिसाब नहीं रखा और न ही सारे विषय को पंचायत के ध्यान में लाया। डीपीओ ने अपने आदेश में कहा कि पंचायत प्रधान ने मस्ट्रोल उपयोग करने के बाद पंचायत में अदायगी के लिए जमा नहीं
करवा कर अपने कर्तव्यों और दायित्वों का निर्वहन नहीं किया। प्रारंभिक रिर्पोट के एक अन्य आरोप की समीक्षा करने पर यह पाया गया कि उक्त प्रधान व दो अन्य लोगों ने पहले निशुल्क पत्थरों को उपलब्ध करवाने और बाद में उपलब्ध पत्थरों के बदले 400 रूपये प्रति ट्राली दिए जाने की सहमति अपने आप ही बना ली। हालांकि यह विषय पूरी ग्राम पंचायत के ध्यान में लाया जाना चाहिए था और इसका जिक्र पंचायत की
बैठक की कार्यवाही में किया जाना चाहिए था। ऐसे में जिला विकास अधिकारी ने अपने आदेश में कहा कि उक्त प्रधान नोटिस के आरोपों के बारे में कोई ठोस और तर्कसंगत जवाब देने में असफल रहा है। उन्होंने अपने आदेश में कहा कि प्रधान के पद पर बने रहने से जांच पर प्रतिकूल प्रभाव पडेगा और अभिलेख में गडबडी व साक्ष्यों से छेडछाड की आशंका बनी रहेगी। जिसके चलते उन्होने प्रधान को तत्काल निलंबित करने
का आदेश देते हुए पंचायत के तमाम दस्तावेज व संपति पंचायत सचिव या सहायक को सौंपने के निर्देश दिये हैं। उल्लेखनीय है कि सेहली निवासी हिममत राम पुत्र दुर्गा ने इस बारे में 12 मई 2014 को इन आरोपों के संदर्भ में संबंधित कार्यालय में शिकायत दायर की थी। हिममत राम को प्रेषित कार्यालय आदेश की प्रति से जिला पंचायत अधिकारी के आदेश की पुष्टि हुई है।
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