मंडी। निजी होटल के बुकिंग की अग्रिम राशि न लौटाने को सेवाओं में कमी मानते हुए जिला उपभोक्ता फोरम ने 25,000 रूपये की राशि ब्याज सहित अदा करने का फैसला सुनाया है। इसके अलावा होटल के सेवाओं
में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले तीन हजार रूपये हर्जाना और एक हजार रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने का आदेश दिया है। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष के के शर्मा और सदस्यों रमा
वर्मा व आकाश शर्मा ने समखेतर मुहल्ला में आर्यन बैंगलो होटल के समीप रहने वाले मोहिन्द्र सिंह गुलेरिया पुत्र अमर सिंह की शिकायत को उचित मानते हुए मंडी के राजमहल होटल व रेस्टोरेंट के प्रबंधक मान सिंह
और मालिक राजा अशोक पाल सेन को उपभोक्ता के पक्ष में उक्त राशि का भुगतान 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित करने का फैसला सुनाया है। अधिवक्ता आर सी चौहान के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के
अनुसार उपभोक्ता ने 11 जून 2013 को राजमहल होटल में अपने बेटे की शादी की रिसेपशन पार्टी के लिए बुकिंग करवाई थी। उनके बेटे की शादी 10 नवंबर 2013 को तय थी। उन्होने 180 मेहमानों के लिए 850
प्रति व्यक्ति के हिसाब से बुकिंग की अग्रिम राशि के रूप में 25000 रूपये होटल को अदा किये थे। लेकिन अगस्त माह के पहले सप्ताह में उपभोक्ता के रिश्तेदार का देहांत हो जाने के कारण उनके बेटे की शादी की तारीख आगे बढ़ा दी गई। जिसके चलते उन्होने होटल प्रबंधन को बुकिंग कैंसिल करने और अग्रिम राशि लौटाने के लिए कहा तो उन्हे आश्वस्त किया गया कि बुकिंग कैंसिल कर दी गई है और अग्रिम राशि एक सप्ताह में लौटा दी जाएगी। इसके बाद जब होटल की ओर से अग्रिम राशि नहीं लौटाई गई तो उपभोक्ता ने 27 अगस्त को कानूनी नोटिस जारी करके राशि की मांग की। लेकिन इसके बावजूद भी राशि अदा न करने पर उन्होने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम में सुनवाई के दौरान होटल की ओर से यह दलील दी गई कि उन्हे बुकिंग कैंसिल के बारे में उपभोक्ता की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि उपभोक्ता की ओर से शिकायत के साथ होटल को जारी किया गया कानूनी नोटिस संलगन किया गया है। जिससे जाहिर होता है कि होटल को बुकिंग कैंसिल करने की समय पर सूचना दे दी गई थी। ऐसे में फोरम ने शिकायत को उचित करार देते हुए होटल के प्रबंधक और मालिक को उपभोक्ता के पक्ष में बुकिंग की अग्रिम राशि ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिये हैं। इसके अलावा उपभोक्ता को हुई असुविधा और परेशानी के बदले हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया है।
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