Monday, 3 November 2014

सराची स्कूल को नहीं मिल पाया भवन


मंडी। प्रदेश उच्च न्यायलय के आदेश के बावजूद सराज विधानसभा क्षेत्र की थुनाग तहसील में स्थित वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सराची को अभी तक सुरक्षित भवन नहीं मिल पाया है। न्यायलय के आदेश के मुताबिक यहां पर नये स्कूल भवन का निर्माण दो साल में पूरा किया जाना था। लेकिन निर्माण पूरा होना तो दूर अभी तक स्कूल के लिए भूमि का भी चयन नहीं हो पाया है। इधर, स्कूल में पढने वाले करीब 300 छात्र- छात्राएं असुरक्षित भवन में शिक्षा प्राप्त करने के लिए विवश हैं। थुनाग तहसील के झुगाणी (कल्हणी) वासी खुबे राम पुत्र दुन्धू ने उपायुक्त मंडी को ज्ञापन सौंप कर प्रदेश उच्च न्यायलय के निर्णय के मुताबिक स्कूल को गांव देहुरीघार में स्थानांतरित करने की मांग है। उन्होने बताया कि स्कूल का भवन मलबा आने और जमीन घंसने के कारण अगस्त 2011 में क्षतिग्रस्त हो गया था। जिसके बाद इस भवन को अनसेफ घोषित कर दिया गया था। लेकिन स्कूल को देहुरीधार शिफट करने के बजाय पुराने भवन से कुछ दूर एक अन्य भवन में ले जाया गया। जहां यह स्कूल इन दिनों है वह भवन भी जीर्णशीर्ण हालत में है। जिसमें पढने वाले बच्चों की सुरक्षा दांव पर लगी हुई है। प्रदेश उच्च न्यायलय ने 22 मई 2012 को आदेश में कहा था कि शिक्षा का अधिकार मूल अधिकार है और इसे बच्चों को अच्छा माहौल देकर ही प्राप्त किया जा सकता है। उच्च न्यायलय ने प्रदेश सरकार को दो साल में स्कूल भवन के निर्माण कार्य को पूर करने को कहा था। उच्च न्यायलय ने उपमंडलाधिकारी गोहर को दो माह के भीतर स्कूल भवन के लिए सुरक्षित और सहुलियत वाली जगह सुनिश्चित करने को कहा था। खूबे राम ने बताया कि दो साल बीत जाने के बावजूद भी उच्च न्यायलय के निर्देशों के तहत न तो स्कूल भवन की जमीन का चयन किया गया और ही निर्माण किया गया है। उन्होने उपायुक्त मंडी से मांग की है कि प्रदेश उच्च न्यायलय के फैसले के तहत स्कूल को देहुरीधार में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया पर अमल किया जाए। जिससे सराची स्कूल में पढने वाले बच्चे शिक्षा के अधिकार से वंचित न रह सकें।

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