Saturday, 10 January 2015

विधिक शिविरों में लोगों ने जाने कानूनी अधिकार


मंडी। जिला विधिक प्राधिकरण की ओर से विभिन्न पंचायतों में विधिक साक्षरता शिविर आयोजित किये गए। इन शिविरों की अध्यक्षता प्राधिकरण के महासचिव अतिरिक्त मुखय न्यायिक दंडाधिकारी विवेक खनाल ने की। इस अवसर पर उन्होने कहा कि इन शिविरों का उदेश्य गरीब और जरूरतमंद लोगों को प्राधिकरण की ओर से चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जागरूक करना है। जिससे वह इनका समुचित लाभ उठा सकें। उन्होने कहा कि इन योजनाओं के तहत अब प्राधिकरण की ओर से पंचायत स्तर पर ग्रामीण विधिक संरक्षण एवं सहायता केन्द्र खोले जा रहे हैं। इन केन्द्रों में हर मंगलवार को अदालत की ओर से तैनात किए गए रिटेनर लॉयर और पैरा लीगल वालंटियर स्थानीय लोगों को मुफत कानूनी सहायता प्रदान करेंगे। उन्होने कहा कि लोगों को न्याय के जरूरतमंद लोगों को इन केन्द्रों या मंडी न्यायलय के फ्रंट आफिस तक पहुंचना होगा। जहां उन्हे सादे कागज पर आवेदन करने पर न्यायलय की ओर से अधिवक्ता, केस तथा गवाहों का खर्चा निशुल्क मुहैया करवाया जाएगा। उन्होने कहा कि एक लाख रूपये से कम आमदनी के सभी लोग, सभी महिलाएं, अनुसूचित जाति व जनजाति, अपंग, आपदा प्रभावित तथा फैक्टरी मजदूरों को मुफत कानूनी सहायता का प्रावधान है। इस मौके पर अधिवक्ता समीर कश्यप ने कहा कि इन शिविरों में लोगों को रोजमर्रा के कानूनों से अवगत करवाया जाता है वह प्रावधानों की अनभिज्ञता में अपने अधिकारों से वंचित न रह सकें। उन्होने उपभोक्ता अधिनियम, मोटर वाहन अधिनियम, मनरेगा, सूचना के अधिकार, घरेलू हिंसा अधिनियम व अन्य कानूनों पर प्रकाश डाला। इस मौके पर पंचायतों के प्रधान, सचिव, पदाधिकारी, महिला मंडल सदस्य तथा स्थानीय वासी मौजूद रहे।

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