मंडी। जिला विधिक प्राधिकरण की ओर से ग्राम पंचायत टकोली और नगवाईं में विधिक साक्षरता शिविर आयोजित किये गये। मुखय न्यायिक दंडाधिकारी जिया लाल आजाद ने इन शिविरों की अध्यक्षता की। इस
अवसर पर संबोधित करते हुए उन्होने कहा कि इन शिविरों का मकसद पंचायत स्तर पर लोगों को विभिन्न कानूनों की जानकारी देना है। जिससे वह रोजमर्रा की जिंदगी में काम आने वाले कानूनी प्रावधानों के बारे
में अवगत हो सकें तथा विभिन्न योजनाओं का समुचित लाभ उठा सकें। मुखय न्यायिक दंडाधिकारी ने कहा कि प्राधिकरण की ओर से गरीब लोगों जिनकी वार्षिक आमदनी एक लाख रूपये से कम है उन्हे मुफती
कानूनी सहायता का प्रावधान है। इसके अलावा सभी महिलाओं, अनुसूचित जाति व जनजाति, अपंग, बच्चों, आपदा प्रभावितों और फैक्टरी मजदूरों को भी यह सहायता दी जाती है। यही नहीं अगर सरकार के किसी
विभाग के खिलाफ भी केस करना हो तो उसके लिए भी यह सहायता दी जाती है। जबकि बचाव पक्ष और विचाराधीन बंदियों को भी मुफत कानूनी सहायता का प्रावधान है। उन्होने कहा कि मुफत कानूनी सहायता के
तहत केस दायर करने के लिए अधिवक्ता की तैनाती सहति केस के कागजों, दस्तावेजों और गवाहों का खर्चा दिया जाता है। यह सहायता प्राप्त करने के लिए एक सादे कागज में अपने विवाद का विवरण लिख कर
आवश्यक प्रमाण पत्रों के साथ जिला विधिक प्राधिकरण को आवेदन करना पडता है। जिसके बाद उन्हे यह सहायता मुहैया करवा दी जाती है। इस अवसर पर अधिवक्ता समीर कश्यप ने लोगों को मनरेगा, आरटीआई,
घरेलू हिंसा अधिनियम, श्रम और उपभोक्ता कानूनों के बारे में जानकारी दी। शिविरों में टकोली पंचायत की प्रधान मंजू, नगवाईं पंचायत के प्रधान रोशन लाल, घनश्याम सिंह, रूम सिंह, बीडीसी सदस्य गीता देवी,
उप प्रधान पुर्ण चंद, नरेश, शेष राम, राम प्रकाश, पैरा लीगल वालंटियर तथा पंचायतों के पदाधिकारी और स्थानीय वासी मौजूद थे।
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