मंडी। विवाहिता को मिट्टी तेल छिडक आग लगाकर हत्या करने का अभियोग साबित होने पर अदालत ने आरोपी पति को कड़ी आजीवन कारावास की सजा का फैसला सुनाया है। इसके अलावा विवाहिता को प्रताडित करने और उसके परिजनों को जान से मारने की धमकी देने के अभियोग में भी आरोपी पर दोष साबित हुआ है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश पदम सिंह के न्यायलय ने सदर तहसील के त्रांबी चहडी (रिवालसर)
निवासी गंगाधर पुत्र गोवर्धन के खिलाफ हत्या, प्रताडना और जान से मारने की धमकी का अभियोग भादंस की धारा 302, 498-ए और 506 के तहत साबित होने पर उसे क्रमश: कडी उम्र कैद, एक-एक साल के कठोर कारावास सहित एक-एक हजार रूपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है। जुर्माना राशि निश्चित समय में अदा न करने पर उसे तीन माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। ये सभी सजाएं एक
साथ चलेंगी। अभियोजन पक्ष के अनुसार शिकायतकर्ता वीना देवी ने आईजीएमसी शिमला में अपना ब्यान दर्ज करवाया था कि उसकी शादी करीब 10 साल पहले आरोपी के साथ हुई थी। इस शादी से उसके दो लडके हैं। आरोपी शादी के बाद से ही शराब के नशे में उससे झगडा करता रहता था। वीना देवी ने बयान में बताया था कि जब भी वह फोन करती थी तो आरोपी उस पर संदेह करता था। इसी तरह 4 सितंबर 2012 को
आरोपी ने उसे कहा कि फोन की घंटी बज रही है लेकिन फोन पर कोई काल नहीं आई थी। जिस पर आरोपी ने कहा कि उसने काल डिलीट कर दी है। इस बात पर शुरू हुए झगडे के बाद आरोपी ने रसोई से स्टोब लाया और उस पर तेल छिडक कर आग लगा दी। आरोपी ने वीना देवी पर पानी फैंकने में देरी की और जब एंबुलैंस को 108 पर फोन करने को कहा तो उसने इसकी कोई सूचना नहीं दी। वीना देवी के आग लगने
से मचे शोर को सुनकर घर के बाहर से लोग वहां पहुंचे और उसे पीएचसी रिवालसर में पहुंचाया। आरोपी ने वीना को धमकी दी थी कि अगर वह घटना के बारे में किसी को बताएगी तो वह उसके भाई और माता पिता को काट डालेगा। जिसके चलते वीना ने रिवालसर पीएचसी में पुलिस के पास आग लगने का कारण स्टोब का फटना बताया। वीना की खराब हालत को देखते हुए क्षेत्रिय अस्पताल और बाद में आईजीएमसी को
रेफर किया गया। लेकिन आरोपी वीना को ले जा रही एंबुलैंस से उतर गया और उनके साथ नहीं गया। यहां से वीना को पीजीआई रेफर कर दिया गया। लेकिन हालत में सुधार न होने पर जब वीना को वापिस लाया जा रहा था तो उसकी बिलासपुर के नजदीक मृत्यु हो गई थी। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज करके आरोपी को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए
सहायक लोक अभियोजक चंपा सुरील ने अभियोग को साबित करने के लिए 32 गवाहों के बयान कलमबंद करवाए। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपी के खिलाफ पत्नी पर मिट्टी का तेल छिडक कर हत्या करने, प्रताडित करने और जान से मारने की धमकी देने का अभियोग संदेह की छाया से दूर साबित हुआ है। ऐसे में अदालत ने उसे उक्त कारावास और जुर्माने की
सजा का फैसला सुनाया है।
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