Tuesday, 19 January 2016

जिला परिषद को राजनीतिक अखाड़ा न बनाएं, सराहन और खलवाहण वार्ड से निर्वाचित सदस्यों की अपील



मंडी। जिला परिषद के सराहन और खलवाहण वार्ड से निर्वाचित सदस्यों श्याम सिंह चौहान और संत राम ने जिला परिषद को राजनैतिक अखाडा न बनाने की अपील की है। प्रेस को जारी संयुक्त वक्तव्य में श्याम सिंह चौहान और संत राम ने कहा कि 73वें संविधान संशोधन के लागू होने के बावजूद भी महात्मा गांधी का ग्राम स्वराज का सपना अभी भी पूरा नहीं हो पाया है। उन्होने कहा कि लोकतंत्र की बुनियाद पंचायती राज संस्थाओं को सुदृढ और सशक्त करने की दिशा में केन्द्र और राज्य सरकारों की तरफ से अभी तक कोई महत्वपुर्ण पहल नहीं हो पाई है। जबकि आलम यह है कि सरकारें इन संवैधानिक संस्थाओं को पंगु बनाने में कोई कसर नहीं छोड रही हैं। इसका हालिया उदाहरण यह है कि पंचायती राज संस्थाओं के उम्मीदवार भले ही अपनी क्षमताओं से पार्टी हितों से उपर उठकर जीत कर आए हैं लेकिन राजनैतिक खेमे इन प्रतिनिधियों को अपनी-2 ओर खींचतान में लगे हैं। जिससे यह संस्थाएं राजनैतिक अखाडा बनती जा रही हैं। जिला परिषद सदस्यों ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं के अंतर्गत 29 सरकारी विभागों की जवाबदेही सुनिश्चित की गई है। जबकि वास्तविकता में कोई भी विभाग पंचायती राज संस्थाओं के लिए उतरदायी नहीं हैं। इसी तरह हिमाचल प्रदेश सरकार ने पंचायती राज कानून में उपग्राम सभा का प्रावधान किया है। लेकिन व्यवहार में सरकार की ओर से कोई उपग्राम सभा आयोजित नहीं की जा रही है। जिससे वार्ड स्तर पर ग्रामवासियों की सहभागिता के अभाव के कारण सही योजना नहीं बन पा रही है। पूरे प्रदेश में ग्राम सभाएं कोरम के अभाव में सिर्फ औपचारिकता बन के रह गई हैं। ऐसे में लोगों का इन संस्थाओं से मोह भंग हो रहा है। जिला परिषद सदस्यों ने सभी नवनिर्वाचित पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों से आहवान किया है कि दलगत राजनिती से उपर उठकर महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज का सपना साकार करने के लिए इन संस्थाओं की मजबूती के लिए पहल करें। उन्होने कहा कि स्वतंत्र छवि के साथ जीत कर आए हुए प्रतिनिधियों को लामबंद करके इन संस्थाओं को 73वें संविधान संशोधन के अनुरूप मजबूती देने का प्रयास किया जाएगा।
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