Monday, 4 January 2016

दुराचार के दोषी को 10 साल कैद



मंडी। नाबालिगा से दुराचार का अभियोग साबित होने पर अदालत ने आरोपी को 10 साल के कठोर कारावास और 60500 रूपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है। आरोपी से प्राप्त होने वाली जुर्माना राशि को बतौर हर्जाना पीडिता के पक्ष में अदा किया जाएगा। वहीं पर पीडिता हर्जाना स्कीम के तहत भी पीडिता और उसके बच्चे के भरण पोषण के लिए हर्जाना अदा करने का कहा है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश (दो) मदन कुमार के न्यायलय ने बल्ह क्षेत्र के गैहरी (दसेडा) निवासी रमेश कुमार पुत्र परस राम के खिलाफ भादंस की धारा 376, 452 और 342 के तहत अभियोग साबित होने पर क्रमश: दस साल, सात साल और एक माह के कठोर कारावास और क्रमश: पचास हजार, दस हजार और पांच रूपये जुर्माने की सजा सुनाई है। आरोपी के जुर्माना राशि को समय पर अदा न करने की सूरत में उसे क्रमश: छह माह, दो माह और एक सप्ताह की अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतनी होगी। अभियोजन पक्ष के अनुसार पीडिता की माता ने 9वीं कक्षा में पढने वाली बेटी का पेट बढा हुआ देखा तो उन्होने बांगा डायगनोस्टिक सेंटर सुंदरनगर में उसका अल्ट्रा साउंड करवाया। जिससे जानकारी हुई कि पीडिता के पेट में 24 सप्ताह का भ्रुण है। ऐसे में परिजन उसे कमला नेहरू अस्पताल शिमला ले गए। जहां पर तैनात चिकित्सकों ने शिमला पुलिस को संपर्क करवा कर इस बाबत रपट दर्ज करवाई थी। शिमला पुलिस के पीडिता का ब्यान दर्ज करवाने पर उसने बताया कि आरोपी ने उससे घर में दुराचार किया था। शिमला पुलिस ने बल्ह थाना पुलिस को रूक्का भेजकर मामला दर्ज करने को कहा था। जिस पर बल्ह थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दुराचार का मामला दर्ज करके उसे हिरासत में लिया था। पीडिता ने पुलिस को बयान में बताया था कि जब वह रसोईघर में नहा रही थी तो आरोपी ने वहां आकर उससे दुराचार किया था। आरोपी गांव के रिश्ते में चाचा लगने के कारण उसने यह बात किसी को नहीं बतायी थी। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए उप जिला न्यायवादी चंपा सुरील ने 24 गवाहों के बयान कलमबंद करवाकर आरोपी के खिलाफ अभियोग साबित किया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि नाबालिग बच्ची से दुराचार गंभीर अपराध है और विशेषकर जब पीडिता को इस अपराध के कारण बच्चे को जन्म देना पडा हो। ऐसे में अदालत ने आरोपी को उक्त कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है। वहीं पर पीडिता और बच्चे की परवरिश के लिए पीडिता हर्जाना स्कीम के तहत हर्जाना देने के आदेश दिये हैं। इसके अलावा आरोपी से प्राप्त होने वाली जुर्माना राशि भी पीडिता के पक्ष में बतौर हर्जाना अदा करने का फैसला सुनाया है।
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