Thursday, 12 March 2015

जितेन्द्र रघुवंशी के निधन पर इप्टा ने दी श्रद्धांजली


मंडी। इंडियन पीपल थियेटर एसोसिएशन (इप्टा) के राष्ट्रीय महासचिव जितेन्द्र रघुवंशी के निधन पर प्रदेश इकाई की ओर से मंडी में शोक सभा आयोजित की गई। जिसमें दो मिनट का मौन रख कर उन्हे विनम्र श्रद्धांजली अर्पित की गई। इस अवसर पर प्रगतिशील लेखक संघ के प्रदेशाध्यक्ष दीनू कश्यप ने कहा कि जितेन्द्र रघुवंशी के आक्समिक देहांत से सांस्कृतिक आंदोलन को अपूर्णीय क्षति पहुंची है। उन्होने सांस्कृतिक कर्मियों को जितेन्द्र रघुवंशी के अवसान से हुई क्षति की पूर्ति के लिए आगे आने का आहवान किया। जिससे प्रतिरोध और जनता की संस्कृति के लोकधर्मी माध्यमों से समाज के सामने खडे तीक्ष्ण सवालों का हल ढूंढा जा सके। इंडियन पीपल थियेटर एसोसिएशन के प्रदेश संयोजक लवण ठाकुर ने कहा कि जितेन्द्र रघुवंशी देश भर में सांस्कृतिक आंदोलन को बढाने में लगातार सक्रिय थे। करीब तीन दशकों के उनके अथक परिश्रम के बाद उन्होने देश भर की करीब 600 जिलों में इप्टा की सक्रिय इकाइयां शुरू करवाई। जितेन्द्र रघुवंशी और राष्ट्रीय अध्यक्ष ए के हंगल के दिशानिर्देशों के अनुसार इप्टा की हिमाचल इकाई भी प्रदेश में सांस्कृतिक आंदोलन की दिशा में कार्य करना शुरू किया था। जितेन्द्र रघुवंशी हर महिने देश भर में होने वाली गतिविधियों का पूरा बयौरा उपलब्ध करवाते तथा प्रदेश में होने वाली गतिविधियों की सूचनाएं प्राप्त करते थे। उन्होने कहा कि हमें जितेन्द्र रघुवंशी से प्रेरणा लेकर सांस्कृतिक आंदोलन में सक्रिय भागीदारी का जिममा उठाना चाहिए। इस मौके पर भारतीय कमयुनिस्ट पार्टी (भाकपा) की राष्ट्रिय परिषद के सदस्य देशराज शर्मा ने अपने संस्मरण बताते हुए कहा कि लखनऊ में इप्टा की वर्कशाप में जितेन्द्र रघुवंशी से मुलाकात हुई थी। जिसमें उन्हे नजदीक से देखने का अवसर मिला था। अच्छे पारिवारिक पृष्ठिभूमि से होने के बावजूद वह बेहद साधारण जीवन व्यतीत करते थे। इप्टा के महासचिव समीर कश्यप ने बताया कि जितेन्द्र रघुवंशी सोशल मीडिया के माध्यम से भी लगातार सांस्कृतिक कर्मियों से संपर्क में रह कर सांस्कृतिक आंदोलन को विस्तार देने की कोशीश में रहते थे। उनके आक्समिक निधन से सांस्कृतिक कर्मियों में शोक की लहर दौड गई है। इप्टा के सांस्कृतिक कर्मी भूपिन्द्र सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय अधिवेशन में प्रदेश का चार सदस्यीय दल जितेन्द्र रघुवंशी से मिला था। उनके देहांत से हम भारी क्षति महसूस कर रहे हैं। इस अवसर पर रवि सिंह राणा शाहिन, अमर चंद वर्मा, मुरारी शर्मा, सुरेश सेन निशांत, रूपेश्वरी शर्मा, जगदीप, जय कुमार, प्रकाश, राजन मंजू, गौरव शर्मा, मनीष देव मोहन, वेद कुमार, जितेन्द्र कश्यप और नितिश चौहान सहित अन्य सांस्कृतिक कर्मी मौजूद थे।

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