मंडी। अंतरराष्ट्रिय महिला दिवस के अवसर पर जिला विधिक प्राधिकरण की ओर से बल्ह क्षेत्र की ग्राम पंचायत चलाह में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विवेक खनाल ने की। इस अवसर पर उन्होने कहा कि हमें अपने घर से पुरूष महिला भेदभाव समाप्त करने की शुरूआत करनी चाहिए। उन्होने कहा कि बच्चों में किसी तरह का भेदभाव नहीं करना चाहिए। लडकियों
को अच्छी खुराक मिलना इसलिए भी जरूरी क्योंकि उन्हे प्रसव वेदना से भी गुजरना होता है। ऐसे में लडकियों के भोजन में पौष्टिकता को लेकर खास ध्यान रखना चाहिए। इस अवसर पर न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर तीन अनिता शर्मा ने कहा कि महिलाओं के लिए घरेलू हिंसा अधिनियम जैसे अनेकों कानूनों के तहत सुरक्षा दी गई है। लेकिन ऐसा देखने में आया है कि महिलाएं इन कानूनों का भी समुचित लाभ
नहीं उठा पाती हैं। इस मौके पर शशी वर्मा ने कहा कि पुरूष और स्त्री जीवन रूपी वाहन के दो पहिए हैं। दोनों की ही अपनी-2 अहमियत होती है। इसलिए स्त्री विहिन समाज की कल्पना नहीं की जा सकती। उन्होने भ्रुण हत्या को अभिशाप बताया। कोर्ट मैनेजर श्यामली ने बताया कि 105 साल पहले महिला मजदूरों ने जबरदस्त हडताल करके अपने लिए वोट का अधिकार, संपति में उत्तराधिकार और समान वेतन की मांग की
थी। जिसके बाद से इस दिन को महिला दिवस के रूप में मनाया जाना शुरू हुआ। इस अवसर पर अधिवक्ता समीर कश्यप ने कहा कि महिलाओं के लिए कई तरह के कानून होने के बावजूद महिलाओं के खिलाफ अपराधों का ग्राफ बढते जाना चिंता का विषय है। उन्होने कहा कि महिलाएं बेहतर शिक्षा से ही अपने जीवन का स्तर उन्नत कर सकती हैं। कार्यक्रम में एचडीएफसी बैंक के कलस्टर हैड अरविंद, ग्राम
पंचायत चलाह के प्रधान महंत भारद्वाज, सचिव जोगिन्द्र पाल, लोकेश शर्मा, नवल किशोर, बलबीर तथा स्थानीय पंचायत की महिलाएं व स्थानीय वासी मौजूद थे।
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