Friday, 13 March 2015

मगर पाधरू पंचायत में बताए गए कानूनी अधिकार


मंडी। जिला विधिक प्राधिकरण की ओर से वीरवार को बल्ह क्षेत्र की ग्राम पंचायत मगर पाधरु में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर की अध्यक्षता मुखय न्यायिक दंडाधिकारी जिया लाल आजाद ने की। इस अवसर पर उन्होने कहा कि प्राधिकरण की ओर से इन शिविरों के आयोजन का मकसद लोगों को उनकी रोजमर्रा की जिंदगी में काम आने वाले विभिन्न कानूनों की जानकारी देना है। जिससे वह इन कानूनों तथा योजनाओं का समुचित लाभ उठा सकें। मुखय न्यायिक दंडाधिकारी ने कहा कि एक लाख रूपये से कम वार्षिक आमदनी वाले लोगों को मुफत कानूनी सहायता का प्रावधान है। इसके अलावा सभी महिलाओं, अनुसूचित जाति व जनजाति, अपंग, बच्चों, आपदा प्रभावितों और फैक्टरी मजदूरों को भी मुफत कानूनी सहायता दी जाती है। उन्होने बताया कि सरकार के किसी विभाग के खिलाफ केस करने, बचाव पक्ष और विचाराधीन बंदियों को भी मुफत कानूनी सहायता का प्रावधान है। कानूनी सहायता के अंतर्गत केस दायर करने के लिए वकील की तैनाती, केस के कागजों व दस्तावेजों और गवाहों का पूरा खर्चा प्राधिकरण की ओर से दिया जाता है। यह सहायता प्राप्त करने के लिए एक सादे कागज में अपने विवाद का विवरण लिख कर आवश्यक प्रमाण पत्रों के साथ जिला विधिक प्राधिकरण को आवेदन करना पडता है। इस अवसर पर अधिवक्ता समीर कश्यप ने मनरेगा, आरटीआई, घरेलू हिंसा अधिनियम, उपभोक्ता व मोटर वाहन अधिनियम और पंचायतों में शुरू किये जा रहे ग्रामीण विधिक संरक्षण एवं सहायता केन्द्रों के बारे में जानकारी दी। ग्राम पंचायत मगर पाधरू के प्रधान सुभाष चंद्र ने शिविर का आयोजन करके लोगों को जानकारी देने के लिए मुखय न्यायिक दंडाधिकारी और प्राधिकरण का धन्यावाद किया। शिविर में पंचायत सचिव गोपाल दास, उपप्रधान और पैरा लीगल वालंटियर भूपेन्द्र सिंह, तरूण बिष्ट, महिला मंडल सहित स्थानीय निवासी मौजूद थे।

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