Sunday, 30 November 2014

आशियानों को नियमित करने के लिए बने कानून


मंडी। मकान नियमितीकरण संघर्ष समिति (मंडी) ने प्रदेश सरकार से आशियानों को नियमित करने संबंधी कानून को जल्द तैयार करके इसे लागू करने की मांग की है। समिति ने मांग की है कि नये टीसीपी कानून के अस्तित्व में आने तक सभी वंचित लोगों को बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं मुहैया करने की अंतरिम राहत दी जाए। इस बारे में समिति ने प्रदेश के मुखयमंत्री वीरभद्र सिंह को ज्ञापन प्रेषित किया है। शनिवार को होटल आर्यन बैंगलो में आयोजित बैठक में समिति के पदाधिकारी, सदस्य तथा मंडी की विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। जिसमें प्रदेश सरकार की ओर से नया टीसीपी कानून बनाए जाने को हो रही देरी के बारे में चर्चा की गई। समिति का मानना था कि इस देरी से लोगों को बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं को हासिल करना फिर से टल गया है। समिति के अनुसार मंडी शहरवासी अपनी जमीनों पर घर बनाने के बावजूद सुविधाओं से मरहूम हैं। जिससे वह अपने को दोयम दर्जे का नागरिक समझने को मजबूर हो गए हैं। समिति का कहना था कि अनेकों बार प्रदेश सरकार को ज्ञापनों के माध्यम से आम जनता के हित में टीसीपी कानून बनाने के बारे में सुझाव और आपतियां प्रेषित की गई हैं। लेकिन इस कानून को अमलीजामा नहीं जा सका है। समिति का कहना है कि मंडी शहर के आम नागरिकों ने 200 मीटर से छोटे प्लाटों पर अपने घर बनाए हैं। हालांकि उनके मकानों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है लेकिन टीसीपी विभाग की अनुमति न होने के कारण उन्हे अनाधिकृत घोषित कर दिया गया है। मूलभूत सुविधाओं के बगैर लोग इन भवनों को प्रयोग करने से वंचित हैं। समिति की मांग है कि सैट बैक के प्रावधानों को समाप्त किया जाए। भवनों का नियमितिकरण साल 2006 की अधिसूचना के आधार पर फलोर के हिसाब से नाममात्र के शुल्क पर हो। भवनों की सौ फीसदी डैविएशन को नियमित किया जाए। इसके अलावा टीसीपी कानून की जटिलता को समाप्त करके इसे सरल किया जाए। जिससे अधिक से अधिक लोग नियमितीकरण का लाभ उठा कर अपने आशियानों को नियमित करवा सकें। बैठक में संघर्ष समिति के संयोजक उत्तम चंद सैनी, प्रधान अमर चंद वर्मा, सलाहकार हितेन्द्र शर्मा, महासचिव चंद्रमणी वर्मा, मिडिया प्रभारी समीर कश्यप, राजपूत सभा के मान सिंह राणा, वालिया सभा के रमेश वालिया, ब्राह्मण सभा के तेजिन्द्र मोहन शर्मा, प्रकाश शर्मा, राधास्वामी संतसंग प्रभारी तिलक राज कश्यप, समिति के पदाधिकारी और सदस्य बलवंत, ओम प्रकाश शर्मा, तिलक राम, रामेश्वर सिंह तथा अन्य मौजूद रहे।

Saturday, 29 November 2014

जंगली जानवरों से निजात दिलाओ वरना आंदोलन


मंडी। ग्राम पंचायत भरौण और मझवाड में बंदरों व जंगली सुअरों के आतंक से किसानों को भारी दिककतों का सामना करना पड रहा है। स्थानीय वासियों ने जानवरों पर अंकुश लगाने के लिए जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है। ग्राम पंचायत भरौण और मझवाड के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को उप प्रधान विजेन्द्र, बृजेश हांडा, प्रदीप परमार, मुल्क राम, सुभाष चंद, संत राम, यशपाल सिंह, हेम सिंह, चेत राम, इंद्र सिंह, कंवर सिंह, गुलाब सिंह, सावित्री देवी, लता देवी, कौरा देवी, रमेश और राजकुमार की अगुवाई में अतिरिक्त उपायुक्त गोपाल चंद को ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल के अनुसार इन पंचायतों में बंदरों और जंगली सुअरों की तादात भारी मात्रा में बढ गई है। ये जानवर स्थानीय वासियों के खेतों में लगी हुई फसलों को तबाह कर रहे हैं। जिससे किसानों को भारी आर्थिक क्षति का सामना करना पड रहा है। उन्होने प्रशासन से मांग की है कि इन जंगली जानवरों से निजात दिलाने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाए जाएं। वहीं पर किसानों की इन जंगली जानवरों के कारण नष्ट हो रही फसलों से होने वाली भारी आर्थिक क्षति की भरपाई के लिए उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए। प्रतिनिधीमंडल का कहना था कि सरकार की ओर से इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए तो किसानों को सडकों पर उतर कर संघर्ष का रास्ता अखतियार करना पडेगा। इधर, उपायुक्त मंडी गोपाल चंद ने ज्ञापन पर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है। उन्होने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए वन विभाग के साथ तालमेल करके जंगली जानवरों के कारण फसलों की बर्बादी को रोकने के प्रयास किए जाएंगे।

Friday, 28 November 2014

टिहरी और सेगली में विधिक साक्षरता शिविर आयोजित


मंडी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से टिहरी और सेगली पंचायतों में विधिक साक्षरता शिविरों का आयोजन किया गया। न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर एक विवेक खेनाल ने इन शिविरों की अध्यक्षता की। इस मौके पर उन्होने विधिक साक्षरता के महत्व और इसके उदेश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होने कहा कि कानूनों का अस्तित्व सामाजिक संरचना को व्यवस्थित करने के लिए नियम बनाने से आता है। उन्होने कहा कि जब समाज को नियमों में बांधा जाता है तो समाज विकासोन्मुखी हो जाता है। उन्होने कहा कि विधिक प्राधिकरण की ओर से लोगों को उनके रोजमर्रा के कामकाज को प्रभावित करने वाले कानूनों की जानकारी दी जाती है। उन्होने मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मोटर वाहन का प्रयोग करने से पहले लोगों के पास आवश्यक दस्तावेज लाइसैंस और इंश्योरेंस होना बहुत जरूरी होता है। इन दस्तावेजों के न होने की कीमत उस समय चुकानी पड सकती है जब वाहन से कोई दुर्घटना हो जाती है। उन्होने कहा कि दस्तावेजों की कमी के कारण जो मुआवजा बीमा कंपनी को अदा करना होता है उसे वाहन के मालिक या चालक को अदा करना पड जाता है। उन्होने मुफत कानूनी सहायता के बारे में बताया कि महिलाओं, अपंग, अनुसूचित जाति व जनजाति, आपदा प्रभावित व सामान्य वर्ग जिनकी आमदनी एक लाख रूपये तक हो उन्हें यह सहायता दी जाती है। स्त्रोत व्यक्ति के रूप में मौजूद शशी विवेक ने भ्रुण हत्या से संबंधित कानून की जानकारी दी। उन्होने कहा कि महिलाएं जिंदगी के रथ के दो पहियों में से एक अहम पहिया है। जिसके बगैर जीवन का रथ आगे नहीं बढ सकता। उन्होने कहा कि लडकियों को जन्म से पहले ही मार देने से समाज में महिलाओं का पुरूषों के मुकाबले अनुपात बहुत कम हो गया है। उन्होने कहा कि कन्या भ्रुण हत्या कानूनन अपराध है जिसमें आरोपी को सजा का प्रावधान भी है। शिविर में अधिवक्ता नवीन कुमार ने मनरेगा, सूचना के अधिकार, घरेलू हिंसा अधिनियम और श्रम कानूनों के बारे में जानकारी दी। उन्होने कहा कि मनरेगा से जहां लोगों को घरों के नजदीक रोजगार मुहैया हो रहा है वहीं पर सूचना के अधिकार से विभागों में जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित हुई है। घरेलू हिंसा से प्रताडित महिलाएं संरक्षण अधिकारी के माध्यम से अपनी शिकायत अदालत में कर सकती है। उन्होने कहा कि असंगठित मजदूरों को पंजीकरण करवा कर श्रम कानूनों का लाभ प्राप्त करने चाहिए। शिविरों में दोनों पंचायतों के प्रधान, पदाधिकारी और स्थानीय निवासी मौजूद थे।

Monday, 24 November 2014

होटलियर को 25000 देने के आदेश


मंडी। निजी होटल के बुकिंग की अग्रिम राशि न लौटाने को सेवाओं में कमी मानते हुए जिला उपभोक्ता फोरम ने 25,000 रूपये की राशि ब्याज सहित अदा करने का फैसला सुनाया है। इसके अलावा होटल के सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले तीन हजार रूपये हर्जाना और एक हजार रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने का आदेश दिया है। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष के के शर्मा और सदस्यों रमा वर्मा व आकाश शर्मा ने समखेतर मुहल्ला में आर्यन बैंगलो होटल के समीप रहने वाले मोहिन्द्र सिंह गुलेरिया पुत्र अमर सिंह की शिकायत को उचित मानते हुए मंडी के राजमहल होटल व रेस्टोरेंट के प्रबंधक मान सिंह और मालिक राजा अशोक पाल सेन को उपभोक्ता के पक्ष में उक्त राशि का भुगतान 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित करने का फैसला सुनाया है। अधिवक्ता आर सी चौहान के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने 11 जून 2013 को राजमहल होटल में अपने बेटे की शादी की रिसेपशन पार्टी के लिए बुकिंग करवाई थी। उनके बेटे की शादी 10 नवंबर 2013 को तय थी। उन्होने 180 मेहमानों के लिए 850 प्रति व्यक्ति के हिसाब से बुकिंग की अग्रिम राशि के रूप में 25000 रूपये होटल को अदा किये थे। लेकिन अगस्त माह के पहले सप्ताह में उपभोक्ता के रिश्तेदार का देहांत हो जाने के कारण उनके बेटे की शादी की तारीख आगे बढ़ा दी गई। जिसके चलते उन्होने होटल प्रबंधन को बुकिंग कैंसिल करने और अग्रिम राशि लौटाने के लिए कहा तो उन्हे आश्वस्त किया गया कि बुकिंग कैंसिल कर दी गई है और अग्रिम राशि एक सप्ताह में लौटा दी जाएगी। इसके बाद जब होटल की ओर से अग्रिम राशि नहीं लौटाई गई तो उपभोक्ता ने 27 अगस्त को कानूनी नोटिस जारी करके राशि की मांग की। लेकिन इसके बावजूद भी राशि अदा न करने पर उन्होने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम में सुनवाई के दौरान होटल की ओर से यह दलील दी गई कि उन्हे बुकिंग कैंसिल के बारे में उपभोक्ता की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि उपभोक्ता की ओर से शिकायत के साथ होटल को जारी किया गया कानूनी नोटिस संलगन किया गया है। जिससे जाहिर होता है कि होटल को बुकिंग कैंसिल करने की समय पर सूचना दे दी गई थी। ऐसे में फोरम ने शिकायत को उचित करार देते हुए होटल के प्रबंधक और मालिक को उपभोक्ता के पक्ष में बुकिंग की अग्रिम राशि ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिये हैं। इसके अलावा उपभोक्ता को हुई असुविधा और परेशानी के बदले हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया है।

Sunday, 23 November 2014

डोर-टू-डोर गारबेज कलेक्शन बनी परेशानी


मंडी। नगर परिषद की डोर टू डोर गारबेज कुलेक्शन लोगों के लिए जी का जंजाल बनती जा रही है। इस महत्वाकांक्षी योजना को लागू करने के लिए जहां प्रशासन बुरी तरह से आमदा है। वहीं पर स्थानीय वासियों के लिए यह योजना परेशानी का सबब बनती जा रही है। मंडी शहरवासी समीर कश्यप, गिरीश ठाकुर, नवीन कुमार, भर्तृहरी, पंकज मोदगिल, वीरेन्द्र भारद्वाज, नंदिश शर्मा, ब्रह्म दत्त, जय राज कश्यप, निर्मला, सुरेश कुमार, भूप सिंह, कुलदीप, धीरज, पुष्प राज कश्यप, जाहिद, दीपाली, केशर सिंह, नेमी कांत, गायत्री दत, चेतन कुमार, विनम्र सेठी, गोपाल शर्मा तथा अन्यों ने उपायुक्त मंडी संदीप कदम को ज्ञापन प्रेषित करके डोर टू डोर गारबेज कुलेक्शन को निशुल्क करने और बंद कर दिये गए डस्टबीनों को फिर से बहाल करने की मांग की है। स्थानीय वासियों के अनुसार वह सैंकडों सालों के इतिहास के साथ अपनी गरिमापुर्ण जीवन शैली के साथ मंडी में रह रहे हैं। लेकिन हाल ही में नगर परिषद की ओर से शुरू की गई डोर टू डोर गारबेज कुलेक्शन की स्कीम के कारण लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है। गारबेज कुलेक्शन के नाम पर लोगों से पैसों की उगाही की जा रही है। स्थानीय वासियों का कहना है कि मंडी शहर की सफाई का जिममा नगर परिषद के पास है। इससे पहले नगर परिषद के कर्मी शहर की सफाई व्यवस्था का कार्य भली भांती करते थे। लेकिन अब डोर टू डोर कुलेक्शन के नाम पर कुडा एकत्र करने की निती लागू की जा रही है। जिसके तहत सबसे पहले तो नगर परिषद की ओर से हजारों लाखों रूपये खर्च करके बनाए गए पक्के डस्टबीनों को बंद कर दिया गया। डस्टबीनों को बंद करने का यह काम इतनी बेदर्दी से किया गया है कि इन्हें करने से पहले नगर परिषद ने इनमें लगाई गई हजारों रूपयों की लोहे की खिडकियों-दरवाजों को निकालने की कोशीश भी नहीं की गई और इन कीमती खिडकियों -दरवाजों के ऊपर ईंटों की दीवार खडी करके उन्हे अनारकली की तरह चिनवा दिया गया है। शहरवासियों का कहना है कि मंडी का प्रत्येक नागरिक हाउस टैक्स के रूप में हजारों रूपये का शुल्क नगर परिषद को अदा करता है। जबकि दुकानदार प्रोफेशनल टैक्स की अदायगी भी कर रहे हैं। वहीं पर बिजली के बिल के रूप में भी शुल्क नगर परिषद के पास नागरिकों की ओर से अदा किया जाता है। शहरवासियों का मानना है कि यह परिषद का उत्तरदायित्व है कि वह शहर की साफ सफाई और कुडा विसर्जन का काम टैक्स की राशि से करे। लेकिन अब डोर टू डोर गारबेज कुलेक्शन के नाम पर जबरन उगाही के मामले हर दिन उजागर हो रहे हैं। शहरवासियों के अनुसार सुबह सीटियों की गूंज के साथ गारबेज कुलेक्शन करने वाले लोग मुहल्ले में पहुंचते हैं और लोगों को रेहडी में अपना कूडा फेंकने को कहते हैं। उनकी सीटी सुनकर अगर किसी ने कुडा फेंक दिया तो ठीक नहीं तो कुछ ही देर बाद सीटी वाले ये सफाई कर्मी मुहल्ला छोडकर चले जाते हैं और इसके बाद सारा दिन भर अगर किसी नागरिक को कूडा फैंकना हो तो उसके लिए कोई जगह मुहैया नहीं करवाई गई है। आलम यह है कि जहां पहले नगर परिषद के कर्मी घरों से कूडा ले जाते थे। अब नागरिकों को कूडा फैंकने के लिए ठेकेदारों के आदमियों के पीछे भागना पड रहा है। लोगों को कुडा फैंकने में भारी जदोजहद का सामना अपनी दिनचर्या में करना पड रहा है। इसके अलावा जिन दुकानों में कुडा होता ही नहीं वहां भी ठेकेदार के लोग जबरन वसूली कर रहे हैं। वे कहते हैं कि कुडा फेंके या नहीं फेंके पैसे देने ही होंगे और अगर पैसे नहीं देंगे तो उन्हे नोटिस जारी किया जाएगा। नगर परिषद की ओर से पैसा न देने वालों को नोटिस भी जारी हो गए हैं। जब नगर परिषद में इन नोटिसों का जवाब लोगों की ओर से दिया गया तो उन्हे राशि अदा करने के लिए कहा जा रहा है अन्यथा नगर परिषद की ओर से लोगों के खिलाफ कोर्ट में केस करने की धमकी दी जा रही है। स्थानीय वासियों के अनुसार गारबेज कुलेक्शन का काम करवा रहे ठेकेदार के लोग हर परिवार से 50 और दुकानदार से 100 रूपये वसूल रहे हैं। इस पालिसी का शहर में जबरदस्त विरोध हो रहा है। स्थानीय वासियों का कहना है कि ये वसूली बिल्कुल गल्त है। नगर परिषद को अगर यह योजना शुरू करनी है तो इसे निशुल्क शुरू किया जाना चाहिए। इसके अलावा लोगों को दिन भर में कुडा फैंकने की व्यवस्था के तहत बंद कर दिए डस्टबीनों को फिर से आजाद किया जाए। जिससे शहरवासियों को दिन भर अपनी सहुलियत के हिसाब से कूडा विसर्जित करने की सुविधा मुहैया हो सके। अन्यथा शहर में गंदगी का आलम बेतहाशा बढता जाएगा। जिसकी जिममेवार मंडी की नगर परिषद होगी। इधर, इस बारे में उपायुक्त संदीप कदम से संपर्क करने पर उन्होने बताया कि ज्ञापन के माध्यम से इस योजना के बारे में महत्वपुर्ण फीड बैक मिली है। जिस पर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। उन्होने कहा कि जल्दी ही लोगों को दिन भर कुडा विसर्जित करने की व्यवस्था की जाएगी। इधर, अधिवक्ता समीर कश्यप ने नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी से सूचना के अधिकार के तहत सूचना मांगी है कि किस अधिसूचना या आदेश के तहत यह वसूली की जा रही है। क्या नगर परिषद ने इस बारे में जनता की राय जान कर सहमती ली थी। इसके अलावा उन्होने यह भी सूचना मांगी है कि शहर के कितने जगह पर कूडा विसर्जित करने के डस्टबीन रखे गए हैं।

Friday, 21 November 2014

पीएलवी का प्रशिक्षण शिविर शुरू


मंडी। उपमंडलीय विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से पैरा लीगल वालंटियर (पीएलवी) का दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ हो गया है। प्राधिकरण के अध्यक्ष मुखय न्यायिक दंडाधिकारी जिया लाल आजाद ने शिविर का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होने कहा कि राष्ट्रिय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशों के तहत पैरा लीगल वालंटियरों का यह दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जा रहा है। इन प्रशिक्षित पीएलवी को उनकी पंचायतों में स्थापित किये जा रहे ग्रामीण विधिक संरक्षण एवं सहायता केंद्रों में नियुक्त किया जाएगा। पीएलवी हर मंगलवार को पंचायत के केंद्र में अपनी सेवाएं देकर लोगों को उनके संवैधानिक अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जानकारी देंगे और उन्हे न्याय हासिल करने में मदद करेंगे। इस मौके पर स्त्रोत व्यक्ति के तौर मौजूद अधिवक्ता समीर कश्यप ने प्रशिक्षुओं को हिंदू मैरिज एक्ट, बाल विवाह निषेध, फैमिली कोर्ट एक्ट, दहेज निषेध अधिनियम, घरेलू हिंसा, गुजारा-भता आदि कानूनों के बारे में अवगत करवाया। अधिवक्ता ललित ठाकुर ने अनुसूचित जाति अत्याचार अधिनियम, उपभोक्ता, श्रम कानून, बंधुआ मजदूरी, एफआईआर, गिरफतारी, जमानत आदि कानूनों पर प्रकाश डाला। अधिवक्ता मनीष कटोच ने लोक अदालत, मुफत कानूनी सहायता और लीगल सर्विस अथारटी की ओर से लोगों को न्याय उपलब्ध करवाने के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी।

Thursday, 20 November 2014

चरस तस्कर को सात साल का कारावास


मंडी। चरस तस्करी के आरोपी को अदालत ने सात साल के कठोर कारावास और एक लाख रूपये जुर्माने की सजा सुनाई है। आरोपी के खिलाफ संदेह की छाया से दूर अभियोग साबित होने पर अदालत ने यह फैसला सुनाया है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश (दो) डी आर ठाकुर की विशेष अदालत (तीन) ने जोगिन्द्रनगर तहसील के डिगली (हराबाग) निवासी जवाहर सिंह पुत्र मगरू राम के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत अभियोग साबित होने पर उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है। आरोपी के जुर्माना राशि निश्चित समय में अदा न करने पर उसे अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। अभियोजन पक्ष के अनुसार 26 फरवरी 2011 को जोगिन्द्रनगर थाना पुलिस का दल घट्टा पुलिस चौकी के नजदीक गश्त पर तैनात था। इसी दौरान बैजनाथ की ओर पैदल जा रहा एक व्यक्ति पुलिस दल को देखकर घबरा गया और जंगल की ओर चला गया। जिस पर पुलिस दल ने संदेह की आधार पर उक्त व्यक्ति का पीछा करके उसे काबू किया। पुलिस दल के आरोपी की तलाशी लेने पर उसकी जैकेट की जेब से 850 ग्राम चरस बरामद हुई थी। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक लोक अभियोजक अजय ठाकुर ने इस मामले की पैरवी की। अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में 14 गवाहों के बयान कलमबंद किए गये। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपी के खिलाफ चरस तस्करी का अभियोग संदेह की छाया से दूर साबित हुआ है। जिसके चलते अदालत ने आरोपी से बरामद चरस की मात्रा को देखते हुए उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है।

Tuesday, 18 November 2014

एचआरटीसी बिलासपुर को अधिक किराया वसूलना पड़ा महंगा


मंडी। एचआरटीसी बिलासपुर को ज्यादा किराया वसूलना उस समय महंगा साबित हुआ जब जिला उपभोक्ता फोरम ने उपभोक्ता से अधिक वसूले 60 रूपये ब्याज सहित अदा करने का फैसला सुनाया। इसके अलावा क्षेत्रीय प्रबंधक की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई असुविधा के बदले 1500 रूपये हर्जाना और 500 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिये हैं। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष के के शर्मा और सदस्यों रमा वर्मा व आकाश शर्मा ने सरकाघाट के लोअर पलवाहण (जमणी) निवासी दुर्गा दास पुत्र सुंदर सिंह की शिकायत को उचित मानते हुए उक्त 60 रूपये की राशि का भुगतान 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित अदा करने का फैसला सुनाया है। अधिवक्ता प्रशांत शर्मा के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार एक मई 2013 को शिकायतकर्ता ने परिवहन निगम की सरकाघाट से हरिद्वार जाने वाली बस के पांच टिकट लिये थे। जिसके लिए उनसे 431 रूपये प्रति टिकट के हिसाब से 2155 रूपये सीट आरक्षण शुल्कों सहित वसूल किये थे। उपभोक्ता ने अपने परिवार के चार अन्य सदस्यों के साथ बस में यात्रा की। उपभोक्ता के अनुसार वापिसी यात्रा के लिए उन्होने बिलासपुर डिपो की हरिद्वार से फतेहपुर का टिकट लिया। फतेहपुर सरकाघाट से 10 किलोमीटर पहले आता है। एचआरटीसी के क्षेत्रीय प्रबंधक बिलासपुर की ओर से प्रति सीट 443 रूपये के हिसाब से 2215 रूपये वसूल किये गए। एचआरटीसी की ओर से उपभोक्ता से 12 रूपये प्रति टिकट के हिसाब से अधिक वसूल किये गए। जिसके चलते उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दायर की थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि एचआरटीसी बिलासपुर के क्षेत्रिय प्रबंधक की ओर से अधिक राशि वसूल की गई है। जो निगम की सेवाओं में कमी को दर्शाता है। ऐसे में फोरम ने अपने फैसले में निगम को उपभोक्ता के पक्ष में अधिक वसूली गई 60 रूपये की राशि ब्याज सहित लौटाने के आदेश दिये। इसके अलावा निगम की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई असुविधा के चलते उक्त हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया है।

मंडी में बनाया जाए आधुनिक पुस्तकालयः शहीद भगत सिंह विचार मंच

मंडी। प्रदेश की सांस्कृतिक और बौद्धिक राजधानी मंडी में आधुनिक और बेहतरीन पुस्तकालय के निर्माण की मांग की गई है। इस संदर्भ में शहर की संस्...