मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने सिंचाई एवं जन स्वास्थय विभाग को उपभोक्ता के पानी के कनेक्शन में क्षेत्र के अन्य उपभोक्ता की तरह निर्वाध पेयजल आपूर्ती करने का फैसला सुनाया है। इसके अलावा विभाग को उपभोक्ता के पक्ष में वाटर टैंकर से पानी प्राप्त करने पर खर्च की गई 1800 रूपये की राशि तथा 2000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिये हैं। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष पुरेन्द्र वैद्या और सदस्य
रमा वर्मा ने सरकाघाट तहसील की उपतहसील बलद्वाडा के नरोला गांव निवासी बालक राम पुत्र नंद लाल की शिकायत को उचित मानते हुए सरकाघाट के कार्यकारी अभियंता और सहायक अभियंता को उक्त राशि अदा करने का फैसला सुनाया है। हालांकि फोरम ने समैला विभाग के वाटर गार्ड रिखी राम के खिलाफ शिकायत को खारिज कर दिया है। अधिवक्ता भंवर भारद्वाज के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार
उपभोक्ता ने विभाग से अपने रिहायशी मकान के लिए पानी का घरेलू कनेक्शन लिया है। उपभोक्ता साल 1984 से इस कनेक्शन का नियमित बिल दे रहे हैं। लेकिन उन्हे मात्र 15 से 20 मिनट तक ही पानी की आपूर्ती की जाती है। जिसमें उन्हे मात्र 50 से 60 लीटर पानी दिया जाता है। हालांकि इस बारे में उपभोक्ता ने अनेकों बार विभाग को अवगत करवाया। लेकिन कोई कारवाही न होने पर उन्होने विभाग को लिखित रूप से
शिकायत दी थी। हैरानी की बात यह रही कि लिखित आवेदन के बाद उपभोक्ता का कनेक्शन ही काट दिया गया। जिसके कारण उपभोक्ता को 1800 रूपये खर्च करके निजी वाटर टैंकर से पानी हासिल करना पडा। ऐसे में उपभोक्ता ने पानी का कनेक्शन बहाल करने और पानी प्राप्त करने के लिए खर्च की गई राशि को वापिस लौटाने के लिए फोरम में शिकायत दायर की थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि शिकायत दायर करने के
बाद विभाग ने उपभोक्ता का कनेक्शन बहाल कर दिया है। विभाग के कनेक्शन बहाल कर देने से जाहिर होता है कि कनेक्शन काटना न्यायोचित नहीं था तभी विभाग ने फोरम के किसी आदेश के बगैर अपने आप ही इसे बहाल कर दिया। फोरम ने विभाग को क्षेत्र के अन्य उपभोक्ताओं की तरह ही उपभोक्ता को भी निर्वाध पेयजल आपूर्ती करने के आदेश दिये हैं। इसके अलावा विभाग को उपभोक्ता के पानी प्राप्त करने के लिए खर्च
की गई उक्त राशि तथा शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया है।
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