मंडी। किशोर अधिनियम 2000 को प्रभावी तरीके से लागू करने के उद्देश्य से रविवार को उपायुक्त कार्यालय सभागार में एक जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया । जिसका शुभारंभ जिला एवं सत्र न्यायधीश श्री बलदेव सिंह ने दीप प्रज्जवलित करके किया । कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए श्री बलदेव सिंह ने कहा कि किशोर अधिनियम 2000 को बेहतर तरीके से लागू करने के लिए सभी को मिलजुल कर प्रयास करने की आवश्यकता है । उन्होंने कहा कि हम सभी का यह उद्देश्य होना चाहिए कि बच्चों को न्याय मिले जिससे की बाल अपराध में कमी लाई जा सके । उन्होंने किशोर अधिनियम के बारे में लोगों को अधिक से अधिक जागरूक करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि माता-पिता को अपने बच्चों को बेहतर संस्कार देने चाहिए जिससे वे जुर्म जैसे कार्यो को करने से दूर रह सके । उन्होंने कहा कि समाज में लोगों के बच्चों के प्रति नजरिए को भी बदलने की जरूरत है, जिससे बच्चों का शोषण रोका जा सके । उन्होंने कहा कि किशोर हमारे देश का भविष्य है, जिनका संरक्षण किया जाना जरूरी है । इस मौके पर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश श्री मदन शर्मा ने कहा कि हम सभी को यह देखना आवश्यक है कि किशोर किस वजह से जुर्म करने के प्रति आकर्षित हो रहे हैं । हमें उन कारणाों की तलाश कर उनका निवारण करना चाहिए । मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी श्री जिया लाल आजाद ने बच्चों को बेहतर व संस्कारित शिक्षा देने की आवश्यकता पर बल दिया जिससे बच्चों में अच्छे गुण आयेंगे तथा वह किसी अपराध करने की ओर ध्यान नहीं देगें । प्रिसींपल मजिस्ट्रेट जुवेनाईल जस्टिस बोर्ड मंडी श्री विवेक खनाल ने बोर्ड की कार्यप्रणाली की जानकारी प्रदान की । इसके अलावा जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्री दुनी चंद ठाकुर, अध्यक्ष बाल कल्याण समिति श्री चंद्र सिंह ठाकुर, तहसील कल्याण अधिकारी श्री कुंदन हाजरी ने भी अपने विचार व्यक्त किए । कार्यशाला में न्यायिक अधिकारी, अधिवक्ता, पुलिस उप निरीक्षक श्री रामलाल सहित स्वास्थ्य तथा बाल विकास विभाग के अधिकारी व चाईल्ड लाईन के पदाधिकारी भी उपस्थित थे ।
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