मंडी। गोहर स्थित कोर्ट परिसर के समीप बने लिटिगेशन शैड पर आवारा पशुओं ने डरा जमा दिया है। हालत यह हो गई है कि लिटिगेशन शैड में जहां वकील और दूर दराज से आए लिटिगेंट बैठते थे वहां अब आवारा पशु लेटे हुए नजर आ रहे हैं। लिटिगेशन शैड में टेवल-कुर्सियों के चारों ओर गोबर और गंदगी पसरी पड़ी है। आवारा पशुओं द्वारा फैलाई गई गंदगी के कारण वकीलों का लिटिगेशन शैड में बैठना दूभर हो
गया है। आलम यह है कि पिछले 15 दिनों से वकील और लिटिगेंट लिटिगेशन शैड में बैठ नहीं पा रहे हैं। लिटिगेशन शैड की इस दुर्दशा के खिलाफ स्थानीय अधिवक्ताओं में रोष व्याप्त है। अधिवक्ताओं ने इस बारे में कई बार स्थानीय प्रशासन से मौखिक आग्रह किया लेकिन बात नहीं बनी। प्रशासन की इस बेरूखी से बार एसोसिएशन गोहर बिफर गई है। लिटिगेशन शैड में पिछले एक माह से कब्जा जमाए आवारा पशुओं को हटाने
के लिए बार एसोसिएशन गोहर ने उपायुक्त मंडी का दरवाजा खटखटाया है। बार एसोसिएशन ने मंगलवार को प्रस्ताव पारित कर डीसी , एसपी, एसडीएम गोहर, बीडीओ गोहर और स्थानीय पंचायत बासा को आवारा पशुओं को लिटिगेशन शैड से हटाने की मांग की है। एसोसिएशन के सचिव नवनीत वशिष्ठ, कोषाध्यक्ष चेतन शर्मा, अधिवक्ता पंकज वत्सी, हर्षा शर्मा, नारायण ठाकुर, ललित ठाकुर और हेमसिंह ठाकुर ने बताया कि
लिटिगेशन शैड में आवारा पशुओं ने कब्जा जमा रखा है। इस बारे में स्थानीय प्रशासन को कई बार अवगत करवाया गया है लेकिन कोई कार्यवाई नहीं हुई। उन्होंने बताया कि सर्दी का सारा मौसम आवारा पशुओं ने लिटिगेशन शैड में गुजारा और अब भी वहां डेरा जमाए बैठे हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन हाईकोर्ट के आदेशों की अवहेलना कर रहा है। बार-बार आग्रह करने के बावजूद भी पशुओं के लिए गौ-सदन बनाने की जहमत नहीं उठाई जा रही है। नवनीत वशिष्ठ ने बताया कि प्रशासन की इस अनदेखी के कारण ही बार एसोसिएशन को प्रस्ताव के माध्यम से प्रशासन के समक्ष मामले को उठाना पड़ रहा है अगर इससे भी बात नहीं बनी तो बार एसोसिएशन प्रशासन के खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना का मामला दायर करना पड़ेगा।
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